सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। इस भक्त शिव की आराधना करते हैं। आज हम ॐ शब्द के बार में बात करेंगे। ॐ शब्द भगवान शिव का अति प्रिय है। इसके अलावा कोई भी मंत्र ॐ के बिना नहीं शुरू होता है। साथ ही किसी भी देवी देवताओं का नाम ॐ के साथ ही लिया जाता है। यह शब्द हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना गया है। इसके अलावा विज्ञान ने भी इस शब्द को मेडिकेटेड माना है। ॐ की ध्वनी मात्र से ही मान को शांति प्राप्त होती है। इस शब्द में बहुत शक्ति है तभी तो इसके जाप से रोगों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कि ओम शब्द का उच्चारण करने का सही तरीका क्या है और इस शब्द को किस समय बोलने से इसका अच्छा असर होता है।
कैसे करें ॐ का उच्चारण।
सबसे पहले यह जान लें कि ॐ अपने आप में एक सम्पूर्ण मंत्र है। यह मंत्र छोटा और आसान नजर आता है लेकिन उतना ही मुश्किल इसका उच्चारण होता है। अमूमन लोग ॐ का गलत उच्चारण करते हैं। आपको बता दें कि हिंदू धर्म में किसी भी मंत्र का गलत उच्चारण करने से इसका बुरा असर पड़ता है। ओम शब्द तीन अक्षरों से मिल कर बना है। यह अक्षर है अ, उ और म. इसमें अ का अर्थ है उत्पन्न करना, उ का मतलब है उठाना और म का अर्थ है मौन रहना यानी जब यह तीनों शब्द मिलते हैं तो उसका अर्थ होता है ब्रह्मलीन हो जाना। इसलिए आप जब भी ॐ का उच्चारण करें तो इन तीन अक्षरों को ध्यान में रख कर करें।
ॐ शब्द का उच्चारण करते वक्त एक विशेष ध्वनि उत्पन्न होती है जिससे शरीर के अलग-अलग भाग में कंपन होता है. जब आप उ बोलते हैं तो आपके शरीर के मध्य भाग में कंपन होता है। इससे आपके सीने, फेफड़ों और पेट पर बहुत अच्छा असर पड़ता है। वहीं जब आप म बोलते हैं तो इसकी ध्वनि से मस्तिस्क में कंपन होता है। इससे दिमाग की सारी नसे खुल जाती हैं। शरीर के महत्वपूर्ण ऑर्गेंस इन्हीं दोनों हिस्सों में होते हैं। ॐ के स्वर से जो कंपन होता है वह शरीर को अंदर से शुद्ध करता है। इतना ही नहीं यह आपकी स्मरण शक्ति और ध्यान लगाने की क्षमता को सुधारता है. ॐ के उच्चारण से मानसिक शांति मिलती है। मान्यता है कि इस शब्द का स्वर इतना पवित्र होता है कि यदि आप तनाव में हैं तो वह भी दूर हो जाता है। यह शब्द सोचने समझने के तरीके को बदलता है और छोटी-छोटी परेशानियों से बाहर निकलने का रास्ता बताता है।
ॐ को बोलने का सही समय।
हर चीज को करने का एक सही समय होता है। किसी भी मंत्र के उच्चारण का भी एक समय होता है। अगर आप किसी भी मंत्र को बेटाइम ही बोलना शुरू कर देंगे तो शायद इसका अच्छा नहीं बुरा असर पड़े। इसी तरह ॐ मंत्र को बोलने का एक सही समय होता है। कहते हैं कि अगर आप ॐ का उच्चारण करना चाहते हैं और इसके लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको सुबह सूर्य उदय होने से पूर्व किसी शांत जगह पर सुखासन मूद्रा में बैठ कर ॐ का उच्चारण करना चाहिए। ध्यान रहे कि जब आप ॐ का उच्चारण करें तो इसकी संख्या 108 होनी चाहिए।
जब आप ॐ शब्द का उच्चारण करें तो आपको केवल इस शब्द पर ही पूरा फोकस करना है। इस शब्द को बालते वक्त आपको इसे अंदर से महसूस करना है। इस शब्द के उच्चारण के समय आपको ध्यान लगाने के साथ-साथ इस शब्द को देखना भी है, मगर मन की आंखों से। इसके लिए आपको आंखें बंद कर के ॐ का उच्चारण करना चाहिए। इससे आप पूरे ध्यान और मन के साथ इस मंत्र का जाप कर पाएंगे।
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