यहां तैनात किए जाएंगे अर्जुन टैंक।
चेन्नई में आज 124 अर्जुन टैंकों के पहले बैच के बेड़े में 118 टैंक शामिल होंगे। जिन्हें पहले ही सेना में शामिल किया जा चुका है और उन्हें पाकिस्तान के मोर्चे पर पश्चिमी रेगिस्तान में तैनात किया गया है। बताते चलें कि 118 अर्जुन टैंक भी पहले के 124 टैंकों की तरह भारतीय सेना के बख्तरबंद कोर में दो रेजिमेंट बनाएंगे। पश्चिमी राजस्थान में इनके कोर होने का मतलब है कि पाकिस्तान इनके निशाने से दूर नहीं होगा।
पाकिस्तान का काल अर्जुन टैंक।
कुल मिलाकर पुलवामा के बाद यूं तो पाकिस्तान भारत की तरफ आंख उठाने से भी डरता है, लेकिन आने वाले समय में अगर उसने ऐसा कुछ भी सोचा तो उसके जहन में ये तस्वीर जरूर आएगी, जिसमें उसे अपना काल नजर आएगा।
अर्जुन टैंक की खासियत।
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने अर्जुन टैंक की फायर पावर क्षमता को काफी बढ़ाया है। अर्जुन टैंक में नई टेक्नोलॉजी का ट्रांसमिशन सिस्टम है। इससे अर्जुन टैंक आसानी से अपने लक्ष्य को ढूंढ लेता है। अर्जुन टैंक युद्ध के मैदान में बिछाई गई माइंस हटाकर आसानी से आगे बढ़ने में सक्षम है। अर्जुन टैंक में केमिकल अटैक से बचने के लिए स्पेशल सेंसर लगे हैं।
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