5 डिजाइन में से एक को किया गया सिलेक्ट।
लोगो की बात करें, तो उसमें गंगा की लहरों में स्वस्तिक चिन्ह बने कलश से अमृत की बूंदे छलकती दिख रही हैं। मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि कुंभ प्राधिकरण ने पहले आम लोगों से डिजाइन मांगे थे। लेकिन वे पसंद नहीं आए। इसके बाद डिजाइनर्स को लोगो बनाने का काम सौंपा गया। 4 से 5 लोगो बनवाए गए और उसे कमेटी के पास भेजा गया। लोगो को पास करने वाली कमेटी में सीएम रावत समेत अखाड़ा परिषद के संत शामिल थे।
सुरक्षा पर विशेष ध्यान।
एक ओर जहां कुंभ शुरू हो रहा है, वहीं दूसरी ओर देश के अन्य राज्यों में कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में ना सिर्फ स्लोगन में सुरक्षा को एंट्री दी गई है, बल्कि कुंभ में भी लोगों की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। आने वाल लोगों का टेस्ट कराया जा रहा है। साथ में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 4 महीने के कुंभ को घटा कर 28 दिन कर दिया गया है।
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