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Tuesday, September 8, 2020

सुनील शेट्टी अपने गैराज में एक और कार को दी जगह।

सुनील शेट्टी भी अपनी महंगी कारों के शौक के लिए जाने जाते हैं। उनके गैराज में एक से बढ़कर कई बड़ी महंगी गाडियां सामिल हैं, जिनमें Hummer H3, Jeep Wrangler, Mercedes-Benz GLS 350D और E 350D के अलावा उनके पास Toyota Prado और Range Rover Vogue शामिल हैं। अभी हाल ही में उन्होंने एक और लग्जरी गाड़ी को अपने गैराज में सामिल किया है। जिसका नाम बीएमडब्लू एक्स 5 हैं। इसकी जानकी बीएमडब्लू कम्पनी के ऑफिशयल
 इंस्टाग्राम अकाउंट से दिया गया।
BMW X5 की कीमत
जर्मनी की लग्जरी कार निर्माता कंपनी ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए सुनील शेट्टी को उनकी लेटेस्ट कार के लिए बधाई दी। BMW X5 की मौजूदा एक्स शोरूम कीमत xDrive 30d Sport वेरिएंट के लिए 74.9 लाख रुपये से शुरू होती है, जो xDrive 40i M Sport वेरिएंट के लिए 84.4 लाख रुपये तक जाती है।
BMW X5 का इंजन
BMW X5 को भारत में X6 और X7 के नीचे रखा गया है। यह पेट्रोल और डीजल इंजन के ऑप्शन के साथ आती है। इसमें 3.0-लीटर इनलाइन, 6-सिलेंडर इंजन मिलता है। यह इंजन 340 hp का पावर और 450 Nm का टार्क जेनरेट करता है। ट्रांसमिशन ऑप्शन में इस कार में एक 8-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स शामिल है, जो एक स्टैंडर्ड ऑल-व्हील-ड्राइव सिस्टम के जरिए सभी व्हील्स तक पावर पहुंचाता है।
BMW X5 के शानदार फीचर्स
इसमें Apple CarPlay के साथ 12.3 इंच का HD इंफोटेनमेंट सिस्टम, 3D मैप्स, iDrive टच और वॉयस कंट्रोल, हरमन कार्डन के 16 स्पीकर, 12.3 इंच का फुल डिजिटल इंस्ट्रूमेंट पैनल, पैनोरमिक सनरूफ, 4-जोन क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम, 6-एयरबैग, एडेप्टिव फंक्शन के साथ लेजर लाइट हेडलैंप, EBD के साथ ABS जैसे फीचर्स दिए गये हैं।

Monday, September 7, 2020

सांसद/प्रदेश के गृहमंत्री के धमकी से डरी भारत सरकार कंगना रनौत को दी Y श्रेणी सुरक्षा।

भारत के इतिहास में ऐसा कई मौका आया जिसमें किसी ना किसी पार्टी के सदस्य को या किसी प्रसिद्ध व्यक्ति को किसी अंडरवर्ल्ड की धमकी या आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए सुरक्षा दी जाती हो। लेकिन अब समय और परिस्थितियां बदल चुकी हैं। अब यह घटनाएं आम होने जा रही हैं। आज कल देश के सांसद/प्रदेश के गृहमंत्री और एक प्रदेश की रूलिंग पार्टी की धमकी की वजह से सुरक्षा देनी पड़ रही है। भारत और भारत सरकार के लिए यह बहुत दुख का समय है। जहां उसके अपने देश के सांसद/प्रदेश के गृहमंत्री राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक समाचार के माध्यम से खुला धमकी दे रहे हैं।
महारास्ट्र राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार को कहा कि ‘मुंबई पुलिस पर टिप्पणी करने के बाद उन्हें ( कंगना रनौत) शहर में रहने का कोई अधिकार नहीं है।’
महाराष्ट्र सरकार की पार्टी शिवसेना सांसद संजय राउत ने कंगना को कथित तौर पर 'मुंबई नहीं आने' की धमकी दी थी। और एक दूसरे ब्यान में अभिनेत्री कंगना रनौत को गाली तक दे दिया था।
अहम बात यह नहीं है कि कंगना रनौत को Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई। जो सुरक्षा किसी आतंकवादी,अंडरवर्ल्ड की धमकी देने के बाद दी जाती हैं। वह सुरक्षा अब अपने ही देश के महाराष्ट्र राज्य के सांसद/प्रदेश के गृहमंत्री के धमकी देने के बाद भारत सारकर को देना पड़ा है। यह सुरक्षा अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर धब्बा है।

कंगना को मिली Y श्रेणी की सुरक्षा, अमित शाह को किया धन्यवाद

शिवसेना से जारी तकरार के बीच कंगना रनौत के लिए राहत की खबर केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार की सिफारिश पर अभिनेत्री को Y कैटेगिरी की सुरक्षा को हरी झड़ी दे दी है। कंगना ने इस बात की खुद तस्दीक करते हुए कहा गृराज्यमंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि ये प्रमाण है की अब किसी देशभक्त आवाज़ को कोई फ़ासीवादी नहीं कुचल सकेगा,मैं अमित शाह जी की आभारी हूँ वो चाहते तो हालातों के चलते मुझे कुछ दिन बाद मुंबई जाने की सलाह देते मगर उन्होंने भारत की एक बेटी के वचनों का मान रखा, हमारे स्वाभिमान और आत्मसम्मान की लाज रखी, जय हिंद
शिव सेना से मिल रही थी धमकियां!
मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ बयानबाजी के बाद शिवसेना के कई नेताओं द्वारा एक्ट्रेस कंगना रनौत को कथित तौर पर धमकी मिल रही थी, जिसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है। बता दें, कंगना रनौत ने 9 सितंबर को मुंबई पहुंचने का ऐलान किया है, लेकिन शिवसेना से जारी तकरार के बीच केंद्र सरकार ने सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया है।
हिमाचल सरकार भी चिंता जाहिर की थी!
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को कहा था कि राज्य सरकार बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को सुरक्षा उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार कंगना को नौ सितम्बर को उनकी मुंबई यात्रा के लिए सुरक्षा उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है।
क्या था मामला
दरअसल पिछले दिनों शिवसेना सांसद संजय राउत ने कंगना को कथित तौर पर 'मुंबई नहीं आने' की धमकी दी थी, जिसके बाद कंगना रनौत ने संजय राउत पर एक के बाद एक कई हमले किए थे। कंगना को चुनौती देना संजय राउत के गले की फांस साबित हो रहा है, अभिनेत्री ने अपने ऊपर हमले को अभिव्यक्ति की आजादी से जोड़ दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि इस तरह की बयानबाज़ी से देश की बेटियां उन्हें कभी 'माफ' नहीं करेगी। कंगना ने कुछ दिनों पहले ही मुंबई पुलिस की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे, उन्होंने ये भी कहा था कि वो मुंबई पुलिस से सुरक्षा लेने की जगह केंद्र या फिर हिमाचल सरकार से इसकी फरियाद करेगी। 'क्वीन' अभिनेत्री सुशांत मामले में मुंबई पुलिस के रवैये पर लगातार सवाल उठाती रही हैं जिसके बाद से ही वो शिवसेना के निशाने पर हैं।

Sunday, September 6, 2020

क्या आप जानते हैं, इस्लाम के नुमाइश करता इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लेकर क्या क्या तर्क दिया।

1. रेलगाड़ी:- जब रेलगाड़ी आई तो मौलानाओ ने फरमाया कि हमारे नबी ने दुनिया के सर्वनाश की एक निशानी यह बताई थी कि जब लोहा लोहे पर चलेगा तो कयामत आएगी लेकिन आज माशा-अल्लाह उलेमा इसी लोहे के बर्थ पर नमाज़ें अदा करते नजर आते हैं।
2. लाउडस्पीकर:- जब लाउडस्पीकर आया तो उसकी आवाज़ को गधे की आवाज़ से तुलना कर उसे शैतानी यंत्र करार दे दिया गया लेकिन आज हर मस्जिद और आलिम मजलिस में सुवरचिघ्घाड़ के लिए ये जरूरी है।
3. हवाईजहाज:- जब हवाईजहाज की चर्चा आम हुई तो उलेमाओं ने कहा कि जो इस लोहे में उड़ेगा उसका निकाह खत्म हो जाएगा लेकिन जाहिर है कि आज अल्हमदुलिल्लाह
इसी लोहे पर उड़ कर मुसलमान हज व उमरा की नेकियां बटोर रहे हैं।
4. मुर्गी:- मुर्गी पर भी फतवे लगे ऐसी घरेलू मुर्गी जो बाहर से दाना चुग कर आई हो उसे हलाल नहीं किया जा सकता पहले उसे तीस दिनों तक दड़वे में रखा जाए फिर हलाल किया जाए।
5.पोल्ट्री फार्म:- जब पोल्ट्री फार्म की मुर्गी आई थी तो उसके अंडों पर फतवा लगा क्योंकि उन अंडों का कोई बाप नहीं था।
6. प्रिंटिंग प्रेस:- युरोप में जब प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार हुआ तो उसे इस्लाम में हराम करार दे दिया गया क्योंकि उससे पहले मुस्लिम उलेमा वज़ू करके कुरान व हदीस की किताबों को हाथों से लिखते थे।
उलेमाओं का मानना था कि ये नापाक मशीन है जिस पर अल्लाह और रसूल का कलाम छापना हराम है लेकिन अब ये पूरी तरह हलाल हो गई है।
7. अंग्रेजी चिकित्सा पद्धति:- अंग्रेजों ने जब नई चिकित्सा पद्धति अपनाया तो टीके पर भी फतवा लगा उसपर ऐसी लम्बी लम्बी बहसें हुईं कि अगर उन्हें एक जगह जमा करके पढ़ा जाए तो आदमी हंसते हंसते लोट पोट हो जाए।
8. रक्तदान:- रक्तदान भी इस्लाम मे हराम कर दिया गया इनके अनुसार रक्तदान करना हराम है पर अपने जिस्म पर किसी और का खून चढ़वाना हराम नही है।
लेकिन आज देश में ऐसा कौन सा अस्पताल है जहां ये सहूलियत मौजूद न हो अब तो रक्तदान नेकी का काम है।
9. फोटो सेल्फी:- फोटो खिंचाना हराम है, लेकिन आज कौन सा ऐसा मुसलमान है जो इससे इनकार करता हो सऊदी अरब जैसा कट्टर मुस्लिम देश भी नहीं करता।
10. टेलीविजन:- टेलीविजन को हराम ही नहीं बल्कि उसे शैतानी डिब्बा कहा गया. जमाअतुत दावा के एक मासिक पत्रिका में उसके खिलाफ लगातार लेख छपते रहे लेकिन आज उसी के बड़े रहनुमा इसी शैतानी डिब्बा में अपनी ईमान से भरी तकरीर से उम्मत को नवाजते रहते है और भी बड़े बड़े उलेमा तो ज्यादा समय इसी डिब्बे में गुजारते हैं।
11. एटीएम मशीन:- इसी तरह एटीएम मशीन को लेकर भी अफवाह फैलाई गई कि इस्लाम में एटीएम मशीन का उपयोग हराम है। इस मुद्दे पे कुछ दिन पहले आप मुस्लमान के कुछ ठेकेदारों ने टीवी पे अपनी ब्यान भी दिया था। मगर भोली भाली जनता को गुमराह कर ये बुद्धिजीवी लोग हर इलेक्ट्रोनिक मीडिया का इस्तेमाल बहुत अच्छे से करते अा रहे है।
सवाल ये है कि मुस्लमान के ठेकेदारों सरदार मौलाना किनके इशारे पर अपने इरादों और फतवों में बदलाव करते है। पहले हराम फिर उसी में आराम।

जाने अपने विष्णू स्तम्भ को जो अब मुस्लिम आक्रनता कुतुबुद्दीन ऐबक ने क़ुतुबमीनार बना दिया।

अगर आप दिल्ली घुमने गए है तो आपने कभी विष्णू स्तम्भ (क़ुतुबमीनार) को भी अवश्य देखा होगा. जिसके बारे में हमारे इतिहास के पन्नों में बताया गया है कि उसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनबाया था। हम कभी जानने की कोशिश भी नहीं करते हैं कि कुतुबुद्दीन कौन था, उसने कितने बर्ष दिल्ली पर शासन किया, उसने कब विष्णू स्तम्भ (क़ुतुबमीनार) को बनवाया या विष्णू स्तम्भ (कुतूबमीनार) से पहले वो और क्या क्या बनवा चुका था। कुतुबुद्दीन ऐबक, मोहम्मद गौरी का खरीदा हुआ गुलाम था। मोहम्मद गौरी भारत पर कई हमले कर चुका था।मगर हर बार उसे हारकर वापस जाना पडा था। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की जासूसी और कुतुबुद्दीन की रणनीति के कारण मोहम्मद गौरी, तराइन की लड़ाई में पृथ्वीराज चौहान को हराने में कामयाब रहा और अजमेर/दिल्ली पर उसका कब्जा हो गया।
अजमेर पर कब्जा होने के बाद मोहम्मद गौरी ने चिश्ती से इनाम मांगने को कहा। तब चिश्ती ने अपनी जासूसी का इनाम मांगते हुए, एक भव्य मंदिर की तरफ इशारा करके गौरी से कहा कि तीन दिन में इस मंदिर को तोड़कर मस्जिद बना कर दो। तब कुतुबुद्दीन ने कहा आप तीन दिन कह रहे हैं। मैं यह काम ढाई दिन में कर के आपको दूंगा। कुतुबुद्दीन ने ढाई दिन में उस मंदिर को तोड़कर मस्जिद में बदल दिया। आज भी यह जगह "अढाई दिन का झोपड़ा" के नाम से जानी जाती है। जीत के बाद मोहम्मद गौरी, पश्चिमी भारत की जिम्मेदारी "कुतुबुद्दीन" को और पूर्वी भारत की जिम्मेदारी अपने दुसरे सेनापति "बख्तियार खिलजी" (जिसने नालंदा को जलाया था) को सौंप कर वापस चला गय था ।
कुतुबुद्दीन कुल चार साल ( 1206 से 1210 तक) दिल्ली का शासक रहा। इन चार साल में वो अपने राज्य का विस्तार, इस्लाम के प्रचार और बुतपरस्ती का खात्मा करने में लगा रहा। हांसी, कन्नौज, बदायूं, मेरठ, अलीगढ़, कालिंजर, महोबा, आदि को उसने जीता। अजमेर के विद्रोह को दबाने के साथ राजस्थान के भी कई इलाकों में उसने काफी आतंक मचाय।
विष्णु स्तम्भ 
जिसे क़ुतुबमीनार कहते हैं वो महाराजा वीर विक्रमादित्य की वेदशाला थी। जहा बैठकर खगोलशास्त्री वराहमिहर ने ग्रहों, नक्षत्रों, तारों का अध्ययन कर, भारतीय कैलेण्डर "विक्रम संवत" का आविष्कार किया था। यहाँ पर 27 छोटे छोटे भवन (मंदिर) थे जो 27 नक्षत्रों के प्रतीक थे। और मध्य में विष्णू स्तम्भ था, जिसको ध्रुव स्तम्भ भी कहा जाता था। दिल्ली पर कब्जा करने के बाद उसने उन 27 मंदिरों को तोड दिया। विशाल विष्णु स्तम्भ को तोड़ने का तरीका समझ न आने पर उसने उसको तोड़ने के बजाय अपना नाम दे दिया। तब से उसे क़ुतुबमीनार कहा जाने लगा। कालान्तर में यह सब झूठ प्रचारित किया गया कि क़ुतुब मीनार को कुतुबुद्दीन ने बनबाया था। जबकि वो एक विध्वंशक सासक था न कि कोई निर्माता।
कुतुबुद्दीन ऐबक की मौत का सच
अब बात करते हैं, कुतुबुद्दीन की मौत की। इतिहास की किताबो में लिखा है, कि उसकी मौत पोलो खेलते समय घोड़े से गिरने से हुई। ये अफगान / तुर्क लोग "पोलो" नहीं खेलते थे। पोलो खेल अंग्रेजों ने शुरू किया। अफगान/तुर्क लोग बुजकशी खेलते हैं जिसमे एक बकरे को मारकर उसे लेकर घोड़े पर भागते है, जो उसे लेकर मंजिल तक पहुंचता है, वो जीतता है। कुतबुद्दीन ने अजमेर के विद्रोह को कुचलने के बाद राजस्थान के अनेकों इलाकों में कहर बरपाया था। उसका सबसे कडा विरोध उदयपुर के राजा ने किया। परन्तु कुतुबद्दीन उनको हराने में कामयाब रहा। उसने धोखे से राजकुंवर कर्णसिंह को बंदी बनाकर और उनको जान से मारने की धमकी देकर, राजकुंवर और उनके घोड़े शुभ्रक को पकड कर लाहौर ले आया।
एक दिन राजकुंवर ने कैद से भागने की कोशिश की, लेकिन पकड़ा गया। इस पर क्रोधित होकर कुतुबुद्दीन ने उसका सर काटने का हुकुम दिया। दरिंदगी दिखाने के लिए उसने कहा कि बुजकशी खेला जाएगा लेकिन इसमें बकरे की जगह राजकुंवर का कटा हुआ सर इस्तेमाल होगा। कुतुबुद्दीन ने इस काम के लिए, अपने लिए घोड़ा भी राजकुंवर का "शुभ्रक" चुना। कुतुबुद्दीन "शुभ्रक" घोडे पर सवार होकर अपनी टोली के साथ जन्नत बाग में पहुंचा। राजकुंवर को भी जंजीरों में बांधकर वहां लाया गया। राजकुंवर का सर काटने के लिए जैसे ही उनकी जंजीरों को खोला गया, शुभ्रक घोडे ने उछलकर कुतुबुद्दीन को अपनी पीठ से नीचे गिरा दिया और अपने पैरों से उसकी छाती पर कई बार वार किये, जिससे कुतुबुद्दीन वहीं पर मर गया।
शुभ्रत मरकर भी अमर हो गया
इससे पहले कि सिपाही कुछ समझ पाते राजकुवर शुभ्रक घोडे पर सवार होकर वहां से निकल गए। कुतुबुदीन के सैनिको ने उनका पीछा किया मगर वो उनको पकड न सके। शुभ्रक कई दिन और कई रात दौड़ता रहा और अपने स्वामी को लेकर उदयपुर के महल के सामने आ कर रुका। वहां पहुंचकर जब राजकुंवर ने उतर कर पुचकारा तो वो मूर्ति की तरह शांत खडा हो गया था। वो मर चुका था, सर पर हाथ फेरते ही उसका निष्प्राण शरीर लुढ़क गया। कुतुबुद्दीन की मौत और शुभ्रक की स्वामिभक्ति की इस घटना के बारे में हमारे स्कूलों में नहीं पढ़ाया जाता है। लेकिन इस घटना के बारे में फारसी के प्राचीन लेखकों ने काफी लिखा है।धन्य है भारत की भूमि जहाँ इंसान तो क्या जानवर भी अपनी स्वामी भक्ति के लिए प्राण दांव पर लगा देते हैं।

मै सच्चाई बयां करने की कोशिश की है। इसमें लिखे सारी जानकारियां तथ्यों के साथ आप स्वयं भी प्राप्त कर सकते है।

Saturday, September 5, 2020

भारत और रूस के बीच AK 203 रायफल की खरीद को मंजूरी। जाने क्या है खास।

भारत और रूस के बीच AK 203 रायफल की खरीद का समझौता पर दोनों देशों की मंजूरी की मुहर लग गई हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मॉस्को दौरे पर इस डील पर मुहर लग गई है। AK 203 रायफल AK-47 का एडवांस्ड वर्जन है। भारतीय सेना के लिए 7 लाख 70 हज़ार AK 203 रायफल की ज़रूरत है। इनमें से 1 लाख AK 203 रायफल रूस से आयात की जाएंगी।

दुनिया की सबसे खतरनाक रायफल
पिछले 70 वर्षों से एके 47 यानी ऑटोमैटिक Kalashnikov (कलाश्निकोव) दुनिया का सबसे जाना पहचाना हथियार है। भारतीय सेनाओं को और घातक बनाने के लिए अब इसे नए हथियारों से लैस किया जा रहा है। इसके लिए एके 47 रायफलों को रिप्लेस कर ज्यादा आधुनिक एके 203 रायफल दिए जाने पर काम चल रहा है।
AK-47 का Advance वर्जन है AK-203
Kalashnikov कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ मिखाइल बताते हैं कि ये पहले से कहीं ज्यादा आधुनिक और नए जमाने के मुताबिक बनाई गई रायफल है। AK-203 रायफल 60 गोलियों वाली मैगजीन लगाई जा सकती है
उन्होंने कहा कि एके 203 में 30 के बदले 60 गोलियों वाली मैगज़ीन लगाई जा सकती है। इससे ये पहले से ज्यादा देर तक दुश्मनों का मुकाबला करेगी। मौसम चाहे कितना भी खराब हो. बर्फबारी हो रही हो या धूल भरी आंधी हो। एके 203 हर मौसम में काम करेगी। दावा है कि एके 203 पुरानी गन के मुकाबले 30 प्रतिशत ज्यादा सटीक निशाना लगाती है।
अमेठी में तैयार होगा 6.7 लाख AK-203 रायफल
समझौते के तहत भारत और रूस मिलकर उत्तर प्रदेश के अमेठी में एके सीरीज़ की सबसे आधुनिक राइफल बनाएंगे। Make In India के तहत यहां साढ़े सात लाख राइफलें बनाई जाएंगी। रूस के फेडरल मिलिट्री Cooperation के डायरेक्टर दिमित्री सुगायेव कहते हैं कि AK-203 से हमें ज्यादा सफलता मिलेगी। यह दूसरी रायफलों से अलग है। भारत ऐसा पहला देश है जिसके साथ मिलकर Kalashnikov रायफल बनाई जाएंगी।
रूस की स्पेशल फोर्सेज अपने मिशन में AK-203 पर भरोसा करती हैं
मिखाइल कलाश्निकोव ने किया था डिजाइन
AK 203 पुरानी AK 47 का नया अवतार है। AK 47 का पूरा नाम Automatic Kalashnikov (कलाश्निकोव) 47 है, इस राइफल का निर्माण वर्ष 1947 में शुरु हुआ था। और इसका नाम Mikhail (मिखाइल) Kalashnikov (कलाश्निकोव) के नाम पर पड़ा था, जिन्होंने इस रायफल को डिज़ाइन किया था।
हर मौसम में काम करना भी AK 203 की बड़ी खूबी है। ये रायफल सियाचिन की माइनस 35 डिग्री की ठंड, थार रेगिस्तान की धूल भरी हवा और North East की Non Stop बारिश वाले मौसम में भी बिना रूके काम करेगी। AK 203 की गोलियां फायर करने की रफ्तार भी काफी तेज है। ये रायफल 60 सेकेंड में 600 गोलियां दाग सकती है। यानी एक सेकेंड में 10 गोलियां। ऐसी घातक क्षमता का मुकाबला करना किसी के लिए भी आसान नहीं है।
नाइट विजन कैमरे भी लगाए जा सकते हैं। भारतीय सैनिक चौबीसों घंटे आतंकवादियों से लड़ने के लिए तैयार रहते हैं। इसलिए AK 203 रायफल में Night Vision यानी रात में देखने में मदद करने वाले उपकरण भी लगाए जा सकते हैं। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में AK सीरीज की रायफल इस्तेमाल की जाती है।

शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं! उन सभी शिक्षक गण को नमन जिन्होंने हमें आगे बढ़ाने में मदद की।

विश्व के तमाम देशों में शिक्षक दिवस को भिन्न भिन्न रूपो में मनाया जाता है। किसी देश में छुट्टी घोषित कर मनाया जाता हैं तो कहीं कार्य को करते हुए मनाया जाता हैं। भारत में शिक्षक दिवस को बहुत ही खूबसूरत ढ़ंग से मनाया जाता हैं। जिनमें स्कूली बच्चे अपना तरह तरह के कार्यक्रम नृत्य नाटक आदि कर के मानते है। भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है।

हम सभी आज जो भी हैं अपने शिक्षकों के प्रयासों और नेक मार्गदर्शन के कारण ही हैं। भारतीय जीवन-दर्शन में गुरुओं को ईश्वर से भी बढ़कर बताया गया है। भिन्न भिन्न कवी, लेखकों ने गुरु की महिमा को अपने अपने विचारों को भिन्न भिन्न तरीको से व्यक्त किया है।
कबीर दास जी कहते हैं...
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागै पाएं ।
बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दिओ बताए।।

शिक्षक दिवस की शुरुआत और इसके इतिहास के बारे में बात करें तो द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु में हुआ था। उन्हीं के सम्मान में इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन देश के द्वितीय राष्ट्रपति थे और उन्हें भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद्, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक के तौर पर याद किया जाता है। पूरे देश को अपनी विद्वता से अभिभूत करने वाले डा. राधाकृष्णन को भारत सरकार ने सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था।
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

इस शिक्षक दिवस के अवसर पर हम उन तमाम गुरुओं को नमन वंदन करते।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...