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Tuesday, February 9, 2021

Israel PM नेतन्याहू के खिलाफ फिर से शुरू हुआ भ्रष्टाचार का मुकदमा। 20 मिनट में कोर्ट छोड़ निकले।

इजराइल (Israel) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ( PM Benjamin Netanyahu) ने सोमवार को यरूशलम में भ्रष्टाचार के मुकदमे की फिर से सुनवाई शुरू होने पर खुद को दोषी न ठहराए जाने का आग्रह किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यरूशलम जिला अदालत में 3 जजों के पैनल के सामने नेतन्याहू पेश हुए और अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया।

नेतन्याहू ( PM Benjamin Netanyahu) ने अपने वकीलों द्वारा पेश किए गए एक दस्तावेज का जिक्र करते हुए कहा, "मैं अपने नाम से लिखे गए जवाब की पुष्टि करता हूं"।

20 मिनट में ही कोर्ट से चले गए नेतन्याहू।
इस जबाव में उन्होंने रिश्वत, धोखाधड़ी और विश्वास के उल्लंघन के आरोपों को खारिज किया है। हिब्रू भाषा के हाएट्रज अखबार ने बताया कि जजों से अनुमति लेकर वह 20 मिनट में ही कोर्ट से चले गए थे और उनके वकील उनकी ओर से बहस करते रहे। उनके वकील बोअज बेन जूर और अमित हदाद ने तर्क दिया कि संवैधानिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया था। साथ ही अभियोजन पक्ष ने आरोप को खारिज कर दिया।

3 अलग-अलग मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप।
बता दें कि इजराइल में सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले नेतन्याहू के खिलाफ 3 अलग-अलग मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिन पर सुनवाई चल रही है। उन पर आरोप है कि उन्होंने रईस दोस्तों से कीमती उपहार लिए और मीडिया में अच्छा कवरेज पाने के लिए मीडिया टायकून को लाभ पहुंचाया।

हालांकि 71 वर्षीय नेता ने इन आरोपों को साजिश करार दिया है। वह इजराइल के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन पर पद पर रहते हुए मुकदमा चल रहा है। उनके खिलाफ पूरे इजराइल में साप्ताहिक प्रदर्शन हो रहे हैं और उनसे इस्तीफे की मांग की जा रही है।

Monday, February 8, 2021

राज्य सभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक को मंजूरी। जम्मू कश्मीर में हर वो कानून लागू हो गया, जो पूरे देश पर लागू होता है।

नई दुनिया: राज्य सभा में आज जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक को मंजूरी मिल गई. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में हर वो कानून लागू हो गया, जो पूरे देश पर लागू होता है। इस संसोधन विधेयक के तहत अब जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा का अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर में विलय कर दिया गया। इसके साथ ही गृह राज्य मंत्री ने ये भी कहा कि अब देश के 170 ऐसे कानून भी जम्मू कश्मीर में लागू हो गए, जो अबतक लागू नहीं होते थे।


क्या है जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक?
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के कैडर से संबंधित है। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, मौजूदा जम्मू कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी अब अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर का हिस्सा होंगे. केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए भविष्य के सभी आवंटन अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर से होंगे। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन(संसोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि इस कैडर को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर में विलय करने की जरूरत है ताकि इस कैडर के अधिकारियों को जम्मू कश्मीर में तैनात किया जा सके। इससे वहां कुछ हद तक अधिकारियों की कमी दूर हो सकेगी।

गृह राज्य मंत्री ने विकास परियोजनाओं को गिनाया।
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने जम्मू कश्मीर में हुए विकास का ब्यौरा देते हुए कहा कि हाल में हुए ब्लाक विकास परिषद के चुनावों में केंद्र शासित प्रदेश के 98 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि पंचायतों के जरिये मनरेगा कार्यों के लिए 1000 करोड़ रूपये दिये गये। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के 100 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच गयी है जिनमें सीमांत क्षेत्र के गांव भी शामिल हैं। रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत जम्मू कश्मीर में 54 प्रतिशत काम शुरू हो चुका है जिसके तहत 20 परियोजनाएं चालू हैं तथा आठ परियोजनाओं को वर्तमान वित्त वर्ष तक पूरा कर लिया जाएगा।

कांग्रेस ने किया विरोध, जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग
इससे पूर्व विधेयक पर हुयी चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने की मांग की। उन्होंने जम्मू कश्मीर कैडर को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर में विलय करने की जरूरत पर सवाल उठाया। आजाद ने कहा कि सरकार ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की बात की थी लेकिन इस विधेयक से ऐसी आशंका बन रही है कि वह जम्मू कश्मीर को स्थायी रूप से केंद्रशासित बनाए रखना चाहती है। अगर जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देना ही है तो कैडरों के विलय की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा 'संविधान का अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में उद्योगों की संख्या में करीब 60 प्रतिशत की कमी आयी है। वहां पहले ही उद्योगों की संख्या कम थी और बाद में उनमें से भी बड़ी संख्या में उद्योग बंद हो गए, जिससे रोजगार पर असर पड़ा.' आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विकास होने का दावा वास्तविक नहीं है और जमीन पर विकास नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि सड़कें बदहाल हैं और जलापूर्ति एवं बिजली की स्थिति भी अच्छी नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर वहां निर्वाचित सरकार होती तो कुछ समाधान निकल सकता था। उन्होंने हाल ही में स्थानीय चुनाव कराए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि विधानसभा के भी चुनाव कराए जाने चाहिए क्योंकि विधायक कानून निर्माता भी हैं।
बीजेपी सदस्य दुष्यंत गौतम ने कहा 'अनुच्छेद 370 के कारण आजादी के 70 साल बाद भी वहां विभिन्न लोगों की मौलिक जरूरतें पूरी नहीं हुई। ऐसा लगता है कि उस अनुच्छेद से कहीं न कहीं लोगों का शोषण हो रहा था। लेकिन उसके हटने के बाद लोगों की मौलिक जरूरतें पूरी हो रही हैं'। उन्होंने कहा कि विगत में जम्मू कश्मीर में राष्ट्रविरोधी ताकतें मौजूद थीं और उस दौरान सुरक्षाबलों पर पथराव जैसी घटनाएं भी होती रहती थीं। एआईएडीएमके के नवनीत कृष्णन ने विधेयक के प्रावधानों का स्वागत करते हुए कहा कि इससे जम्मू कश्मीर में अधिकारियों की कमी दूर हो सकेगी।

मछुआरे की पलटी किस्मत, सीप के मोती ने बनाया करोड़पति।

World’s Most Expensive Pearl: कहते हैं कि आदमी की किस्मत का किसी को नहीं पता। ऐसे तमाम वाकये आपने देखें होंगे जिसमें आदमी कुछ ही पलों में फर्श से अर्श और अर्श से फर्श पर चला जाता है। ऐसा ही एक घटना थाईलैंड (Thailand) में घटी है। यहां एक मछुआरे की किस्मत अचानक ही पलट गई और वह एक ही पल में करोड़पति बन बैठा।

थाईलैंड के एक मछुआरे हचाई नियोमादेचा एक मोती मिला है। इस मोती की कीमत करीब 2.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि हचाई नियोमादेचा (Hatchai Niyomdecha) ने सपना देखा था कि उसे कोई बड़ा गिफ्ट मिलने वाला है, इस सपने के बाद ही उसे समुद्र के किनारे यह मोती मिला। 
हचाई समुद्र तट पर अपने परिवार के साथ सीप (Shells) चुन रहा था तभी उसकी नजर पानी में तैरते एक वस्तु पर गई, जिस पर कई सीप लगे थे। इनमें से तीन स्नेल शेल (Snail Shells) थे। हचाई इन सीप को लेकर पिता के पास गए। पिता ने जब सीप की सफाई की तो उन्हें नारंगी रंग का मोती दिखाई दिया। ये मोती समुद्री घोंघे (melo melo) से बनता है और शेल में ही रहता है, जबकि पारंपरिक मोती ओएस्टर्स के अंदर मिलते हैं।

बताया जा रहा है कि यह दुनिया के सबसे महंगे मोतियों में से एक है. इस मोती का वजन 7.68 ग्राम बताया जा रहा है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, चीन से मोतियों के कुछ खरीदार थाईलैंड रवाना हो गए हैं। वे इस मोती को सीधे खरीदाना चाहते हैं। बताया जा रहा है कि इन व्यापारियों को हचाई नियोमादेचा से मिलने से पहले दो हफ्तों को क्वारंटाइन पूरा करना होगा। स्थानीय मीडिया से बात करते हुए Niyomdecha ने बताया कि अब वो अपने कीमती मोती को बेचने की तैयारी कर रहे हैं। कई व्यापारी उनके संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि वह उसे ही यह मोती बेचेगा जो इसका सबसे ज्यादा दाम देगा।

Melo Moti नारंगी और भूरे रंग के होते हैं। इनमें से सबसे महंगा मोती नारंगी ही होता है। आमतौर पर ये South China Sea और म्यांमार के पास अंडमान सागर में पाए जाते हैं। हचाई को नाखो सि थमारत (Nakhon Si Thammarat) प्रांत के तट पर यह मोती मिला था। माना जा रहा है कि यह दक्षिणी चीन सागर से पानी में बहते हुए वहां पहुंचा होगा।

Saturday, February 6, 2021

अगर आप भी शेयर बाजार में भाग्य आजमाना चाहते हैं तो करे राकेश झुनझुनवाला को फॉलो।

नई दुनिया: छोटी रकम के निवेश से भी अमीर बना जा सकता है। बस आपको मार्केट के कुछ बेसिक नियमों पर ध्‍यान देना होगा। ये वो नियम हैं, जिन्हें कई बड़े निवेशकों ने शेयर बाजार में अपनाया है और आज अमीरों की लिस्ट (Richest man list) में शामिल हैं। शेयर बाजार से अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो आपको इन 5 गोल्डन टिप्स (Goldent Tips) को ध्यान रखना होगा। कमाई के ये टिप्स आपकी छोटी रकम को करोड़ों में बदल सकते हैं।

ग्‍लोबल इनवेस्‍टर वॉरेन बफे (Warren buffett), राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala), आरके दमानी (RK Damani) जैसे शेयर मार्केट के टॉप निवेशकों ने भी ये ही टिप्स अपनाए हैं। इन फार्मूलों की वजह से इन दिग्गजों की रकम अपनी शुरुआती रकम के मुकाबले कई गुना हो चुकी है। राकेश झुनझुनवाला और आरके दमानी भारत के टॉप अमीर निवेशकों में हैं। वहीं, वॉरेन बफे दुनिया के टॉप अमीरों में शामिल हैं।

वक्त का इंतजार न करें।
वॉरेन बफे के मुताबिक मार्केट में निवेश के लिए हर वक्त सही होता है। अगर किसी कंपनी के स्टॉक (Best Stock to invest) वाजिब कीमत में हैं तो निवेश शुरू कर दें। भले ही उस समय मार्केट में दबाव देखने को मिल रहा हो। आम निवेशक सही समय के इंतजार में मार्केट में निवेश नहीं कर पाते। वहीं जब समय बीत जाता है तो वो मार्केट की चाल को देखकर ऊंचे स्तरों पर पहुंचे स्टॉक्स में निवेश कर देते हैं और घाटा उठा लेते हैं।

दूसरों को देखकर पैसा न लगाएं।
वॉरने बफेट के मुताबिक, अगर आप सिर्फ इस वजह से किसी स्टॉक में पैसा लगा रहे हैं, क्योंकि दूसरे भी उसमें पैसा लगा रहे हैं, तो आप नुकसान उठा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में सफल होने का मंत्र (Stock Market investment mantra) है कि आप लोगों को फॉलो न करें, लोग आपको फॉलो करें। जब दूसरे लालच में आ रहे हों तो सतर्क हो जाएं। वहीं, जब दूसरे सतर्क रुख अपनाने की कोशिश कर रहे हों तो कमाने के बारे में सोचने लगें।

कीमत पर न जाएं, वैल्यू देखें।
किसी शेयर में पैसा लगाने के पहले यह न देखें कि इस शेयर कीमत ज्यादा है तो यह बेहतर होगा। कई बार 50 से 100 रुपए के बीच की कीमत वाला शेयर ज्यादा मूल्यवान हो सकता है, अगर उस कंपनी का प्रदर्शन बेहतर है। स्टॉक मार्केट के बड़े निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala portfolio) का मानना है कि किसी भी शेयर में पैसा लगाने के पहले उस कंपनी का प्रदर्शन देख लें। कंपनी का प्रदर्शन बेहतर है तो मार्केट के उतार-चढ़ाव से दिक्कत नहीं होगी।

डिविडेंड देने वाली कंपनियों पर करें भरोसा।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि निवेश करने के पहले ये देख लें कि कौन सी कंपनियां रेगुलर डिविडेंड दे रही हैं। अगर कोई कंपनी रेगुलर बेसिस पर डिविडेंड दे रही है तो इसका मतलब है कि उस कंपनी के पास कैश की कोई कमी नहीं है। कैश सरप्लस वाली कंपनियों का प्रदर्शन भी बेहतर रहता है। ऐसे में इन कंपनियों के शेयर के साथ आपका पैसा ज्यादा तेजी से बढ़ने का चांस रहता है।

कम कर्ज वाली कंपनियों का चुनाव करें।
निवेश करने के पहले ये भी देख लें कि किस कंपनी पर कर्ज कम है। कर्ज कम होने से कंपनियों पर कैश को लेकर दबाव नहीं रहता है। TCS और इंफोसिस जैसी कंपनियां इसका उदाहरण हैं।

किसान आंदोलन के बीच दिल्ली सरकार की शर्मनाक चेहरा सामने आया पुलिस को कहा लौटाओ DTC बसें।

केजरीवाल सरकार (Delhi government) ने दिल्ली पुलिस से DTC बसें (DTC buses) लौटाने को कहा है। दरअसल दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन (farmers agitation) को ध्यान में रखते हुए डीटीसी की ये बसें सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किसान प्रदर्शन के दौरान आवाजाही के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं। ऐसे में दिल्ली परिवहन विभाग (Delhi Transport Department) ने दिल्ली पुलिस को दी गई 576 बसों को वापस करने को कहा है। इससे पुलिस की मुश्किल बढ़ सकती है।


बसें तुरंत लौटाने को कहा Asked to return the buses immediately।
परिवहन विभाग (Transport Department) के मुताबिक शहर के अलग अलग हिस्सों में तैनाती के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बल के कर्मचारियों की आवाजाही के लिए लो-फ्लोर डीटीसी बसों (low-floor DTC buses) का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि संबंधित विभागों को बसों को जल्द छोड़ने के लिए कहा गया है। विभाग के मुताबिक दिल्ली सरकार (Delhi government) द्वारा ली गई डीटीसी से ली गई रिपोर्टों से पता चला है कि दिल्ली के डिपो में 20 प्रतिशत से अधिक बसें स्पेशल किराये पर चल रही हैं। इतना ही नहीं, 26 जनवरी को हुई हिंसा के दौरान कई बसें को नुकसान भी पहुंचा है। फिलहाल DTC के पास कुल 3,700 से अधिक डीटीसी बसें हैं।

स्पेशल किराए पर चल रहीं हैं बसें Buses are running on special fare।
सरकारी अधिकारी ने हा कि 'स्पेशल किराये' पर चल रहीं डीटीसी की बसों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया गया है। अधिकारियों द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि अब विशेष किराया के तहत डीटीसी की बसों को लेने के लिए दिल्ली पुलिस या किसी सुरक्षा एजेंसी (security agency) को सरकार की मंजूरी लेनी होगी। दिल्ली सरकार के इस फैसले के पीछे कईं वजहें हैं। एक तो दिल्ली सरकार को डिपो में बसों की कमी (shortage of buses) की लगातार शिकायतें मिल रही हैं और दूसरा 26 जनवरी की घटना में बसों को नुकसान पहुंचा है। इतना ही नहीं, दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा बसों का इस्तेमाल बैरिकेडिंग के लिया किया जा रहा है, जिससे बसों के नुकसान होने की संभावना अधिक है।

दिल्ली पुलिस की बढ़ेगी मुश्किल Delhi Police।
दिल्ली सरकार के इस फैसले से दिल्ली पुलिस की मुश्किल बढ़ सकती है। दिल्ली की सीमाओं पर भारी संख्या में पुलिस और पैरामिलिट्री बलों की तैनाती की गई है, जहां किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का पिछले दो महीने से विरोध कर रहे हैं। बता दें कि पुलिस तैनाती के अलावा, दिल्ली की सीमाओं की कील, तार और बैरिकेडिंग से किलेबंदी कर दी गई है। DTC की बसें जरूरत के मुताबिक मौके पर सुरक्षा बल पहुंचाने में काफी मददगार साबित हो रहीं थीं।

Valentine's day 2021 Special: इस वैलेंटाइंस डे कुछ नया Try करें।

नई दुनिया: फरवरी का महीना यानी प्रेम का महीना। वैलेंटाइंस डे (Valentine's day 2021) के दिन लोग बाहर घूमना, साथ में मूवी देखना, डिनर डेट या लॉन्ग ड्राइव पर जाना पसंद करते हैं। लेकिन इस वैश्विक महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में अगर आपने अबतक कहीं जाने का प्लान नहीं बनाया है तो आप घर पर (Valentine's Day 2021 Recipe) अपने पार्टनर संग रोमांटिक अंदाज में वैलेंटाइंस डे (Valentine's Day 2021) को खास बना सकते हैंं।


इस Valentine's day कुछ अलग करें।
कहते हैं प्रेम हर हालात और परिस्थिति में एक सामान रहता है। कोरोना महामारी के बीच इस वैलेंटाइन डे (Valentine's Day) को घर पर ही खास बनाने के लिए हम आपके लिए लाए हैं कुछ लजीज डिशेज (Valentine's Day 2021 Recipe)। इस टेस्टी और मजेदार डिशेज को बना कर आप अपने पार्टनर के साथ घर पर बनाकर वैलेंटाइंस डे सेलिब्रेट (Valentines Day 2021 Celebration) कर सकते हैं। यहां जानिए वैलेंटाइन्स डे खास व्यंजनों के बारे में।

हार्ट केक (heart cake)।
फरवरी महीने का नाम सुनते ही हवा में प्रेम की खुशबू का एहसास होने लगता है। मन रोमांटिक होने लगता है। इस वैलेंटाइंस डे (Valentine's Day 2021 Recipe) पर अपने पार्टनर के लिए खास हार्ट केक रेसिपी (Heart Cake Recipe) को जरूर ट्राई करें। इस केक को आप घर पर आसानी से कुछ मिनटों में बना सकती हैं। ये केक वैलेंटाइंस डे को और स्पेशल बना सकता है। फिर देर किस बात की इस वैलेंटाइंस डे पर इस केक रेसिपी जरूर ट्राई करें। इसे आप आसानी से केवल कुछ मिनटों में बना सकते हैं।

हार्ट-शेप्ड दालचीनी कुकीज (Heart Shaped Cookies) ।
कोरोना काल में वैलेंटाइंस डे (Valentine's Day 2021 Recipe) पर डेट पर कहीं बाहर जाकर डिनर करने से अच्छा है कि आप घर पर ही अपने पार्टनर के साथ कोई मजेदार डिश ट्राई करें। इससे आप एकदूसरे के और करीब आएंगे। दालचीनी कुकीज (Heart Shaped Cookies) न तो ज्यादा मीठी होती है और न ही ज्यादा नमकीन ये एक बैलेंस्ड टेस्ट आता है जो कि आपके पार्टनर का दिल जीत लेगा। इसे आप घर पर आसानी से किसी बना सकती हैं, तो फिर जल्दी करें।

बादाम कुकीज (Almond Cookies)।
बादाम कुकीज (Almond Cookies) सिंपल लेकिन बेहद स्वादिष्ट है डिश है। सबसे खास कि इसे आप घर पर चंद मिनटों में बना सकती हैं। इस वैलेंटाइंस डे (Valentine's Day 2021 Recipe) पर अपने पार्टनर के साथ कुछ स्पेशल बनाकर इस दिन को और खास बना सकती हैं। ऐसे में बादाम कुकीज जरूर ट्राई करें। आपकी हल्की सी मेहनत आपके पार्टनर के चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। तो फिर बिना देर किए वैलेंटाइंस डे पर इस शानदार डिश को ट्राई करें।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बदला इतिहास अब कोई खुफिया जानकारी नहीं दी जाएगी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गोपनीय खुफिया जानकारियां नहीं दी जानी चाहिये। अमेरिका में कार्यकाल पूरा करने वाले राष्ट्रपति को शिष्टाचार के तौर पर ऐसी जानकारियां देने का इतिहास रहा है। 'सीबीएस न्यूज' पर इंटरव्यू में जब बाइडन से पूछा गया कि ट्रंप को जानकारियां देना जारी रहने की स्थिति में उन्हें किस बात का डर है तो उन्होंने कहा कि वह इस मामले में ज्यादा कयास नहीं लगाना चाहते हैं लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वह नहीं चाहते कि ट्रंप को जानकारियां दी जाती रहें।

बाइडन ने शुक्रवार को कहा, 'मुझे केवल यही लगता है कि उन्होंने खुफिया जानकारियां देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्हें खुफिया जानकारियां देने का क्या महत्व है? वह क्या प्रभाव डाल सकते हैं? इसके बजाय तथ्य तो यह है कि कभी भी उनकी जुबान फिसल सकती है और वह कुछ भी कह सकते हैं।

इससे पहले, इस सप्ताह की शुरुआत में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा था कि ट्रंप को खुफिया जानकारियां देने के विषय में समीक्षा की जा रही है। डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ सांसदों और यहां तक कि तत्कालीन ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने भी उन्हें जानकारी देते रहने के बारे में सवाल उठाए थे।

इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पहले भाषण में कहा था कि 'लोकतंत्र की जीत हुई है। श्वेतों को श्रेष्ठ मानने की मानसिकता, घरेलू आतंकवाद को हराएंगे। मैं चाहता हूं कि प्रत्येक अमेरिकी हमारी इस लड़ाई में शामिल हो।'

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...