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Thursday, February 11, 2021

Saudi Arabia: रिहा हुईं Loujain al Hathloul, 1001 दिन तक Jail में जबरन Kiss और Rape के लिए किया गया मजबूर।

बता दें कि बुधवार को सऊदी अरब की प्रमुख महिला सामाजिक कार्यकर्ता लोजैन-अल-हथलाउल (Loujain al Hathloul) को रिहा कर दिया गया। आरोपों के मुताबिक, लोजैन-अल-हथलाउल का जेल में 3 साल तक रेप किया गया और कई लोगों ने उनका यौन शोषण (Sexual Harassment) किया। इससे पहले ह्यूमन राइट्स वकील बैरोनेस हेलेना कैनेडी ने पत्र लिखकर कहा था कि सऊदी अरब की जेल में लोजैन-अल-हथलाउल के साथ कई बार रेप किया गया।

लोजैन-अल-हथलाउल (Loujain al Hathloul) को जांचकर्ताओं को किस करने के लिए मजबूर किया गया। पूछताछ के दौरान लोजैन-अल-हथलाउल के साथ रेप किया गया।

बैरोनेस हेलेना कैनेडी के आरोपों के अनुसार, लोजैन-अल-हथलाउल (Loujain al Hathloul) को पूछताछ के दौरान अश्लील फिल्में दिखाई गईं, रेप की धमकी दी गई, छत से रस्सी बांधकर लटकाया गया, बुरी तरह से पीटा गया और कई बार इलेक्ट्रिक शॉक दिए गए। लोजैन-अल-हथलाउल को जेल में तरह-तरह की यातनाएं दी गईं।

जान लें कि लोजैन-अल-हथलाउल (Loujain al Hathloul) ही वह सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्होंने सऊदी अरब में महिलाओं को कार ड्राइव करने का अधिकार दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी। सऊदी अरब में लोजैन-अल-हथलाउल को साल 2018 में गिरफ्तार कर लिया गया था और कोर्ट ने उन्हें 6 साल की सजा सुनाई थी।

गौरतलब है कि लोजैन-अल-हथलाउल (Loujain al Hathloul) कई बार सऊदी अरब किंगडम की आलोचना कर चुकी हैं। उन्होंने पूछा कि सऊदी अरब में पुरुष रिश्तेदार के साथ के बगैर महिलाएं अकेले यात्रा क्यों नहीं कर सकती हैं? लोजैन-अल-हथलाउल ने पहली बार साल 2014 में सऊदी अरब के महिला विरोधी कानूनों के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसके बाद लोजैन-अल-हथलाउल ने संयुक्त अरब अमीरात में कार ड्राइव की और उसका वीडियो लाइव स्ट्रीम किया।

Donald Trump को Ban करते ही हो गया चमत्कार, ट्विटर कंपनी के मुंह से निकला OMG.

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद सोशल मीडिया ऐप Twitter द्वारा डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को बैन कर दिया गया था। दुनिया के सबसे ताकतवर देश के पूर्व राष्ट्रपति को बैन करने के कई रिस्क थे। Twitter को ट्रंप फॉलोअर्स के विरोध का डर थाा। साथ ही यूजर्स कम होने का खतरा भी मंडरा रहा थाा। लेकिन कंपनी का ये फैसला Twitter के लिए वरदान साबित हुआ हैै। आइए बताते हैं कैसे...


ट्रंप को बैन करने से कंपनी को हो गया फायदा।
जनवरी में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को Twitter पर बैन करते ही चमत्कार हो गया। Twitter में यूजर्स की संख्या बढ़ गई है। टेक साइट The Verge के मुताबिक यूजर्स के बीच इंट्रैक्शन भी बढ़ा है। Twitter के सीईओ जैक डोरसे (Jack Dorsey) का कहना है कि किसी एक मुद्दे या व्यक्ति के बिना भी ये प्लेटफॉर्म बड़ा हो गया है।
सिर्फ जनवरी में टूटा पिछले चार साल का रिकॉर्ड।
जानकारी के मुताबिक जनवरी में ट्रंप को बैन करने के बाद Twitter के यूजर्स में ऐतिहासिक इजाफा हुआ है। हालांकि कंपनी ने कोई आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि सिर्फ जनवरी में जितने यूजर्स बढ़े हैं वो पिछले चार साल के औसत ग्रोथ से ज्यादा है।
2020 में थे 192 मिलियन डेली यूजर्स।
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोरोनाकाल में भी Twitter के यूजर्स बढ़े हैं। शॉर्ट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म में लोगों ने बातचीत और चर्चा करना जारी रखा। 2020 में Twitter के पास लगभग 192 मिलियन (19.20 करोड़) डेली एक्टिव यूजर्स रहे।
जानकारों का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति को Twitter पर बैन करने से कंपनी को बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला। हालांकि 2020 में Twitter में एक्टिव यूजर्स बढ़े हैं, लेकिन 2021 में इस प्लेटफॉर्म की रफ्तार धीमी ही रहने वाली है। कंपनी को उम्मीद है कि इस साल ये प्लेटफॉर्म 20 प्रतिशत की दर से ग्रो कर सकती है।

ब्रिटेन में करीब 200 अकेडमिशियन और शोधार्थियों पर जेल जाना होगा। हथियार बनाने की तकनीक चीन को मुहैया करवाने का आरोप।

लंदन: ब्रिटेन (Britain) में करीब 200 अकेडमिशियन (Academician) और शोधार्थियों पर जेल जाने की तलवार लटक रही है। आरोप है कि उन लोगों ने व्यापक जनसंहार के हथियार बनाने की तकनीक (Sensitive Information) चीन (China) को मुहैया करवा दी।


ब्रिटेन के 20 यूनिवर्सिटियों से संबंध रखते हैं अकेडमिशियन।
ब्रिटिश अखबार द टाइम्स के अनुसार संकट में फंसे ये अकेडमिशियन ब्रिटेन (Britain) की 20 यूनिवर्सिटियों से संबंध रखते हैं. आरोप है कि उन्होंने देश के निर्यात नियंत्रण आदेश 2008 का उल्लंघन किया है. इस कानून में देश की गुप्त और संवेदनशील बौद्धिक संपदा को किसी शत्रु देश को मुहैया कराने पर कठोर सजा का प्रावधान है. आरोप साबित होने पर 10 साल तक की सजा हो सकती है. 
शिक्षाविदों ने ब्रिटेन की तकनीक चीनियों से साझा की।
द टाइम्स के मुताबिक इन शिक्षाविदों (Academician) और शोधार्थियों ने लड़ाकू विमान, मिसाइलों से लेकर साइबर वारफेयर की तकनीक भी चीन (China) से साझा की. सूत्रों के मुताबिक ब्रिटेन की जांच एजेंसियों ने इन 200 लोगों को नोटिस जारी किए हैं. सूत्रों का कहना है कि हाल ही में दर्जनों शिक्षाविदों को कोर्ट में देखा गया है. 
हाइपरसोनिक मिसाइलों के भारी धन खर्च कर रहा चीन।
बता दें कि चीन (China) हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास के लिए भारी धनराशि खर्च कर रहा है. कामयाब होने पर ऐसी मिसाइल ध्वनि से 20 गुणा ज्यादा तेजी के साथ दुश्मन पर अटैक कर सकेंगी.  इसके लिए वह लगातार विभिन्न देशों की तकनीक चुराने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए वह अपने लोगों को स्टूडेंट्स के रूप में पश्चिम देशों में भेजता है, जो वहां शोधार्थी के रूप में काम करते हुए महत्वपूर्ण जानकारियां चुराकर अपने देश भेज देते हैं.

मौनी अमावस्या के दिन जरूर पढ़े पौराणिक कथा।

कांचीपुरी में एक ब्राह्मण रहता था। उसका नाम देवस्वामी तथा उसकी पत्नी का नाम धनवती था। उनके सात पुत्र तथा एक पुत्री थी. पुत्री का नाम गुणवती था। ब्राह्मण ने सातों पुत्रों को विवाह करके बेटी के लिए वर खोजने अपने सबसे बड़े पुत्र को भेजा। उसी दौरान किसी पंडित ने पुत्री की जन्मकुंडली देखी और बताया - सप्तपदी होते-होते यह कन्या विधवा हो जाएगी। तब उस ब्राह्मण ने पंडित से पूछा- पुत्री के इस वैधव्य दोष का निवारण कैसे होगा? पंडित ने कहा- सोमा का पूजन करने से वैधव्य दोष दूर होगा। फिर सोमा का परिचय देते हुए उसने बताया - वह एक धोबिन है। उसका निवास स्थान सिंहल द्वीप है। उसे जैसे-तैसे प्रसन्न करो और गुणवती के विवाह से पूर्व उसे यहां बुला लो।


तब देवस्वामी का सबसे छोटा लड़का बहन को अपने साथ लेकर सिहंल द्वीप जाने के लिए सागर तट पर चला गया। सागर पार करने की चिंता में दोनों एक वृक्ष की छाया में बैठ गए। उस पेड़ पर एक घोंसले में गिद्ध का परिवार रहता था। उस समय घोंसले में सिर्फ गिद्ध के बच्चे थे। गिद्ध के बच्चे भाई-बहन के क्रिया-कलापों को देख रहे थे। सायंकाल के समय उन बच्चों (गिद्ध के बच्चों) की मां आई तो उन्होंने भोजन नहीं किया। वह अपनी मां से बोले- नीचे दो प्राणी सुबह से भूखे-प्यासे बैठे हैं। जब तक वे कुछ नहीं खा लेते, तब तक हम भी कुछ नहीं खाएंगे। तब दया और ममता के वशीभूत गिद्ध माता उनके पास आई और बोली - मैंने आपकी इच्छाओं को जान लिया है। इस वन में जो भी फल-फूल कंद-मूल मिलेगा, मैं ले आती हूं। आप भोजन कर लीजिए। मैं प्रात:काल आपको सागर पार करा कर सिंहल द्वीप की सीमा के पास पहुंचा दूंगी। और वे दोनों भाई-बहन माता की सहायता से सोमा के यहां जा पहुंचे। वे नित्य प्रात: उठकर सोमा का घर झाड़ कर लीप देते थे।

एक दिन सोमा ने अपनी बहुओं से पूछा - हमारे घर कौन बुहारता है, कौन लीपता-पोतता है? सबने कहा -हमारे सिवाय और कौन बाहर से इस काम को करने आएगा? किंतु सोमा को उनकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ। एक दिन उसने रहस्य जानना चाहा। वह सारी रात जागी और सबकुछ प्रत्यक्ष देखकर जान गई। सोमा का उन बहन-भाई से वार्तालाप हुआ। भाई ने सोमा को बहन संबंधी सारी बात बता दी। सोमा ने उनकी श्रम-साधना तथा सेवा से प्रसन्न होकर उचित समय पर उनके घर पहुंचने का वचन देकर कन्या के वैधव्य दोष निवारण का आश्वासन दे दिया। मगर भाई ने उससे अपने साथ चलने का आग्रह किया। आग्रह करने पर सोमा उनके साथ चल दी। चलते समय सोमा ने बहुओं से कहा - मेरी अनुपस्थिति में यदि किसी का देहांत हो जाए तो उसके शरीर को नष्ट मत करना।

मेरा इंतजार करना और फिर सोमा बहन-भाई के साथ कांचीपुरी पहुंच गई। दूसरे दिन गुणवती के विवाह का कार्यक्रम तय हो गया। सप्तपदी होते ही उसका पति मर गया। सोमा ने तुरंत अपने संचित पुण्यों का फल गुणवती को प्रदान कर दिया। तुरंत ही उसका पति जीवित हो उठा। सोमा उन्हें आशीर्वाद देकर अपने घर चली गई। उधर गुणवती को पुण्य-फल देने से सोमा के पुत्र, जामाता तथा पति की मृत्यु हो गई। सोमा ने पुण्य फल संचित करने के लिए मार्ग में अश्वत्थ (पीपल) वृक्ष की छाया में विष्णुजी का पूजन करके 108 परिक्रमाएं की। इसके पूर्ण होने पर उसके परिवार के मृतक जन जीवित हो उठे। बिना फल की इच्छा किया सेवा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

Tuesday, February 9, 2021

दिल्ली सीएम Arvind Kejriwal की बेटी हर्षिता के साथ हुई ऑनलाइन ठगी, OLX पर डाला था पोस्ट।

नई दुनिया: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की बेटी हर्षिता केजरीवाल (Harshita Kejriwal) ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो गई हैं। साइबर क्रिमिनल ने उन्हें ऑनलाइन सोफा खरीदने का झांसा देकर 34 हजार रुपये की ठगी (Cheating Case) की है।

OLX पर सोफा खरीदने के चलते हुई ठगी।
बताया जा रहा है कि हर्षिता ने साइबर क्राइम का अड्डा बन चुकी OLX साइट पर घर का सोफा बेचने के लिए एक ऐड पोस्ट किया था। जिसके बाद साइबर क्रिमिनल ने ग्राहक बनकर हर्षिता से बातचीत शुरू की और ऑनलाइन पैसे ट्रांस्फर करने के बहाने बैंक अकाउंट की डिटेल्स मांग ली। इसके बाद आरोपी ने हर्षिता से कहा कि ये रकम उसके लिए बहुत बड़ी है। इसलिए पहले वो चेक करने के लिए दो रुपये ट्रांस्फर करेगा। और पैसा सही अकाउंट में ट्रांस्फर होने पर फिर पूरी रकम भेज देगा।

इस तरह ठग ने जीता हर्षिता का भरोसा
हर्षिता ने इसके लिए हामी भर दी। जिसके बाद ठग ने हर्षिता के अकाउंट में पहले दो रुपये ट्रांस्फर किए। और मैसेज पर पूछा कि क्या आपको पैसे मिले? हर्षिता ने हां कहा. अब हर्षिता को उस पर भरोसा हो चुका था। इसके बाद आरोपी ने बैलेंस अमाउंट ट्रांस्फर करने के लिए एक क्यूआर कोड हर्षिता को भेजा और फिर उसे स्कैन करने के लिए कहा। लेकिन हर्षिता ने जैसे ही क्यूआर कोड स्कैन किया उसके अकाउंट में पैसे आने के बजाय कट गए और किसी दूसरे अकाउंट में चले गए।

Israel PM नेतन्याहू के खिलाफ फिर से शुरू हुआ भ्रष्टाचार का मुकदमा। 20 मिनट में कोर्ट छोड़ निकले।

इजराइल (Israel) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ( PM Benjamin Netanyahu) ने सोमवार को यरूशलम में भ्रष्टाचार के मुकदमे की फिर से सुनवाई शुरू होने पर खुद को दोषी न ठहराए जाने का आग्रह किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यरूशलम जिला अदालत में 3 जजों के पैनल के सामने नेतन्याहू पेश हुए और अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया।

नेतन्याहू ( PM Benjamin Netanyahu) ने अपने वकीलों द्वारा पेश किए गए एक दस्तावेज का जिक्र करते हुए कहा, "मैं अपने नाम से लिखे गए जवाब की पुष्टि करता हूं"।

20 मिनट में ही कोर्ट से चले गए नेतन्याहू।
इस जबाव में उन्होंने रिश्वत, धोखाधड़ी और विश्वास के उल्लंघन के आरोपों को खारिज किया है। हिब्रू भाषा के हाएट्रज अखबार ने बताया कि जजों से अनुमति लेकर वह 20 मिनट में ही कोर्ट से चले गए थे और उनके वकील उनकी ओर से बहस करते रहे। उनके वकील बोअज बेन जूर और अमित हदाद ने तर्क दिया कि संवैधानिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया था। साथ ही अभियोजन पक्ष ने आरोप को खारिज कर दिया।

3 अलग-अलग मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप।
बता दें कि इजराइल में सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले नेतन्याहू के खिलाफ 3 अलग-अलग मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिन पर सुनवाई चल रही है। उन पर आरोप है कि उन्होंने रईस दोस्तों से कीमती उपहार लिए और मीडिया में अच्छा कवरेज पाने के लिए मीडिया टायकून को लाभ पहुंचाया।

हालांकि 71 वर्षीय नेता ने इन आरोपों को साजिश करार दिया है। वह इजराइल के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन पर पद पर रहते हुए मुकदमा चल रहा है। उनके खिलाफ पूरे इजराइल में साप्ताहिक प्रदर्शन हो रहे हैं और उनसे इस्तीफे की मांग की जा रही है।

Monday, February 8, 2021

राज्य सभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक को मंजूरी। जम्मू कश्मीर में हर वो कानून लागू हो गया, जो पूरे देश पर लागू होता है।

नई दुनिया: राज्य सभा में आज जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक को मंजूरी मिल गई. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में हर वो कानून लागू हो गया, जो पूरे देश पर लागू होता है। इस संसोधन विधेयक के तहत अब जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा का अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर में विलय कर दिया गया। इसके साथ ही गृह राज्य मंत्री ने ये भी कहा कि अब देश के 170 ऐसे कानून भी जम्मू कश्मीर में लागू हो गए, जो अबतक लागू नहीं होते थे।


क्या है जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक?
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के कैडर से संबंधित है। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, मौजूदा जम्मू कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी अब अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर का हिस्सा होंगे. केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए भविष्य के सभी आवंटन अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर से होंगे। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन(संसोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि इस कैडर को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर में विलय करने की जरूरत है ताकि इस कैडर के अधिकारियों को जम्मू कश्मीर में तैनात किया जा सके। इससे वहां कुछ हद तक अधिकारियों की कमी दूर हो सकेगी।

गृह राज्य मंत्री ने विकास परियोजनाओं को गिनाया।
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने जम्मू कश्मीर में हुए विकास का ब्यौरा देते हुए कहा कि हाल में हुए ब्लाक विकास परिषद के चुनावों में केंद्र शासित प्रदेश के 98 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि पंचायतों के जरिये मनरेगा कार्यों के लिए 1000 करोड़ रूपये दिये गये। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के 100 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच गयी है जिनमें सीमांत क्षेत्र के गांव भी शामिल हैं। रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत जम्मू कश्मीर में 54 प्रतिशत काम शुरू हो चुका है जिसके तहत 20 परियोजनाएं चालू हैं तथा आठ परियोजनाओं को वर्तमान वित्त वर्ष तक पूरा कर लिया जाएगा।

कांग्रेस ने किया विरोध, जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग
इससे पूर्व विधेयक पर हुयी चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने की मांग की। उन्होंने जम्मू कश्मीर कैडर को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर में विलय करने की जरूरत पर सवाल उठाया। आजाद ने कहा कि सरकार ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की बात की थी लेकिन इस विधेयक से ऐसी आशंका बन रही है कि वह जम्मू कश्मीर को स्थायी रूप से केंद्रशासित बनाए रखना चाहती है। अगर जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देना ही है तो कैडरों के विलय की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा 'संविधान का अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में उद्योगों की संख्या में करीब 60 प्रतिशत की कमी आयी है। वहां पहले ही उद्योगों की संख्या कम थी और बाद में उनमें से भी बड़ी संख्या में उद्योग बंद हो गए, जिससे रोजगार पर असर पड़ा.' आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विकास होने का दावा वास्तविक नहीं है और जमीन पर विकास नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि सड़कें बदहाल हैं और जलापूर्ति एवं बिजली की स्थिति भी अच्छी नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर वहां निर्वाचित सरकार होती तो कुछ समाधान निकल सकता था। उन्होंने हाल ही में स्थानीय चुनाव कराए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि विधानसभा के भी चुनाव कराए जाने चाहिए क्योंकि विधायक कानून निर्माता भी हैं।
बीजेपी सदस्य दुष्यंत गौतम ने कहा 'अनुच्छेद 370 के कारण आजादी के 70 साल बाद भी वहां विभिन्न लोगों की मौलिक जरूरतें पूरी नहीं हुई। ऐसा लगता है कि उस अनुच्छेद से कहीं न कहीं लोगों का शोषण हो रहा था। लेकिन उसके हटने के बाद लोगों की मौलिक जरूरतें पूरी हो रही हैं'। उन्होंने कहा कि विगत में जम्मू कश्मीर में राष्ट्रविरोधी ताकतें मौजूद थीं और उस दौरान सुरक्षाबलों पर पथराव जैसी घटनाएं भी होती रहती थीं। एआईएडीएमके के नवनीत कृष्णन ने विधेयक के प्रावधानों का स्वागत करते हुए कहा कि इससे जम्मू कश्मीर में अधिकारियों की कमी दूर हो सकेगी।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...