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Wednesday, March 31, 2021

विशाल मालवाहक जहाज 'एवर गिवेन (Ever Given)' के फसाने से हर दिन 9 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान।

स्वेज: इजिप्ट की स्वेज नहर (Suez Canal) में 6 दिन से फंसे रहने के बाद सोमवार को विशाल मालवाहक जहाज 'एवर गिवेन (Ever Given)' को खिसका लिया गया। एशिया और यूरोप के बीच माल लेकर जाने वाला, पनामा के ध्वज वाला एवर गिवेन (Ever Given) नामक मालवाहक जहाज मंगलवार को स्‍वेज नहर में फंस गया था। इससे स्‍वेज नहर के दोनों तरफ समुद्र में जाम लग गया था और 350 से ज्‍यादा मालवाहक जहाज फंस गए थे।


ड्रेजिंग जहाज का रहा बड़ा योगदान
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, एवर गिवेन (Ever Given) के निकलने में सुपरमून के साथ-साथ मैशआवर (Mashhour) नामक एक ड्रेजिंग (निकर्षण) जहाज का भी बहुत बड़ा योगदान रहा। इस जहाज ने प्रति घंटे 70 हजार क्‍यूबिक फीट रेत हटाने की क्षमता है। इस जहाज को गुरुवार को काम पर लगाया गया था।

इस तरह निकाला गया एवर गिवेन जहाज।
स्‍वेज नहर प्राधिकरण के चीफ ओसामा रबिए ने कहा, मैशआवर जहाज ने एवर गिवेन के नीचे से बालू निकालने का ज्‍यादातर काम किया। इसके बाद जहाजों को खींचने वाले टगबोट को एवर गिवेन को खींचने का मौका मिल गया। इसके अलावा कई छोटे-छोटे जहाजों की मदद से एवर गिवेन के तलछट से रेत और कीचड़ को निकाला गया।

हर दिन 9 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान।
एक अनुमान के मुताबिक जहाज के फंसने से प्रतिदिन नौ अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो रहा था। स्वेज नहर दुनिया के सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाले जलमार्गों में से एक है, जिससे हर रोज औसतन 50 जहाज गुजरते हैं। स्वेज नहर के जरिए बड़े पैमाने पर वैश्विक समुद्री व्यापार होता है।

ऐसे फंस गया था एवर गिवेन मालवाहक जहाज।
कंटेनर शिप एवर गिवेन (Container Ship Ever Given) पनामा का जहाज है। इस जहाज को 2018 में बनाया गया था, जिसे ताइवानी ट्रांसपोर्ट कंपनी एवरग्रीन मरीन संचालित करती है। कंटेनर शिप चीन से माल लादने के बाद नीदरलैंड के पोर्ट रॉटरडैम के लिए जा रहा था और इसने हिंद महासागर से यूरोप में जाने के लिए स्वेज नहर का रास्ता चुना, लेकिन मंगलवार की सुबह स्थानीय समयानुसार करीब 7:40  स्वेज पोर्ट के उत्तर में फंस गया। रिपोर्ट के अनुसार, एवर गिवेन के चालक दल ने बताया कि स्वेज नहर को पार करते समय आए हवा के एक तेज बवंडर की वजह से उनका शिप घूम गया। बाद में जब उसे सीधा करने का प्रयास किया गया तो इसने नहर की चौड़ाई में घूमकर पूरे ट्रैफिक को ही बंद कर दिया।

Tuesday, March 16, 2021

Ethanol Blend Petrol: कारों के लिए एथनॉल-पेट्रोल ब्लेंड E20 को मंजूरी, जाने क्या खास है E20 पेट्रोल में।

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच अब एक राहत की खबर ये है कि बाइक्स और कारों में E20 पेट्रोल के इस्तेमाल की इजाजत मिल गई है। E20 का मतलब हुआ ऐसा पेट्रोल जिसमें 20 परसेंट एथनॉल (Ethanol Blend Petrol) मिला होगा। सड़क और परिवहन मंत्रालय ने E20 को इस्तेमाल करने के लिए नोटिफिकशन जारी कर दिया है।


E20 पेट्रोल का इस्तेमाल करने की इजाजत।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि E20 एक ऐसा पेट्रोल है, जो वातावरण के लिए भी अच्छा है क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन सामान्य पेट्रोल के मुकाबले बेहद कम निकलता है। इस ईंधन के लिए कार और बाइक मैन्यूफैक्चर्स को अलग से बताना होगा कि कौन सा वाहन E20 के लिए उपयुक्त है, इसके लिए वाहन में एक स्टीकर भी लगाना होगा।

E20 पेट्रोल के फायदे ही फायदे।
आपको बता दें कि 2014 में पेट्रोल में 1 परसेंट से भी कम एथनॉल ब्लेंड किया जाता था यानी मिलाया जाता था, फिर इसे बढ़ाकर 8.5 परसेंट किया गया, अब पेट्रोल में 10 परसेंट एथनॉल मिलाने का लक्ष्य है। पेट्रोल में एथनॉल मिलाने के कई फायदे हैं।
1. पहला फायदा तो यही है कि पेट्रोलियम पर भारत की निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। अभी भारत अपनी जरूरत का 83 परसेंट तेल इंपोर्ट करता है।
2. कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) कम निकलेगा तो वातावरण को होने वाला नुकसान भी कम हो जाएगा।
3. एथनॉल का इस्तेमाल बढ़ने से किसानों को फायदा होगा, उनकी आय बढ़ेगी, क्योंकि एथनॉल गन्ने, मक्का और कई दूसरी फसलों से बनाया जाता है।
4. चीनी मिलों को कमाई का एक नया जरिया मिलेगा जिससे वो अपने कृषि बकाए को चुका सकेंगे।
5. एथनॉल काफी किफायती है इसलिए उपभोक्ताओं को भी पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

2025 तक 20 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य।
आपको बता दें कि सरकार ने 2030 तक 20 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग पेट्रोल का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब इसे पांच साल पहले 2025 में ही हासिल करने की योजना है। पिछले साल सरकार ने 2022 तक पेट्रोल में 10 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा था। मौजूदा एथनॉल सप्लाई वर्ष में, जो कि अक्टूबर में शुरू होता है, पेट्रोल में 8.5 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग होती है, इसे 2022 तक बढ़ाकर 10 परसेंट किया जाएगा।
सरकार की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, 2025 तक 20 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग के लिए 1200 करोड़ एल्कोहॉल/एथनॉल की जरूरत होगी। 700 करोड़ लीटर एथनॉल बनाने में शुगर इंडस्ट्री को 60 लाख टन सरप्लस चीनी का इस्तेमाल करना होगा। जबकि 500 करोड़ लीटर एथनॉल दूसरी फसलों से बनेगा।

500 साल का इंतजार हुआ खत्म, पूरे विधि विधान से हुआ राम मंदिर नींव भराई का वैदिक पूजन।

अयोध्या / उत्तर प्रदेश: धर्मनगरी अयोध्या में राम मंदिर (Ram temple) के निर्माण के लिए 500 सालों का इंतजार अब खत्म हो गया। राम मंदिर की नींव भराई के लिए सोमवार को पूजन किया गया। शुभ मुहूर्त में 10:55 बजे से ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने पूजन किया। नींव भरने का काम शुरू करने के लिए चैत्र कृष्ण त्रयोदशी यानी कि 9 अप्रैल की तिथि तय की गई है। इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, डॉ. अनिल मिश्र, महंत दिनेन्द्र दास सहित अन्य लोग मौजूद रहे। नींव भराई के बाद राम मंदिर धीरे-धीरे आकार लेने लगेगा।


शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान के साथ कार्य शुरू।
सोमवार सुबह 10:55 के शुभ मुहूर्त पर भगवान श्री गणेश, विष्णु और श्री लक्ष्मी जी तथा विश्वकर्मा भगवान के पूजन के साथ 40 फीट गहरी नींव की भराई का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने वैदिक रीति रिवाज से पूजन किया। इस दौरान राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, जिला अधिकारी अनुज कुमार झा और डीआईजी दीपक कुमार समेत राम मंदिर निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो और टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर मौजूद रहे।

40 फीट गहरी खुदाई का काम पूरा।
राम जन्मभूमि परिषद की 5 एकड़ भूमि में 2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसमें गर्भ ग्रह के स्थल समेत पूरे 2.77 एकड़ भूमि को 40 फीट गहरी खुदाई का काम पूरा किया जा चुका है। जिसके लिए वास्तुशास्त्र के हिसाब से मुहूर्त रखा गया था। अब इसी नींव में कंक्रीट की 1 फीट मोटी लेयर से राम मंदिर निर्माण की नींव भराई का काम प्रारंभ किया गया है।

नींव भराई में सीमेंट कंक्रीट और मौरंग का प्रयोग किया गया है साथ ही सिलिकॉन के मिश्रण से लेयर बनाया जा रहा है। एक फिट मोटी लेयर पर रोलर चलाया जाएगा उंसके बाद मिर्जापुर का पत्थर बिछाया जाएगा। पुनः कंक्रीट की लेयर बनेगी फिर उसके ऊपर मिर्जापुर का पत्थर बिछाया जाएगा।

Monday, March 15, 2021

मिला डेविड वॉर्नर का हमसक्ल से खुद डेविड वॉर्नर ने शेयर की ईंट भट्टे के मजदूर की फोटो।

ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज और आईपीएल में हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर (David Warner) सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय रहते हैं। वह अपने फैंस के बीच अपनी तस्वीरों को शेयर करते रहते हैं। इस बीच उन्होंने एक मजदूर की फोटो शेयर की है। फोटो को देखकर लगता है कि मजदूर ईंट भट्टे पर काम करता है। इस फोटो में जो मजदूर दिखाई दे रहा है, उसका चेहरा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डेविड वॉर्नर से मिल रहा है।

सोशल मीडिया पर डेविड वॉर्नर की यह तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इस फोटो को वॉर्नर ने 14 मार्च को शेयर किया था। फोटो को अबतक सात लाख से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं। इसके अलावा लोग खूब कमेंट भी कर रहे हैं।

बता दें कि डेविड वॉर्नर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हुए 15 हजार से अधिक रन बनाए हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 7311 रन बनाए हैं। टेस्ट मैच में वॉर्नर का बेस्ट स्कोर 335 रन है। वनडे में वॉर्नर ने 18 शतक की बदौलत 5455 रन बनाए हैं। वह दुनिया के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में शतक लगाया है। 

Sunday, March 14, 2021

OK तो सब बोलते हैं, पर क्या आप इसका फुल फॉर्म जानते हैं?

नई दुनिया: अक्‍सर लोग किसी बात का जवाब OK  कहकर देते हैं। चाहे आपके दोस्‍त हों, ऑफिस में आपके बॉस हों या फिर कोई और, दो लेटर के इस शब्‍द का इस्‍तेमाल हम किसी से भी बातचीत के दौरान सबसे ज्‍यादा करते हैंं। चाहे हम किसी से सहमत हों या असहमत हों। जब आपको ठीक है बोलना होता है या किसी बात पर सहमति जतानी होती है, तो आप OK कहते हैं। ये दो लेटर पूरे एक वाक्‍य जैसा काम करते हैं और आम बोलचाल की भाषा का शब्‍द बन गए हैं, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है क‍ि हममें से ज्‍यादातर लोग ये नहीं जानते कि OK का फुल फॉर्म क्‍या है। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर OK का मतलब क्‍या होता है।

182 साल पहले हुई थी OK की शुरुआत।
OK अंग्रेजी भाषा के सबसे कॉमन वर्ड्स में से एक है। इसका इस्‍तेमाल एक्‍सेपटेंस, एग्रीमेंट, अप्रूवल जैसी कई बातों में किया जाता है। OK का मतलब है,  'Olla Kalla'. यह एक ग्रीक शब्‍द है, जिसका मतलब होता है All correct. OK शब्‍द का जन्‍म 182 साल पहले हुआ। इसकी शुरुआत हुई अमेरिकी पत्रकार चार्ल्‍स गोर्डोन ग्रीन (Charles Gordon Greene) के दफ्तर से। साल 1839 में लेखक जानबूझकर शब्‍दों को बदल देते थे और प्‍लेफुल एब्रीविएशंस का इस्‍तेमाल करते थे। ठीक वैसे ही जैसे आज हम LOLZ, OMG, या  NBD बोलते हैं। OK का इस्‍तेमाल सबसे पहले “Oll Korrect” के एब्रीविएशन के तौर पर किया गया। ये ग्रामर पर एक व्‍यंगात्‍मक लेख था और बोस्‍टन मॉर्निंग पोस्‍ट में साल 1839 में छपा था। इस ट्रेंड ने बाद में OW जैसे शब्‍द भी इस्‍तेमाल में आए। इसका मतलब भी  "oll wright" या all right ही होता था।

अमेरिकी चुनाव से जुड़ा किस्‍सा।
इसके बाद OK का इस्‍तेमाल इलेक्‍शन स्‍लोगन के तौर पर किया गया। साल 1840 में अमेरिकी राष्‍ट्रपति Martin Van Buren के री- इलेक्‍शन कैम्‍पेन में जब ओके शब्‍द का इस्‍तेमाल किया गया तो ये पूरी दुनिया में प्रचलित हो गया। दरअसल, न्‍यूयॉर्क के किंडरहुक में पैदा हुए Van Buren का निकनेम Old Kinderhook" था। उनके समर्थकों ने चुनाव प्रचार के दौरान रैलियों में "OK" का इस्‍तेमाल किया और पूरे देश में  “OK Clubs” बनाए।  इसके बाद ओके एक डबल मीनिंग वर्ड बन गया। Old Kinderhook भी और All Correct भी।

OK से जुड़े कुछ और फैक्‍ट्स।
Huffpost की एक रिपोर्ट के अनुसार, पहले ये कहा जाता था कि OK मूल अमेरिकी भारतीय जनजाति Choctaw के शब्द okeh से आया है। यह भी दावा किया गया कि यह अफ्रीका की वोलोफ भाषा से लिया गया है। OK को लेकर कई अलग-अलग तर्क हैं। इसकी उत्‍पत्ति को लेकर विवाद हमेशा रहा है। इस रिपोर्ट में Smithsonian मैगजीन के एक आर्टिकल का जिक्र किया गया है जिसमें OK को लेकर जानकारी दी गई है।
Smithsonian मैगजीन के आर्टिकल के अनुसार, OK शब्द की उत्पत्ति 19वीं शताब्दी की शुरुआत में हुई थी। एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि वैसे OK शब्द ‘All Correct’ के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह शब्द “Oll Korrect” कर दिया गया। जिसके बाद ये शब्द AC की जगह OK बन गया। इसके हिसाब से OK का मतलब होता है ‘All Correct’, जिसे “Oll Korrect” कर दिया गया। ये भी कहा जाता है कि सही शब्द Okay है और लोग गलत तरीके से OK का इस्तेमाल करते हैं।

Thursday, March 11, 2021

महाशिवरात्रि पर शिव पूजा की थाली में रखें ये सामग्री होगी सारी मन्नते पूरी।

हिंदू पंचांग अनुसार महाशिवरात्रि का दिन बेहद ही खास होता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। वैसे तो हर महीने शिवरात्रि आती है लेकिन फाल्गुन मास की चतुर्दशी को आने वाली महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि का त्योहार प्रति वर्ष फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 

यह त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस बार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 मार्च (गुरुवार) को पड़ रही है। महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन व्रत पूजन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

महाशिवरात्रि पूजा सामग्री।
इस बार महाशिवरात्रि का पावन पर्व 11 मार्च यानी कल मनाया जाएगा। इस पावन पर्व पर शिव के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। शिवरात्रि के दिन रात में पूजा करना सबसे फलदायी माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष सामग्रियों के साथ की जाती है। 

शिवरात्रि के दिन शिव की पूजा में पुष्प, बिल्वपत्र, भांग, धतूरा, बेर, जौ की बालें, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, गन्ने का रस, दही, देसी घी, शहद, गंगा जल, साफ जल, कपूर, धूप, दीपक, रूई, चंदन, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, गंध रोली, इत्र, मौली जनेऊ, शिव और मां पार्वती के श्रृंगार की सामग्री, वस्त्राभूषण, रत्न, पंच मिष्ठान्न, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन का इस्तेमाल किया जाता है।

महाशिवरात्रि पर्व मनाने को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध कथा के अनुसार ये पर्व शिव और माता पार्वती के मिलन की रात के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पार्वती जी का विवाह भगवान शिव से हुआ था।

Monday, March 8, 2021

1 अप्रैल से शुरू होगी 'Saral Pension Yojana' बुढ़ापे में पेंशन की टेंशन खत्म।

दिल्ली: Saral Pension Plan: 1 अप्रैल से आपकी जिंदगी में बड़ा बदलाव हो सकता है। बीमा नियामक IRDAI ने बीमा कंपनियों को सरल पेंशन योजना 1 अप्रैल से लागू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। बीमा कंपनियां एक अप्रैल 2021 से सरल पेंशन योजना शुरू करने जा रही है। बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने जीवन बीमा कंपनियों को इसके लिए निर्देश जारी किए हैं। सरल पेंशन प्लान के तहत बीमाकर्ता के नाम से सिर्फ दो वार्षिकी (Annuity) विकल्प रहेगा।


सरल पेंशन योजना को समझिए।
IRDAI के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सरल पेंशन योजना में न्यूनतम वार्षिकी (Annuity) राशि 1 हजार रुपये प्रति महीने, 3 हजार रुपये प्रति तिमाही, 6 हजार रुपये प्रति छमाही या फिर 12 हजार रुपये सालाना होगी। IRDAI ने कहा है कि सामान्य सुविधाओं और मानक नियमों और शर्तों के साथ व्यक्तिगत तत्काल एन्यूटी लॉन्च करना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि IRDAI की इस पहल से उपभोक्ताओं के लिए प्लान का चुनाव करना पहले के मुकाबले आसान हो जाएगा।  IRDAI की गाइडलाइंस के मुताबिक पॉलिसी शुरू होने की तारीख से 6 महीने के बाद किसी भी समय पॉलिसी सरेंडर की जा सकती है।

क्या है Annuity।
किसी पेंशन प्लान में आपकी जमा की गई राशि के बदले बीमा कंपनी जो सालाना राशि देने का वादा करती हैं उसे वार्षिकी (Annuity) कहा जाता है। रिटायरमेंट के बाद नियमित आय के लिए पेंशन प्लान के तहत इसकी सुविधा निवेशक को मिलती है। गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए ये योजना काफी अहम साबित हो सकती है।

सरल पेंशन योजना के फायदे।
IRDAI के मुताबिक सरल पेंशन प्लान में जितना पैसा आप निवेश करेंगे, उतना पैसा तो आपको मिल ही जाएगा। इसके अलावा एन्युटी का फायदा भी मिलेगा। ग्राहक को जीवन भर Annuity का फायदा मिलता रहेगा और उसके निधन के बाद जीवनसाथी को उसकी मृत्यु तक एन्युटी मिलती रहेगी। इसके बाद पति या पत्नी की मृत्यु पर कानूनी वारिस को खरीद मूल्य यानी 100 फीसदी राशि वापस मिल जाएगी।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...