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Thursday, September 30, 2021

अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्य्क्ष रहे ब्रह्मलीन महंत नरेंद्र गिरी के उत्तराधिकारी होंगे शिष्य बलबीर गिरि।

अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्य्क्ष रहे ब्रह्मलीन महंत नरेंद्र गिरी की हाल ही में संदिग्द परिस्थिति में मौत हो गई थी। महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद उनके उत्तरधिकारी पर फैसला हो गया है। महंत नरेंद्र गिरी के शिष्य बलवीर गिरी को उत्तराधिकारी बनाया जाएगा।  

यह फैसला अखाड़ा परिषद के पंच परमेश्वरों ने वसीयत के आधार पर लिया है। अखाड़ा परिषद के पंच परमेश्वरों ने फैसला लेते हुए महंत बलवीर गिरि को श्री मठ बाघंबरी की गद्दी पर बैठाया जाएगा। 5 अक्टूबर को होने वाले नरेंद्र गिरी के षोडशी संस्कार के मौके पर बाघंबरी मठ की कमान बलवीर गिरि को सौंपी जाएगी। वसीयत के आधार पर ही मठ का उत्तराधिकारी चुना जाता है।

महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्द परिस्थिति में मौत हो गई थी। मौत के बाद महंत जी के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला था। इसमें बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी घोषित किया था। हालांकि बाद में इस सुसाइड नोट की विश्वसनीयता पर सवाल उठे। मठ पंच परमेश्वरों ने सुसाइड नोट को फर्जी बताया और बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाने से इनकार कर दिया था। हालांकि नरेन्द्र गिरि की अब वसीयत सामने आई है।

इसमें जून 2020 में बलवीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बनाया है। हैरानी की बात ये है कि वसीयत के आधार पर ही मठ का उत्तराधिकारी चुना जाता है। 2004 में महंत नरेंद्र गिरि भी वसीयत के आधार पर ही मठाधीश बने थे। दरअसल, महंत नरेंद्र गिरि संदिग्ध मौत के बाद उनका सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी घोषित किया था।लेकिन मठ पंच परमेश्वरों ने सुसाइड नोट को फर्जी बताते हुए बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाने से इनकार कर दिया था।

एक मीडिया पोर्टल ने नरेंद्र गिरि की रजिस्टर्ड वसीयत का खुलासा किया था, जिसमे उन्होंने जून 2020 में बलवीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बनाया है। बता दें वसीयत के आधार पर ही मठ का उत्तराधिकारी चुना जाता है। 2004 में महंत नरेंद्र गिरि भी ऐसे ही मठाधीश बनें थे। 

महंत नरेंद्र गिरि ने तीन वसीयत बनाई थी. पहले वसीयत में उन्होंने बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाया था। इसके बाद 2011 में एक दूसरी वसीयत बनवाई,जिसमें आनंद गिरि को उत्तराधिकारी बनाया। लेकिन आनंद गिरि से विवाद के बाद उन्होंने अपनी पहले की दोनों वसीयतों को रद्द करते हुए तीसरी वसीयत बनाई जिसमें एक बार फिर उन्होंने बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाया।

Tuesday, September 28, 2021

पाकिस्तान: बलूच रिपब्लिकन आर्मी ने बम से हमला कर उड़ाई मोहम्मद अली जिन्ना की मूर्ति, जारी किया बयान।

Pakistan: बलूच रिपब्लिकन आर्मी (Baloch Republican Army) ने रविवार को पाकिस्तान के ग्वादर में बम हमले में मोहम्मद अली जिन्ना (Muhammad Ali Jinnah) की एक प्रतिमा को नष्ट कर दिया। आर्मी ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि ‘उसके कुछ कार्यकर्ताओं ने ग्वादर के मरीन ड्राइव पर जिन्ना की मूर्ति को विस्फोटकों से उड़ा दिया’। इसके अलावा, बलूच कार्यकर्ताओं ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए, मोहम्मद अली जिन्ना को 'हीरो' के रूप में दिखाने के लिए पाकिस्तान पर निशाना भी साधा है।

ग्वादर के उपायुक्त मेजर (रि) अब्दुल कबीर ने बताया कि जिन्ना की मूर्ति को उड़ाने वाले बलूच कार्यकर्ता क्षेत्र में घुसने के लिए ‘पर्यटक’ बनकर आए थे। हमला रविवार सुबह करीब 9.20 बजे हुआ था। कबीर ने बताया कि अधिकारियों ने हमले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। बता दें कि जिन्ना की प्रतिमा जून 2021 में जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC) के घर और उप महानिरीक्षक के ऑफिस के पास एक हाई-सिक्योरिटी वाली जगह पर स्थापित की गई थी।

जिन्ना ब्रिटिश साम्राज्यवाद के एजेंट थे।
घटना के बाद कई पाकिस्तानियों ने अपना गुस्सा जाहिर किया है और बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी को जमकर लताड़ा है। इसे बलूच कार्यकर्ताओं का प्रतिशोध माना जा रहा है जिन्होंने बार-बार बलूचिस्तान में ‘पाकिस्तान द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन और अत्याचारों का आरोप’ लगाया है। इस बीच, बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी के बयान में ‘बलूच जमीन पर कब्जा करने और अतिक्रमण’ करने के लिए मोहम्मद अली जिन्ना की आलोचना की गई है। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि जिन्ना 'चालाक राजनीति' में शामिल ब्रिटिश साम्राज्यवाद के एजेंट थे। बयान में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान की सेना ने बलूचिस्तान पर आक्रमण किया है।

बयान में कहा गया है, "जिस तरह से मोहम्मद अली जिन्ना ने 27 मार्च 1948 को पाकिस्तानी सेना पर कब्जा करके धोखे से बलूच भूमि पर कब्जा किया और उसका अतिक्रमण किया, इसलिए बलूच देश जिन्ना के जीवन को उनकी चालाक राजनीति के कारण घृणा और तिरस्कार की नजर से देखता है।"

कन्हैया कुमार CPI के राज्य कार्यालय "अजय भवन" से खुलवा ले गये AC।

जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के मंगलवार को जिग्नेश मेवाणी के साथ कांग्रेस का हाथ थामने की चर्चाएं हैं। इस बीच खबर है कि उन्होंने पटना के सीपीआई के राज्य कार्यालय अजय भवन के एक कमरे में खुद का लगवाया एसी भी दो महीने पहले खुलवा ले गये। सूत्रों के मुताबिक उनकी सीपीआई छोड़ने की चर्चा काफी दिनों से चल रही थी। अब कमरे से एसी निकाल ले जाने की बात से यह और स्पष्ट होता दिख रहा है। सीपीआई के प्रदेश सचिव रामनरेश पांडेय ने लाइव एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कार्यालय से कन्हैया के एसी ले जाने की बात मानी लेकिन साथ ही जोड़ा कि उनका ही लगाया था, वो लो गए।
रामनरेश पांडेय ने कहा कि कन्हैया कुमार ने अपने और अपने लोगों के लिए प्रदेश कार्यालय में अपने कमरे में एक एयर कंडीशनर (AC) लगवाया था। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने एसी ले जाने के लिए इजाजात भी मांगी। हमने उनके कहा कि यह आपकी ही संपत्ति है। आप इसे ले जा सकते हैं। कन्हैया कुमार ने अपनी पार्टी के प्रमुख से कहा कि उन्होंने कहीं और कमरा ले लिया है, जहां वे इस एसी को लगाएंगे।

कन्हैया कुमार के कांग्रेस में जाने की भले ही अटकलें लग रही हों। कार्यक्रम भी लगभग तय हो चुके हों, लेकिन सीपीआई को इसकी कोई खबर नहीं है। बीते मंगलवार को कन्हैया कुमार का दिल्ली में पार्टी के नेता इंतजार करते रह गए कि वे आएंगे और बयान जारी करेंगे, जिसका आदेश सीपीआई के बड़े नेताओं ने ही दिया था। हालांकि उन्हें निराशा हाथ लगी। कन्हैया वहां नहीं पहुंचे।

बेगूसराय से 2019 में 4 लाख से ज्यादा वोटों से हार गए थे कन्हैया कुमार।
कन्हैया कुमार का ताल्लुक बिहार के बेगूसराय जिले से है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनावी किस्मत भी आजमाई थी। हालांकि उन्हें भाजपा नेता गिरिराज सिंह के मुकाबले 4 लाख के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। बेगूसराय में भूमिहार मतदाताओं की तादाद सबसे ज्यादा मानी जाती है और कन्हैया कुमार भी भूमिहार जाति से ही ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में वह खुद को साबित करने में विफल रहे।

इसके बावजूद पार्टी मानती है कि बिहार में नए चेहरे की जरूरत है। छात्र नेता के तौर पर उन्हें संगठन का अनुभव है। बिहार कांग्रेस के नेता अमरिंदर सिंह कहते हैं कि कन्हैया के आने से पार्टी को फायदा होगा क्योंकि कन्हैया वही मुद्दे और लड़ाई लड़ रहे हैं जिन्हें कांग्रेस उठाती रही है।

"सीता" के लिए 12 करोड़ मांगने पर करीना की हुई छुट्टी 32 करोड़ लेकर कंगना बनी सबसे महंगी नायिका।

बॉलीवुड इंडस्ट्री हमेशा ही किसी न किसी वजह से सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी रही है। वो चाहे एक्टर्स की रील लाइफ हो या फिर रियल लाइफ। हालाकि बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई एक्टर्स अपने बेहतरीन अभिनय के दम पर लोगों के दिलों में एक अलग ही जगह बना ली है। आपको बता दें कि इन कलाकारों ने ऐसी कई सुपर-डुपर हिट फिल्में दी है, जो कि हम लोग देखने के पश्चात इनके अभिनय को भूल ही नही पाते है। हालांकि फिल्मों के पात्रों में अक्सर कुछ न कुछ परिवर्तन देखने को मिलते रहे है। आज हम एक ऐसे ही परिवर्तन के संबंध में बात करने जा रहे है, जिसमें बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री करीना कपूर के स्थान पर “सीता” माता के रोल के लिये कंगना रनौत को रखा गया। ये खबर इन दिनों काफी सुर्खियों में है।

आपको बता दें कि फिल्म मेकर्स ने पहले करीना कपूर को सीता का रोल ऑफ़र किया था, जिसके लिए करीना ने अपनी फीस बढ़ाकर 12 करोड़ रूपये मांगे थे। इसके बाद लोगों ने सोशल मिडिया पर करीना को जमकर ट्रोल करना शुरू कर दिया और कहने लगे सीता का रोल ये नही कर सकती, उसके लिए कोई दूसरी एक्ट्रेस लें, वहीँ जयादातर लोगों ने कंगना का नाम सजेस्ट किया था, करीना की बढ़ी हुई मांग और फैन्स के कमेन्ट देखकर मेकर्स ने करीना की जगह कंगना को सीता का रोल ऑफ़र किया। कंगना को फिल्म मिलने के बाद उनके फैन्स काफी खुश नजर आ रहे है, वहीँ खबरों की माने तो कहा जा रहा है कि सीता के रोल के लिए कंगना को 32 करोड़ रूपये दिए जा रहे है, यदि ये बात सच साबित हुई तो कंगना रनौत बॉलीवुड की सबसे महंगी एक्ट्रेस बन जाएगी।

आपकी जानकारी के लिये बता दें कि बिग बॉस के एक्स कंटेस्टेंट रह चुके KRK ने ट्विट के जरिये इस बात का दावा किया है कि कंगना को 32 करोड़ की रकम दी जा रही है, इस खबर को पढने के बाद हर कोई हैरान रह गया है, क्योंकि इससे पहले करीना ने सीता के किरदार के लिए 12 करोड़ की मांग की थी। जिसपर लोगों ने उन्हें ट्रोल किया था, जबकि करीना ने कहा था उन्होंने कुछ गलत नही किया ये उनका हक है, एक्ट्रेस को भी एक्टर के बराबर की रकम मिलनी चाहिए, करीना बॉलीवुड की पहली ऐसी एक्ट्रेस बन गयी है जिन्होंने हीरो और हिरोइन को एक बराबर पैसे देने की बात उठाई है, वही फिल्म के राइटर मनोज मुंतशीर का कहना है कि वे सीता फिल्म में करीना को नही देखना चाहते थे उनकी पहली पसंद कंगना रनौत ही थी, उन्होंने बताया कि हमने किसी एक्ट्रेस को पहले सम्पर्क नही किया था क्योंकि हम चाहते थे कि इस किरदार को कंगना करे, कंगना ने अपनी अलग अलग इमेज बनाई है और सीता का किरदार उनसे अच्छा दूसरा कोई नही कर सकता है।
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि बिग बॉस के एक्स कंटेस्टेंट रह चुके KRK ने ट्विट के जरिये इस बात का दावा किया है कि कंगना को 32 करोड़ की रकम दी जा रही है, इस खबर को पढने के बाद हर कोई हैरान रह गया है, क्योंकि इससे पहले करीना ने सीता के किरदार के लिए 12 करोड़ की मांग की थी। जिसपर लोगों ने उन्हें ट्रोल किया था, जबकि करीना ने कहा था उन्होंने कुछ गलत नही किया ये उनका हक है, एक्ट्रेस को भी एक्टर के बराबर की रकम मिलनी चाहिए।

बॉलीवुड सिंगार नेहा कक्कड़ और पति रोहनप्रीत को मिला दुबई का गोल्डन वीजा।

Dubai Golden Visa: बॉलीवुड (Bollywood Celebrity) के मशहूर सिंगर नेहा कक्कड़ (Neha Kakkar) को भी दुबई (Dubai) का गेल्डन वीजा (Golden Visa) मिल गया है। अपनी गायिकी से सबको दिवाना बनाने वाली नेहा कक्कड़ (Neha Kakkar Instagram Account) ने इंस्टाग्राम हैंडल से पोस्ट के जरिए अपने फैंस से यह जानकारी साझा की है। बता दें, इससे पहले बॉलीवुड के कई स्टार्स को दुबई (Dubai) का गोल्डन वीजा मिल चुका है। हाल ही में फिल्म निर्माता बोनी कपूर (Boney Kapoor) ने भी ट्विटर के जरिए बताया था कि उन्हें और उनके परिवार को दुबई का गोल्डन वीजा (Boney Kapoor Golden Visa) मिला है।

सिंगर कक्कड़ ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की है जिसमें वह अपने पति रोहनप्रीत सिंह के साथ गोल्डन वीजा हाथ में लिये नजर आ रही हैं। नेहा कक्कड़ ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “मैं एक ऐसे देश से गोल्डन वीजा प्राप्त करने के लिए बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं जिसे मैं प्यार करती हूं, यूएई। विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों, संगीतकारों और रचनात्मक लोगों का समर्थन करने के लिए फिल्मदुबई को धन्यवाद! साथ ही जीडीआरएफएदुबई, दुबईकल्चर को भी धन्यवाद देना चाहती हूं।”
वहीं पंजाबी सिंगर और नेहा कक्कड़ के पति रोहनप्रीत ने भी तस्वीर शेयर की है। रोहनप्रीत ने कैप्शन में लिखा है, "नेहू और मैं एक ऐसे देश से गोल्डन वीज़ा प्राप्त करके बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं जिससे हम प्यार करते हैं, संयुक्त अरब अमीरात। हमेशा विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों, गायकों और रचनात्मक दिमागों का समर्थन करने के लिए फिल्मदुबई  का विशेष धन्यवाद। शुक्रिया जीडीआरएफएदुबई , दुबईकल्चर।"
बता दें कि दुबई से गोल्डन वीजा प्राप्त करने वाले कलाकारों की लिस्ट में शाहरुख खान, संजय दत्त, सुनील शेट्टी, ममूटी, मोहनलाल और टोविनो थॉमस जैसे कई स्टार्स शामिल हैं। वहीं टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा और उनके पति शोएब मलिक भी दुबई का गोल्डन वीजा हासिल कर चुके हैं।

Sunday, September 26, 2021

गृहमंत्री अमित शाह से ज़्यादा कमाती हैं उनकी पत्नी सोनल शाह ,जानिए दोनों की कुल सम्पत्ति।

भारत के गृहमंत्री अमित शाह पहले स्टॉक ब्रोकर थे और साथ ही सहकारी बैंक में काम करते थे। 1982 में पहली बार उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुयी। चेस के शौकीन अमित शाह गुजरात चेस एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे चुके है। फिर 1986 में अमित शाह ने भाजपा ज्वाइन कर ली। आज हम आपको अमित शाह की पत्नी क्या करती हैं और वह कितनी सम्पत्ति के मालकिन है।

अमित शाह की निजी जिदंगी।
हालांकि उनकी राजनीतित जिंदगी जगजाहिर है। लेकिन आज हम आपको उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में बताएंगे। बता दें कि अमित शाह जब 23 साल के थे तो उनकी शादी सोनल शाह से हुई थी। दोनों की अरेंज मैरिज थी। अमित शाह और सोनल का एक बेटा है जिसका नाम जय शाह है। जय शादीशुदा हैं और साल 2015 में उनकी शादी ऋषिता पटेल से हुई थी। इस वक्त जय बीसीसीआई के सेक्रेटरी पद पर हैं।

अमित शाह ने अपने शपथ पत्र में बताया है कि उनके पास सिर्फ 20,633 रुपए की नकदी है जबकि पत्नी के पास 72,578 रुपए नकद हैं। अमित शाह के कई बैंकों में खाते हैं जिनमें 15 लाख 56 हजार 31 रुपए और उनकी पत्नी के खातों में 11 लाख 52 हजार 457 रुपये हैं। इसके अलावा फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में अमित शाह के पास दो लाख 61 हजार 192 रुपये और उनकी पत्नी के पास सात लाख 19 हजार 714 रुपये हैं। बैंक और एफडी मिलाकर अमित शाह के पास 18 लाख 89 हजार 710 रुपये और उनकी पत्नी के पास 18 लाख 72 हजार 172 रुपये हैं।

अमित शाह ने कई कंपनियों, म्यूचुअल फंड्स, बॉन्ड्स, डिवेंचर्स और शेयर आदि में 17 करोड़ 59 लाख 18 हजार 349 रुपए और उनकी पत्नी ने चार करोड़ 36 लाख 78 हजार 490 रुपए निवेश किए हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय बचत योजना, पोस्टल सेवा और कई पॉलिसियों में बचत के रूप में अमित शाह के पास 10 लाख 87 हजार 742 रुपए और उनकी पत्नी के पास 11 लाख 22 हजार 884 रुपये हैं।

अमित शाह ने करीब 202 कंपनियों में निवेश किया है। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज़ से जुड़ी कंपनियां और अनिल अंबानी की कंपनियां भी हैं। अमित शाह ने अपने शपथ पत्र में लिखा है कि उनके पास कोई वाहन, विमान या कोई और वाहन नहीं है। उनके पास 35 लाख 29 हजार 790 रुपए के और उनकी पत्नी के पास 63 लाख 34 हजार 128 रुपए के जेवरात भी हैं।

बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह के पास कई जगह जमीन भी है। इनमें रिहायशी और खेती दोनों जमीनें शामिल हैं। अमित शाह ने करबटिया गांव में 10 एकड़ जमीन के बारे में बताया है। इस जमीन में उनकी पत्नी का 40 फीसद हिस्सा है। शपथ पत्र के मुताबिक जब यह जमीन खरीदी गई थी तब इसकी कीमत चार लाख 15 हजार 35 रुपए थी, लेकिन अब इस जमीन की कीमत 80 लाख 23 हजार 738 रुपये है।

अमित शाह ने इस जमीन के अलावा विरासत के रूप में मिले शीलज में एक प्लॉट का जिक्र किया है, जिसकी कीमत फिलहाल छह करोड़ रुपए बताई है। साथ ही अमित शाह ने गांधीनगर में एक प्लॉट के बारे में बताया है। यह प्लॉट 98 हजार 62 रुपये में खरीदा गया था जिसकी वर्तमान कीमत 26 लाख रुपये है।

Saturday, September 25, 2021

C-295 एयरक्राफ्ट के भारत में बनने का रास्ता साफ, Ratan Tata ने दी टाटा एडवांस और एयरबस डिफेंस को बधाई।

C-295 aircraft manufacturing in India: भारतीय एविएशन सेक्टर (Indian Aviation Sector) के लिए अच्छी खबर है। टाटा एडवांस सिस्टम (Tata Advance Systems) और एयरबस डिफेंस (Airbus Defense) के ज्वाइंट प्रोजेक्ट को क्लियरेंस मिल गया है। इसके बाद भारत में अब मेड इन इंडिया C-295 एयरक्राफ्ट की मैनुफैक्चरिंग (C-295 aircraft manufacturing in india) का रास्ता साफ हो गया है। टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) ने ट्वीट कर इस पर खुशी जाहिर किया है। साथ ही रतन टाटा ने दोनों वेंचर को बधाई भी दी है। उन्होंने कहा कि इससे भारत में एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री में काफी बदलाव आएंगे।


रतन टाटा ने किया है ट्वीट।
रतन टाटा ने अपने ट्वीट में जानकारी देते हुए बताया कि C-295 एयरक्राफ्ट बनाने के लिए टाटा एडवांस सिस्टम और एयर बस डिफेंस के ज्वाइंट प्रोजेक्ट को क्लियरेंस मिलना काफी बड़ा कदम है। इससे भारत में एविएशन और एविएशन से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए नए द्वार खुलेंगे। उन्होंने बताया कि C-295 एयरक्राफ्ट एक मल्टीरोल एयरक्राफ्ट होगा, जो मिशन की जरूरत के हिसाब से कई डिवाइस और खूबियों से लैस होगा। यह क्लियरेंस भारत में पूरी तरह से एयरक्राफ्ट के निर्माण की परिकल्पलना को दर्शाता है।

रक्षा मंत्रालय ने किया है करार।
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एयरफोर्स के लिए एयरबस डिफेंस कंपनी से 56 C-295 एयरक्राफ्ट का करार किया है। इस करार के तहत 16 एयरक्राफ्ट सीधे यूरोप की बड़ी एविएशन कंपनी, एयरबस डिफेंस से खरीदे जाएंगे, जबकि 40 एयरक्राफ्ट एयरबस डिफेंस भारत में ही टाटा एडवांस सिस्टम के साथ मिलकर बनाएगी। ऐसा पहली बार होगा कि देश में कोई प्राइवेट कंपनी एयरक्राफ्ट का निर्माण करेगी‌।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...