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Wednesday, April 7, 2021

Chenab Rail Bridge: Indian Railway Chenab River पर बनाया दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज।

दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल(World's Highest Railway Bridge), जो एमफिल टावर से भी अधिक ऊंचा है। जम्मू-कश्मीर बारामुला लिंक रेल प्रोजेक्ट (Jammu and Kashmir Baramulla Link Rail Project) के तहत बन रहा चिनाब आर्क पूरी तरह तैयार हो गया है। इसके बाद रेलवे ट्रैक बिछाने का काम शुरू होगा। 272 किलोमीटर लंबाई वाले इस रेल लिंक प्रोजेक्ट का 161 किलोमीटर ट्रैक बनकर तैयार है। इसमें 119 किलोमीटर का ट्रैक टनल से होकर गुजरता है।

चिनाब नदी के ऊपर पुल बनाना रेलवे की बहुत बड़ी उपलब्धि है। कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबे खंड को एक करने की दिशा में यह एक महत्‍वपूर्ण कदम है। विश्व के इतिहास में भारत में किसी रेल परियोजना के सामने आने वाली सबसे बड़ी सिविल-इंजीनियरिंग चुनौती है।

आपको बता दें कि 5.6 मीटर लंबा धातु का टुकड़ा आज सबसे ऊंचे बिंदु पर फिट किया गया है, जिसने वर्तमान में नदी के दोनों किनारों से एक-दूसरे की ओर खिंचाव वाली मेहराब की दो भुजाओं को आपस में जोड़ा है। अब इससे मेहराब का आकार पूरा को गया है, जो 359 मीटर नीचे बह रही जोखिम भरी चिनाब नदी पर लूम करेगी।

गौरतलब है कि आजादी के बाद भारतीय रेलवे (Indian Railway History) के इतिहास में यह पुल विज्ञान और तकनीक का बेहतरीन नमूना पेश करेगा। आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट में कुल 38 टनल हैं। इसमें सबसे लंबी टनल की लंबाई 12.75 किलोमीटर है। ब्रिज को बनाने के लिए खास तरह के दो केबल कार बनाए गए हैं, जिनकी क्षमता 20 और 37 मीट्रिक टन है। रेल अधिकारियों के मुताबिक 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी अगर हवा चली तो यह पुल आसानी से टिका रहेगा

उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक पर 111 किलोमीटर के सबसे कठिन सेक्शन को उत्तर रेलवे ने दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। 272 किलोमीटर के इस रेल लिंक पर 28 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। 111 किलोमीटर के कटड़ा-बनिहाल सेक्शन का काम पूरा हो गया है। 2002 में इसे राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट घोषित किया गया था।

भारतीय रेलवे ने पहली बार ओवरहेड केबल क्रेन द्वारा मेहराब के मेम्‍बर्स को बनाया है। इसके लिए सबसे आधुनिक टेक्ला सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया है। 10 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान के लिए उपयुक्त है। गौरतलब है कि यह पुल 266 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति की हवा की गति का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह पुल देश में पहली बार डीआरडीओ के परामर्श से ब्लास्ट लोड के लिए डिजाइन किया गया है।

Tuesday, April 6, 2021

उत्तर प्रदेश: हर स्‍टूडेंट के खाते में 1100 रुपये ट्रांसफर करेगी Yogi सरकार, ये है वजह।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले प्रत्येक स्टूडेंट को अब स्कूल यूनिफॉर्म (School Uniform), बैग (School Bag) और जूते (School Shoe) खरीदने के 1,100 रुपये मिला करेंगे। ये पैसा सभी स्टूडेंट्स के बैंक अकाउंट में राज्य सरकार द्वारा ट्रांसफर किया जाएगा।

इस कारण सरकार ने लिया फैसला।
हर साल इन वस्तुओं के डिलीवरी में होने वाली देरी से बचने के लिए राज्य सरकार ने ये निर्णय लिया है। आधिकारिक बयान के अनुसार, 'बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा यूनिफॉर्म, स्कूल बैग और जूते खरीदने के लिए प्रत्येक लाभार्थी के खाते में एक निश्चित राशि जमा करने का निर्णय लिया गया। इस प्रस्ताव को अब कैबिनेट को भेजा गया है। इसके तहत प्रत्येक बच्चे को यूनिफॉर्म के लिए 600 रुपये दिए जाएंगे। वहीं स्कूल बैग, स्वेटर, मोजे और जूते के लिए 500 रुपये दिए जाएंगे'।

1.6 करोड़ स्टूडेंट्स को मिलेगा लाभ।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में हर साल 1.6 करोड़ छात्रों को ये सुविधाएं मुफ्त में दी जाती हैं। इसके लिए सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र से टेंडर बुलाकर इन चीजों की डिलीवरी की जाती थी, लेकिन इस काम में बार-बार देरी की शिकायतें आने के बाद अधिकारियों को यह कदम उठाना पड़ा। इससे न केवल सामान के वितरण में देरी की समस्या खत्म होगी, साथ ही गुणवत्ता संबंधी चिंता भी दूर होगी।

Sunday, April 4, 2021

छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले का मास्टरमाइंड हिडमा, जिस पर है 25 लाख का इनाम।

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए, बीते 13 सालों में सबसे बड़े नक्सली हमले ( Bijapur Naxal Attack) को अंजाम देने के पीछे 25 लाख के इनामी नक्सल कमांडर का माड़वी हिडमा का हाथ बताया जा रहा है। शनिवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ की घटना हिडमा के गांव में ही घटित हुई है। सुकमा हिडमा का गढ़ है, जहां पर होने वाली सभी नक्सली गतिविधियों पर हिडमा का नियंत्रण रहता है।


हिडमा को संतोष उर्फ इंदमुल उर्फ पोडियाम भीमा जैसे कई और नामों से भी जाना जाता है।
कद-काठी में छोटे से दिखने वाले हिडमा का माओवादी संगठनों में कद काफी बड़ा है। हिडमा नक्सलियों के नेतृत्व की काबिलियत के कारण ही सबसे कम उम्र में माओवादियों की टॉप सेंट्रल कमेटी का मेम्बर बन गया है।

कौन है हिडमा।
छत्तीसगढ़ में कई नक्सली हमलों को अंजाम देने वाले दुर्दांत नक्सली का जन्म सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में हुआ था। यह गांव दुर्गम पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच में बसा हुआ है। इस गांव में पहुंचना बहुत मुश्किल है। हिडमा के गांव में बीते लगभग 20 सालों से स्कूल नहीं लगा है। यहां आज भी नक्सलियों की जनताना सरकार का बोलबाला है। हिडमा की उम्र अगर 40 साल से ऊपर मानी जाए, तो हिडमा का जन्म सुकमा में उस काल में हुआ था, जब यहां नक्सलवाद चरम पर था। हिडमा का परवरिश ऐसे माहौल में हुई है, जहां सिर्फ माओवादियों क शासन था। बताते हैं कि हिडमा सिर्फ दसवीं क्लास तक पढ़ा है, लेकिन पढ़ने-लिखने में रूचि होने के कारण वह फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोल लेता है। बताया जाता है कि हिडमा अपने साथ हमेशा एक नोटबुक लेकर चलता है, जिसमें वह अपने नोट्स बनाता रहता है। हिडमा की पहचान को लेकर कहा जाता है कि उसके बाएं हाथ में एक अंगुली नहीं है, यही उसकी सबसे बड़ी पहचान है।

पहले भी कई बड़े नक्सली हमलों को दे चुका है, अंजाम
हिडमा साल 1990 में माओवादियों के साथ जुड़ा। लेकिन कुछ ही सालों में यह नक्सली संगठनों का एक बड़ा नाम बन गया। हिडमा की नेतृत्व करने और सटीक रणनीति बनाने की प्रतिभा ने उसे बहुत जल्द शीर्ष नेतृत्व पर पहुंचा दिया और हिडमा को एरिया कमांडर बना। दिया गया। साल 2010 में ताड़मेटला में हुए हमले में CRPF के 76 जवानों की मौत में हिडमा कि अहम भूमिका थी। इसके बाद बहुत चर्चित रहे साल 2013 में हुए जीरम हमले में भी हिडमा की अहम भूमिका थी। इस हमले में कई बड़े कांग्रेसी नेताओं सहित 31 लोगों की मौत हो गई थी। साल 2017 में  बुरकापाल में हुए हमले में भी हिडमा की अहम भूमिका बताई गई थी। इस हमले में 25 CRPF जवान शहीद हो गए थे।

Wednesday, March 31, 2021

क्या आप जानते हैं कितनी Websites से आपका Gmail लिंक, यहां है Delink करने का तरीका

Gmail: कई वेबसाइट्स पर लॉगिन करने के लिए हमारे पास दो ऑप्शन्स होते हैं, एक जहां हम अपनी पूरी डिटेल्स सबमिट करते हैं या फिर अपने Gmail अकाउंट के एक्सिस से उस वेबसाइट (Website) में लॉगिन करते हैं। इसके लिए हमारे Gmail अकाउंट से उसे लिंक कर दिया जाता है जिसे आने वाले समय में किसी तरह के पासर्वड की जरूरत न हो। एक वक्त के बाद हम उस साइट का इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं। लेकिन, भी वो हमारे Gmail अकाउंट से लिंक रहती है।

आपका भी Gmail कई Website से लिंक है?
अगर आप जानना चाहते हैं आपका Gmail अकाउंट कितनी वेबसाइट से लिंक है तो आप उस साइट से डी लिंक कर सकते हैं।

ऐसे करें Mobile से पता अपका Gmail अकाउंट कितनी वेबसाइट से लिंक है ये जानने के लिए आपको मोबाइल के Gmail ऐप पर नहीं ब्लकि गूगल क्रोम पर Gmail खोलना होगा। अपना Gmail ID और पासवर्ड वहां डालना होगा जिस अकाउंट के बारें में आप पता करना चाहते हैं।
गूगल क्रोम पर लॉगिन करने के बाद आपको नॉर्मल पेज नजर आएगा। जहां आपको Scroll करने हुए सबसे नीचे जाना होगा। जहां आपको View Gmail in (Mobile/ Older Version/ Dekstop) नजर आएगा। अब आपको Dekstop पर क्लिक करना है जिसके बाद आपको जिस तरह डेक्सटॉप पर Gmail नजर आता है उसी तरह सारे Mails नजर आएंगे। इस पेज में भी आपको Scroll करके सबसे नीचे की तरफ आना होगा।
जहां आपके इस्तेमाल किए गए Gmail की जानकारी होगी। इसके बाद आपको Last Account Acitvity पर जाना होगा। अब डिटेल्स पर क्लिक करें, अब यहां नजर आ रहे Security Checkup पर क्लिक कर दें। यहां आपको सबसे नीचे Your Saved Password नजर आएगा।
यहीं आपको ये दिखेगा की आपका Gmail अकाउंट कितनी वेबसाइट और ऐप से लिंक करके रखा है। इसके बाद आपको Go to Password Checkup पर क्लिक करना होगा, जिसके बाद फिर आपको Gmail Id का पासवर्ड यहां एंटर करना होगा।
यहां आपको उन तमाम एप्स और साइट की जानकारी मिल जाएगी जहां पर आपका Gmail अकाउंट लिंक है। आप यहीं से साइड पैनल क्लिक करके उसे लॉग ऑउट कर सकते है।

विशाल मालवाहक जहाज 'एवर गिवेन (Ever Given)' के फसाने से हर दिन 9 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान।

स्वेज: इजिप्ट की स्वेज नहर (Suez Canal) में 6 दिन से फंसे रहने के बाद सोमवार को विशाल मालवाहक जहाज 'एवर गिवेन (Ever Given)' को खिसका लिया गया। एशिया और यूरोप के बीच माल लेकर जाने वाला, पनामा के ध्वज वाला एवर गिवेन (Ever Given) नामक मालवाहक जहाज मंगलवार को स्‍वेज नहर में फंस गया था। इससे स्‍वेज नहर के दोनों तरफ समुद्र में जाम लग गया था और 350 से ज्‍यादा मालवाहक जहाज फंस गए थे।


ड्रेजिंग जहाज का रहा बड़ा योगदान
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, एवर गिवेन (Ever Given) के निकलने में सुपरमून के साथ-साथ मैशआवर (Mashhour) नामक एक ड्रेजिंग (निकर्षण) जहाज का भी बहुत बड़ा योगदान रहा। इस जहाज ने प्रति घंटे 70 हजार क्‍यूबिक फीट रेत हटाने की क्षमता है। इस जहाज को गुरुवार को काम पर लगाया गया था।

इस तरह निकाला गया एवर गिवेन जहाज।
स्‍वेज नहर प्राधिकरण के चीफ ओसामा रबिए ने कहा, मैशआवर जहाज ने एवर गिवेन के नीचे से बालू निकालने का ज्‍यादातर काम किया। इसके बाद जहाजों को खींचने वाले टगबोट को एवर गिवेन को खींचने का मौका मिल गया। इसके अलावा कई छोटे-छोटे जहाजों की मदद से एवर गिवेन के तलछट से रेत और कीचड़ को निकाला गया।

हर दिन 9 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान।
एक अनुमान के मुताबिक जहाज के फंसने से प्रतिदिन नौ अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो रहा था। स्वेज नहर दुनिया के सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाले जलमार्गों में से एक है, जिससे हर रोज औसतन 50 जहाज गुजरते हैं। स्वेज नहर के जरिए बड़े पैमाने पर वैश्विक समुद्री व्यापार होता है।

ऐसे फंस गया था एवर गिवेन मालवाहक जहाज।
कंटेनर शिप एवर गिवेन (Container Ship Ever Given) पनामा का जहाज है। इस जहाज को 2018 में बनाया गया था, जिसे ताइवानी ट्रांसपोर्ट कंपनी एवरग्रीन मरीन संचालित करती है। कंटेनर शिप चीन से माल लादने के बाद नीदरलैंड के पोर्ट रॉटरडैम के लिए जा रहा था और इसने हिंद महासागर से यूरोप में जाने के लिए स्वेज नहर का रास्ता चुना, लेकिन मंगलवार की सुबह स्थानीय समयानुसार करीब 7:40  स्वेज पोर्ट के उत्तर में फंस गया। रिपोर्ट के अनुसार, एवर गिवेन के चालक दल ने बताया कि स्वेज नहर को पार करते समय आए हवा के एक तेज बवंडर की वजह से उनका शिप घूम गया। बाद में जब उसे सीधा करने का प्रयास किया गया तो इसने नहर की चौड़ाई में घूमकर पूरे ट्रैफिक को ही बंद कर दिया।

Tuesday, March 16, 2021

Ethanol Blend Petrol: कारों के लिए एथनॉल-पेट्रोल ब्लेंड E20 को मंजूरी, जाने क्या खास है E20 पेट्रोल में।

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच अब एक राहत की खबर ये है कि बाइक्स और कारों में E20 पेट्रोल के इस्तेमाल की इजाजत मिल गई है। E20 का मतलब हुआ ऐसा पेट्रोल जिसमें 20 परसेंट एथनॉल (Ethanol Blend Petrol) मिला होगा। सड़क और परिवहन मंत्रालय ने E20 को इस्तेमाल करने के लिए नोटिफिकशन जारी कर दिया है।


E20 पेट्रोल का इस्तेमाल करने की इजाजत।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि E20 एक ऐसा पेट्रोल है, जो वातावरण के लिए भी अच्छा है क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन सामान्य पेट्रोल के मुकाबले बेहद कम निकलता है। इस ईंधन के लिए कार और बाइक मैन्यूफैक्चर्स को अलग से बताना होगा कि कौन सा वाहन E20 के लिए उपयुक्त है, इसके लिए वाहन में एक स्टीकर भी लगाना होगा।

E20 पेट्रोल के फायदे ही फायदे।
आपको बता दें कि 2014 में पेट्रोल में 1 परसेंट से भी कम एथनॉल ब्लेंड किया जाता था यानी मिलाया जाता था, फिर इसे बढ़ाकर 8.5 परसेंट किया गया, अब पेट्रोल में 10 परसेंट एथनॉल मिलाने का लक्ष्य है। पेट्रोल में एथनॉल मिलाने के कई फायदे हैं।
1. पहला फायदा तो यही है कि पेट्रोलियम पर भारत की निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। अभी भारत अपनी जरूरत का 83 परसेंट तेल इंपोर्ट करता है।
2. कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) कम निकलेगा तो वातावरण को होने वाला नुकसान भी कम हो जाएगा।
3. एथनॉल का इस्तेमाल बढ़ने से किसानों को फायदा होगा, उनकी आय बढ़ेगी, क्योंकि एथनॉल गन्ने, मक्का और कई दूसरी फसलों से बनाया जाता है।
4. चीनी मिलों को कमाई का एक नया जरिया मिलेगा जिससे वो अपने कृषि बकाए को चुका सकेंगे।
5. एथनॉल काफी किफायती है इसलिए उपभोक्ताओं को भी पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

2025 तक 20 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य।
आपको बता दें कि सरकार ने 2030 तक 20 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग पेट्रोल का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब इसे पांच साल पहले 2025 में ही हासिल करने की योजना है। पिछले साल सरकार ने 2022 तक पेट्रोल में 10 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा था। मौजूदा एथनॉल सप्लाई वर्ष में, जो कि अक्टूबर में शुरू होता है, पेट्रोल में 8.5 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग होती है, इसे 2022 तक बढ़ाकर 10 परसेंट किया जाएगा।
सरकार की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, 2025 तक 20 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग के लिए 1200 करोड़ एल्कोहॉल/एथनॉल की जरूरत होगी। 700 करोड़ लीटर एथनॉल बनाने में शुगर इंडस्ट्री को 60 लाख टन सरप्लस चीनी का इस्तेमाल करना होगा। जबकि 500 करोड़ लीटर एथनॉल दूसरी फसलों से बनेगा।

500 साल का इंतजार हुआ खत्म, पूरे विधि विधान से हुआ राम मंदिर नींव भराई का वैदिक पूजन।

अयोध्या / उत्तर प्रदेश: धर्मनगरी अयोध्या में राम मंदिर (Ram temple) के निर्माण के लिए 500 सालों का इंतजार अब खत्म हो गया। राम मंदिर की नींव भराई के लिए सोमवार को पूजन किया गया। शुभ मुहूर्त में 10:55 बजे से ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने पूजन किया। नींव भरने का काम शुरू करने के लिए चैत्र कृष्ण त्रयोदशी यानी कि 9 अप्रैल की तिथि तय की गई है। इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, डॉ. अनिल मिश्र, महंत दिनेन्द्र दास सहित अन्य लोग मौजूद रहे। नींव भराई के बाद राम मंदिर धीरे-धीरे आकार लेने लगेगा।


शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान के साथ कार्य शुरू।
सोमवार सुबह 10:55 के शुभ मुहूर्त पर भगवान श्री गणेश, विष्णु और श्री लक्ष्मी जी तथा विश्वकर्मा भगवान के पूजन के साथ 40 फीट गहरी नींव की भराई का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने वैदिक रीति रिवाज से पूजन किया। इस दौरान राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, जिला अधिकारी अनुज कुमार झा और डीआईजी दीपक कुमार समेत राम मंदिर निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो और टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर मौजूद रहे।

40 फीट गहरी खुदाई का काम पूरा।
राम जन्मभूमि परिषद की 5 एकड़ भूमि में 2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसमें गर्भ ग्रह के स्थल समेत पूरे 2.77 एकड़ भूमि को 40 फीट गहरी खुदाई का काम पूरा किया जा चुका है। जिसके लिए वास्तुशास्त्र के हिसाब से मुहूर्त रखा गया था। अब इसी नींव में कंक्रीट की 1 फीट मोटी लेयर से राम मंदिर निर्माण की नींव भराई का काम प्रारंभ किया गया है।

नींव भराई में सीमेंट कंक्रीट और मौरंग का प्रयोग किया गया है साथ ही सिलिकॉन के मिश्रण से लेयर बनाया जा रहा है। एक फिट मोटी लेयर पर रोलर चलाया जाएगा उंसके बाद मिर्जापुर का पत्थर बिछाया जाएगा। पुनः कंक्रीट की लेयर बनेगी फिर उसके ऊपर मिर्जापुर का पत्थर बिछाया जाएगा।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...