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Wednesday, November 10, 2021

माता सीता और द्रोपदी ने क्यों किया था छठ पूजा ? जानें इस महापर्व का इतिहास।

आज छठ पूजा का तीसरा दिन है। छठ पर्व पर सूर्य देव की पूजा का बहुत महत्व होता है, भगवान सूर्य को इस दिन शाम को और दूसरे दिन सुबह अर्घ्य दिया जाता है। छठ का पहला दिन नहाय खाए से शुरू होता है। उत्तर प्रदेश और खासकर बिहार में मनाया जाने वाला यह पर्व अपने आप में काफी खास है। इसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा का त्योहार चार दिन तक चलता है। सूर्य देव की आराधना और संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए समर्पित छठ पूजा हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होता है। इस वर्ष छठ पूजा 11 नवंबर गुरुवार को है।

राजा प्रियंवद की कोई संतान नहीं थी।
छठ पर्व कैसे शुरू हुआ इसके पीछे कई ऐतिहासिक कहानियां प्रचलित हैं। पुराण में छठ पूजा के पीछे की कहानी राजा प्रियंवद को लेकर है। कहते हैं राजा प्रियंवद की कोई संतान नहीं थी। तब महर्षि कश्यप ने पुत्र की प्राप्ति के लिए यज्ञ कराकर प्रियंवद की पत्नी मालिनी को आहुति के लिए बनाई गई खीर दी। इससे उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई लेकिन वह पुत्र मरा हुआ पैदा हुआ। प्रियंवद पुत्र को लेकर श्मशान गए और पुत्र वियोग में प्राण त्यागने लगे। उसी वक्त भगवान की मानस पुत्री देवसेना प्रकट हुईं और उन्होंने राजा से कहा कि क्योंकि वह सृष्टि की मूल प्रवृति के छठे अंश से उत्पन्न हुई हैं, इसी कारण वो षष्ठी कहलातीं हैं। उन्होंने राजा को उनकी पूजा करने और दूसरों को पूजा के लिए प्रेरित करने को कहा।

सीता जी ने 6 दिनों तक सूर्यदेव की उपासना की
राजा प्रियंवद ने पुत्र इच्छा के कारण देवी षष्ठी का व्रत किया और उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। कहते हैं ये पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को हुई थी और तभी से छठ पूजा होती है। इस कथा के अलावा एक कथा राम-सीता जी से भी जुड़ी हुई है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक जब राम और सीता 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे तो रावण वध के पाप से मुक्त होने के लिए उन्होंने ऋषि-मुनियों के आदेश पर राजसूर्य यज्ञ करने का फैसला किया था। पूजा के लिए उन्होंने मुग्दल ऋषि को आमंत्रित किया। मुग्दल ऋषि ने मां सीता पर गंगा जल छिड़क कर उन्हें पवित्र किया और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सूर्यदेव की उपासना करने का आदेश दिया। उस समय सीता जी ने मुग्दल ऋषि के आश्रम में रहकर 6 दिनों तक भगवान सूर्यदेव की पूजा की थी।

द्रौपदी ने भी छठ व्रत रखा था।
एक और मान्यता के अनुसार छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी। इसकी शुरुआत सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य की पूजा करके की थी। कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे और वह रोज घंटों कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते थे। सूर्य की कृपा से ही वह महान योद्धा बने। आज भी छठ में अर्घ्य दान की यही परंपरा प्रचलित है। छठ पर्व के बारे में एक कथा और भी है। इस कथा के मुताबिक जब पांडव अपना सारा राजपाठ जुए में हार गए तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था। इस व्रत से उनकी मनोकामना पूरी हुई थी और पांडवों को अपना राजपाठ वापस मिल गया था। लोक परंपरा के मुताबिक सूर्य देव और छठी मईया का संबंध भाई-बहन का है। इसलिए छठ के मौके पर सूर्य की आराधना फलदायी मानी गई है।

Friday, November 5, 2021

38 साल की क्रिकेटर मिताली राज ने अब तक क्यों नहीं की शादी? ये है उनका 'पहला प्यार'

नई दिल्ली: भारत में क्रिकेट को एक अलग ही पहचान मिल चुका है सयद ही कोई ऐसा हो जो क्रिकेट नहीं जानता हो और क्रिकेट नहीं खेला हो, क्रिकेट से लगभग सभी लोग प्यार करते हैं। इसके बारे मे और इसके खिलाड़ियों के बारे में सभी लोग जानने की इच्छा रखते हैं। भारत में लोग क्रिकेटर्स को भगवान का दर्जा तक दे चुके हैं। भारतीय महिला टीम की टेस्ट और वनडे क्रिकेट की कप्तान मिताली राज भारत के साथ-साथ ही पूरे दुनिया में काफी फेमस हैं। उनके नाम ढेरों रिकॉर्ड हैं, उन्हें भारतीय 'महिला क्रिकेट का सचिन तेंदुलकर' कहा जाता है। हाल ही में उन्होंने एक बड़ा खुलासा किया है कि उन्होंने अभी तक शादी क्यों नहीं की।

क्रिकेट नहीं, ये है पहला प्यार। 
भारत की स्टार बल्लेबाज मिताली राज ने अपने खेल से अपना और देश का नाम ऊंचा किया है। लेकिन स्पोर्ट्स उनका पहला प्यार नहीं था। मिताली राज अपने पिता की  जिद पर क्रिकेटर बनीं थी। उन्हें डांस करना अच्छा लगा था। बचपन से ही वो डांसर बनना चाहती थी। वह भरतनाट्यम में ट्रेनिंग भी ले चुकी हैं। मिताली के भाई और पापा भी पूर्व क्रिकेटर रह चुके हैं।

शादी ना करने की बताई वजह 
तीन दिसंबर 1982 को राजस्थान के जोधपुर में जन्मीं मिताली राज ने अब तक शादी नहीं की है। इतनी उम्र होने के बावजूद उनके शादी नहीं करने का कारण भी बहुत खास है। 'मिड डे' को दिए एक इंटरव्यू में मिताली ने यह राज खोला है। उन्होंने कहा, 'बहुत वक्त पहले, जब मैं बहुत छोटी थी तब यह विचार मेरे दिमाग में आया था, लेकिन अब जब मैं विवाहित लोगों को देखती हूं तब यह विचार मेरे दिमाग में नहीं आता है। मैं सिंगल रहकर बहुत खुश हूं'।

वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज।
मिताली राज ने 1999 में आयरलैंड के खिलाफ मैच से इंटरनेशनल डेब्यू किया था। तब से उनका बल्ला रन उगल रहा है। वह पहली महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने वनडे  क्रिकेट में 7000 से ज्यादा रन बनाए हैं। उनके नाम वनडे क्रिकेट में 7 शतक दर्ज हैं। वहीं टी20 क्रिकेट में 2364 रन बनाए हैं। वह बहुत ही क्लासिक बल्लेबाज हैं।

Monday, November 1, 2021

DHONI की CSK ने नीरज चोपड़ा पर की पैसों की बरसात, किया एक करोड़ रुपये से सम्मानित।

Chennai Super Kings reward Neeraj Chopra with Rs one crore: टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) के गोल्ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) पर इनामों की बारिश अभी तक हो रही है। देश का नाम रौशन करने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने ओलंपिक में इस साल कुछ ऐसा कर दिखाया था जो आज से पहले भाला फेंक में कोई भारतीय खिलाड़ी नहीं कर सका था। यही वजह है कि नीरज चोपड़ा पर लगातार इनामों की बारिश हो रही है।

न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक चेन्नई सुपर किंग्स ने टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा को उनकी एतिहासिक उपलब्धि के लिए एक करोड़ रुपये का चैक देकर सम्मानित किया। ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी चोपड़ा को चेन्नई सुपर किंग्स क्रिकेट लिमिटेड की ओर से एक करोड़ रुपये का चैक सौंपा गया। विज्ञप्ति के अनुसार सीएसके ने चोपड़ा के सम्मान में उन्हें 8758 नंबर (टोक्यो में 87.58 मीटर के स्वर्ण पदक के प्रयास के आधार पर) की जर्सी भी सौंपी।

चोपड़ा अभिनव बिंद्रा के बाद भारत के सिर्फ दूसरे व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं। सीएसके के सीईओ केएस विश्वनाथन ने कहा, "शानदार उपलब्धि के लिए पूरे देश को नीरज पर गर्व है। ट्रैक एवं फील्ड में स्वर्ण पदक जीतने वाला पहला भारतीय बनकर उन्होंने मापदंड स्थापित किए हैं"। उन्होंने कहा, "वह अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं। 87.58 की संख्या हमेशा के लिए भारतीय खेलों के इतिहास में दर्ज हो गई है और नीरज को यह विशेष जर्सी सौंपना हमारे लिए सम्मान की बात है।

नीरज चोपड़ा ने सीएसके प्रबंधन को दिया धन्यवाद: 
पुरस्कार और विशेष जर्सी लेने के बाद 23 साल के चोपड़ा ने कहा कि पिछले दो महीने उनके लिए नई चीजों का अनुभव करने का मौका रहा। उन्होंने सीएसके प्रबंधन को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा, "आपके समर्थन और पुरस्कार के लिए धन्यवाद। काफी अच्छा लग रहा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि स्वर्ण पदक जीतने के बाद मुझे इतना प्यार मिलेगा। इसकी उम्मीद नहीं थी और काफी अच्छा महसूस कर रहा हूं। उम्मीद करता हूं कि मैं और कड़ी मेहनत करूंगा और अच्छे नतीजे हासिल करूंगा। "टोक्यो में सात अगस्त को 87.58 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर चोपड़ा ओलंपिक खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।

Thursday, October 21, 2021

जाने नकली नोट और असली नोट पहचानने का सरल तरीका, कभी नहीं होगी चूक।

रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार हर साल लाखों नकली नोट्स का चलन होता है। इसके लिए कई बार RBI नोटिफिकेशन भी निकालता है की ऐसे मामले आने से पहले आप सतर्क हो जाए। लेकिन फिर भी नकली नोट्स बाजार में आ ही जाते है। ऐसे में हर शख्स को डर लगा रहता है की कहीं जेब मे रखा हुआ उनका 100,500 या 2000 का नोट नकली तो नहीं है।

नए 100 रुपए के असली नोट की पहचान करने का सबसे आसान तरीका है की असली नोट पर सामने वाले दोनों हिस्से पर देवनागरी में 100 लिखा है. वहीं नोट के बीच में महात्मा गांधी की फोटो लगी है। साथ ही 100 रुपये के असली नोट पर RBI, भारत, INDIA और 100 छोटे अक्षरों में लिखा है। 100 रुपये या उससे अधिक मूल्य वाले नोट पर महात्मा गांधी का चित्र, रिजर्व बैंक की सील, गारंटी और प्रॉमिस क्लॉज, अशोक स्तंभ, आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए आइडेंटिफिकेशन मार्क इंटैग्लियो में प्रिंटेड (Intaglio printing) होते हैं।

हालाँकि 200, 500 और 2000 रुपये के नोट पर यह मूल्य एक रंग बदलने वाली स्याही से लिखा होता है. जब नोट को समतल रखा जाता है तो इन अंकों का रंग हरा दिखाई देता है, लेकिन जब इन्हें थोड़ा घुमाया जाए तो यह नीले रंग में बदल जाता है,तो आप समझ जाना की नोट नकली है।

और अगर बात करे असली 500 रुपए के नोट की तो नोट को किसी लाइट के सामने रखने पर यहां 500 लिखा हुआ दिखता है।अगर आप आंख के सामने 45 डिग्री के एंगल पर नोट रखेंगे तो यहां 500 लिखा हुआ दिखेगा। यहां पर देवनागरी में 500 लिखा होता है। पुराने नोट से तुलना करें तो महात्मा गांधी की तस्वीर का ओरिएंटेशन और पोजिशन थोड़ा अलग है। नोट को हल्का मोड़ेंगे तो सिक्योरिटी थ्रीड का कलर हरा से नीला हो जाता है। पुराने नोट की तुलना में गवर्नर के सिग्नेचर, गारंटी क्लॉज, प्रॉमिस क्लॉज और RBI का लोगो दाहिनी तरफ शिफ्ट हो गया है। यहां महात्मा गांधी की तस्वीर है और इलेक्ट्रोटाइप वाटरमार्क भी है।

Monday, October 18, 2021

प्रोड्यूसर निधि परमार कर चुकी हैं 100 लीटर ब्रेस्ट मिल्क डोनेट, कहा- ‘पुराने विचारों को तोड़ने की कोशिश की’

तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर स्टारर फिल्म ‘सांड की आंख’ की प्रोड्यूसर निधि परमार हीरानंदानी ने लॉकडाउन के दौरान 100 लीटर ब्रेस्ट मिल्क डोनेट किया। यह खबर सामने आने के बाद से निधि चर्चा में आ गई हैं।

दरअसल ‘ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे’ ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया है। इस पोस्ट में निधि की बेटे वीर के साथ एक तस्वीर और कैप्शन में उनकी बातें लिखी गई हैं. कैप्शन में लिखा है, “मैं 37 साल की थी जब मैंने अपने एग्ज फ्रीज करवा लिए थे। मैं मां बनना चाहती थी लेकिन इसके साथ ही साथ मैं अपने प्रोफेशनल करियर को भी साथ रखना चाहती थी। एग्स फ्रीज करवाने के काफी पहले मैं एक निर्देशक बनने का ड्रीम लेकर मुंबई आई थी। यहां आने के बाद मुझे अपना नाम बनाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी।”

कैप्शन में आगे लिखा है, ‘तब मैंने बतौर असिस्टेंट डारेक्टर और टैलंट एजेंट के तौर पर काम किया था। अपने इस काम के बीच ही मुझे प्यार हो गया और मैंने उस इंसान से शादी भी कर ली। उस वक्त मेरी उम्र करीब 30 साल थी और मेरा कोई बच्चा नहीं था। ऐसे में मेरे परिवार के साथ ही सोसायटी ने भी पूछना शुरू कर दिया था- तुम बेबी कब प्लान कर रहे हो? इसके बाद लोगों की यह उम्मीद मेरे पीछे ही पड़ गईं। मैं अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी बनाना चाह रही थी, ऐसे में मेरे पति ने मुझे एग्स फ्रीज करवाने की सलाह दी ताकि मैं अपने टारगेट को पूरा कर सकूं और कंसीव भी। मैंने उनकी बात मान ली।’

कैप्शन में इसके बाद लिखा था, ‘मैं 40 वर्ष की थी जब मैं मां बनी, मुझे मेरे करियर और बच्चे दोनों पर बराबर ध्यान देना था। लेकिन मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि जिस तरीके से मैंने इसे किया। उस वजह से मैंने हर पल का मजा लिया, इसलिए मैं अपनी कहानी अधिक से अधिक महिलाओं के साथ साझा करती हूं ताकि वे भी मां बनने के लिए खुद को तैयार कर सकें।’

Thursday, October 14, 2021

अमेरिकी SUV आ रही है भारत! सिंगल चार्ज में तय की 1,200 किलोमीटर दूरी चलने का रिकॉर्ड।

यूएस-आधारित इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी Triton EV ने भारतीय इलेक्ट्रिक मार्केट में नए खिलाड़ी के रूप में कदम रखा हैं। मंगलवार को, कंपनी ने हैदराबाद में अपनी इलेक्ट्रिक एसयूवी (Electric SUV) Triton Model H को शोकेस किया। ट्राइटन ईवी की भारत में यह पहली एसयूवी न केवल देखने में विशाल और दमदार है, बल्कि इसकी रेंज भी जबरदस्त है। कंपनी का दावा है कि Model H सिंगल चार्ज में 1,200 किलोमीटर की रेंज देने में सक्षम है। आइए बताते है इस कार के बारे में अधिक।

लुक में Model H आपको अमेरिकी एसयूवी होने का अहसास कराएगी। इसमें विशाल फ्रंट ग्रिल देखने को मिलती है और यह साइज़ में भी विशाल है। इसकी लंबाई 5,690 mm, ऊंचाई 2,057 mm और चौड़ाई 1,880 mm है। इसका व्हीलबेस भी लगभग 3,302 mm है। निश्चित तौर पर यह रोड पर किसी मिनी ट्रक से कम नहीं लगेगी। यह आठ सीटर (8-Seater electric SUV) है और उसके बाद भी इसमें 5,663 लीटर का स्टोरेज स्पेस मिलता है।

Model H में 200kWh का बैटरी पैक मिलता है और जैसा कि हमने बताया, कंपनी का दावा है कि यह बैटरी पैक सिंगल चार्ज में लगभग 1,200 km की रेंज निकालने में सक्षम है। हाइपरचार्जर के विकल्प के साथ यह बैटरी पैक मात्र दो घंटे में फुल चार्ज हो सकता है। कंपनी के मुताबिक, यह इलेक्ट्रिक कार 0-60 मील प्रति घंटा (लगभग 0-97 kmph) की रफ्तार मात्र 2.9 सेकंड में पकड़ सकती है।

जानकारी के लिए बता दें कि Triton अगले कुछ महीनों में भारत में 30 करोड़ डॉलर (लगभग 226 करोड़ रुपये) का निवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी ने यह भी बताया कि उसे भारत से पहले ही 2.4 बिलियन डॉलर (लगभग 18,000 करोड़ रुपये) की खरीद के ऑर्डर मिल चुके हैं। कंपनी जल्द तेलंगाना के ज़ाहिराबाद इलाके में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की योजना बना रही है।

1. य़ूएस-आधारित मोबिलिटी कंपनी Triton ने भारत में दिखाई इलेक्ट्रिक कार।
2. Triton Model H सिंगल चार्ज में चलेगी 1,200 किलोमीटर
3. 0-60 मील प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ेगी मात्र 2.9 सेकंड में

Wednesday, October 13, 2021

अपने से 6 साल बड़ी अंजली को दिल दे बैठे थे सचिन तेंदुलकर, शर्मीले सचिन ऐसे बधे शादी के बंधन में।

दुनिया में बहुत सी ऐसी खेल प्रतियोगितायें है, जो लोगों को काफी पसन्‍द आती है, पर वही अगर भारत की बात की जाये, तो यहां क्रिकेट को लेकर एक अलग ही दिवानगी देखने को मिलती है। क्‍योंकि हमारे देश में क्रिकेट प्रेमी कोई भी मैच देखने में पीछे नहीं हटते, इसके अतरिक्‍त भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता इतनी है, कि क्रिकेट प्रेमी क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन की पूजा तक करते है, पर क्या आप लोग यह जानते है कि सचिन तेंदुलकर खुद से उम्र में 6 साल बड़ी, अंजलि पर अपना दिल हार बैठे थे।

दरअसल बात उस वक्त की है जब अपनी मां को पिक करने अंजलि एयरपोर्ट पहुंची थी जहां उन्होंने पहली बार सचिन तेंदुलकर को देखा था, वह अंजलि सचिन को पहचान नहीं पाई थी पर बाद में जब एक दोस्त से उन्हें पता चला तो वह उनका ऑटोग्राफ लेने पहुंच गई, हालांकि सचिन का स्वभाव थोड़ा शर्मीला था इस वजह से बिना कुछ कहे ही वह गाड़ी में बैठ गए। आपको बता दें कि एयरपोर्ट पर हुई पहली ही मुलाकात में अंजली और सचिन एक दूसरे पर दिल हार बैठे थे। अंजलि जहां एक मेडिकल की छात्रा थी वहीं दूसरी ओर सचिन क्रिकेट की दुनिया में खुद को स्थापित करने के लिए स्ट्रगल कर रहे थे, यह बात साल 1990 की है जब सचिन इंग्लैंड दौरे से वापस भारत लौटे थे। क्योंकि इन दोनों की प्रेम कहानी काफी वक्त पहले की है इसलिए उन दिनों मोबाइल फोन का चलन भी अधिक नहीं हुआ करता था, ऐसे में काफी मेहनत के बाद अंजलि को सचिन के घर का नंबर मिला और इसी नंबर पर वो उन्हें कॉल किया करती थी।

एक साक्षात्कार के दौरान अंजलि ने इस बात का खुलासा किया था की सचिन से मिलने वह एक पत्रकार के रूप में जाया करती थी। इसके अलावा अंजलि ने यह बात भी बताई थी के सचिन की मां को भी एक बार उनके पत्रकार होने पर शक हो गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि सचिन हमेशा से ही काफी शर्मीले स्वभाव के रहे थे और वह किसी भी महिला पत्रकार को इंटरव्यू नहीं देते थे। सचिन तेंदुलकर, अंजली से शादी करना चाहते थे पर अपने स्वभाव के चलते वह अपनी मां से शादी के बारे में कहने में झिझक रहे थे। जिस वजह से अंजलि को ही शादी की बात करने जाना पड़ा।

अंजलि को सचिन का मासूम स्वभाव और अपना सच्चा प्यार नजर आ गया था जिस वजह से खुद ही अपनी शादी का रिश्ता लेकर अंजली सचिन के घर पहुंची थी। वहीं अगर बात करें सचिन तेंदुलकर और अंजली के रिलेशनशिप की तो तकरीबन 5 सालों तक इन दोनों ने एक दूसरे को डेट किया था जिसके बाद 24 अप्रैल, 1995 को इन दोनों की सगाई हुई। सगाई होने के लगभग 1 महीने बाद 23 मई 1995 को आखिरकार सचिन तेंदुलकर और अंजलि शादी के बंधन में बंध गए और आज सचिन अपने परिवार के साथ बेहद खुशहाल जिंदगी बिता रहे है। इस जानकारी के संबंध में आप लोगों की क्या प्रतिक्रियायें है कॉमेंट कर हमे बताए।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...