राष्ट्रनिर्माण को समर्पित,विश्व के विशालतम संगठन का बीज बोने वाले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक पूजनीय आद्य सरसंघचालक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार जी की पुण्यतिथि पर हम बात करेंगे उनके द्वारा स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जो हिंदू राष्ट्र के मंत्र दृष्टा डॉ हेडगेवार का जन्म चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन 1 अप्रैल 1889 को नागपुर में हुआ था।
बचपन से वह क्रांतिकारी स्वभाव के थे। मराठा शासकों द्वारा निर्मित सीताबर्डी के किले पर फहराता हुए यूनियन जैक को उतारने की योजना बनाई। हालांकि इसमें वह सफल नहीं हुए। नील सिटी हाई स्कूल में अंग्रेजों के अधिकारी निरीक्षण के लिए आने पर वंदे मातरम के उद्घोष से उनका स्वागत किया। परिणाम यह हुआ कि उन्हें विद्यालय से निष्कासित कर दिया गया। बालक केशव ने कहा कि वंदे मातरम और भारत माता की जय बोलना यदि अपराध है तो मैं उसके लिए कोई भी सजा भुगतने को तैयार हूं। कोलकाता मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान क्रांतिकारी संस्था अनुशीलन समिति में कार्य किया। 1921 के असहयोग आंदोलन में 1 साल के लिए जेल गए।
डॉ हेडगेवार ने विचार किया कि बिना हिंदू संगठन के भारत का उत्थान संभव नहीं है। इसलिए सन 1925 में विजयदशमी के दिन उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। 21 जुलाई 1930 को यवतमाल में अपने जत्थे के साथ डॉक्टर हेडगेवार ने जंगल सत्याग्रह किया। नौ मास की कारावास की सजा उन्होंने अकोला जेल में रहकर पूरी की।
कारावास से बाहर आकर संपूर्ण देश में संघ कार्य विस्तार के लिए उन्होंने नागपुर से प्रचारक भेजे। एक और संघ का कार्य समाज में निरंतर बढ़ रहा था।
तो दूसरी ओर डॉ हेडगेवार का शरीर धीरे-धीरे शिथिल होता जा रहा था। 21 जून 1940 को संघ संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार का निधन हो गया। महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, महामना पंडित मदन मोहन मालवीय, वीर सावरकर, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ऐसी महान विभूतियां डॉक्टर हेडगेवार से प्रभावित थी। आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और सेवाभावी संगठन बन गया है।
No comments:
Post a Comment
If you have any doubts, please let me know.