Tata Group की कंपनियों का प्रदर्शन बीते एक साल के दौरान शानदार रहा है, एक साल में टाटा ग्रुप का मार्केट कैप 42 परसेंट से ज्यादा बढ़ा है। कमाल की बात ये है कि टाटा ग्रुप का मार्केट कैप बीते एक महीने में 13 परसेंट बढ़ा है, यानी एक महीने में ग्रुप ने अपने मार्केट कैप में 1.9 लाख करोड़ रुपये जोड़े हैं। जबकि Tata Group के 42 पररेंट के मुकाबले मुकेश अंबानी की रिलायंस ग्रुप का मार्केट कैप 27 परसेंट बढ़ा है, HDFC Group सिर्फ 11 परसेंट बढ़ा है। टाटा ग्रुप के मार्केट कैप में आई इस तेजी की सबसे बड़ी वजह ये है कि उसकी 28 लिस्टेड कंपनियों में से 18 कंपनियों ने बीते महीने आउटपरफॉर्म किया।
आपको बता दें कि जुलाई 2020 में Tata Group की 17 सूचीबद्ध कंपनियों (listed companies) का कुल मार्केट कैप (M-Cap) 11.32 लाख करोड़ रुपये था, जबकि रिलायंस (Reliance Industries) का मार्केट कैप 13 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया था, तब रिलांयस ग्रुप ने मार्केट कैप के लिहाज से टाटा ग्रुप को पछाड़ दिया था और देश का नंबर एक ग्रुप बन गया था। इसके बाद 16 सितंबर को रिलायंस का मार्केट कैप 16 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया, तब रिलायंस देश की पहली कंपनी थी जिसने 16 लाख करोड़ रुपये का मार्केट कैप पार किया था। RIL के शेयर ने भी उस वक्त 2,368 का रिकॉर्ड हाई बनाया था।
लेकिन, इसके बाद रिलायंस के शेयरों में लगातार गिरावट आने लगी, जिससे मार्केट कैप 12.22 लाख करोड़ रुपये ही रह गया।
दूसरी ओर, TCS समेत टाटा ग्रुप की कंपनियों टाटा मोटर्स और टाटा स्टील में जबरदस्त तेजी देखने को मिली, जिससे टाटा ग्रुप का कुल मार्केट कैप 16.69 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। जो रिलायंस ग्रुप से करीब 36% ज्यादा है। TCS के शेयरों में जारी इस तेजी की वजह है कि कोरोना महासंकट के दौरान भी कंपनी ने कई बड़े सौदे किए। स्टील की कीमतें बढ़ने से टाटा स्टील को भी जबरदस्त फायदा हुआ है।
टाटा मोटर्स के शेयर भी जुलाई के बाद 100% से ज्यादा बढ़ चुके हैं। दरअसल रिलायंस के लिए Jio बड़ा गेमचेंजर साबित हुआ। फेसबुक, गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों ने इसमें निवेश किया। जिसका फायदा रिलायंस को हुआ। मगर Aramco डील के विवादों में पड़ने से निवेशकों का मूड खराब हो गया। रिलायंस ग्रुप के शेयर सितंबर के बाद 22% तक टूट चुके हैं।
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