विदेश मंत्रालय (MEA) ने बुधवार को कुछ विदेशी व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा किसान आंदोलन पर टिप्पणी करने के बाद एक बयान जारी किया है। MEA ने कहा कि ‘इस तरह के मामलों पर टिप्पणी करने से पहले, ये आग्रह किया जाता है कि तथ्यों को जाना जाए और मुद्दों की उचित समझ बनाई जाए’। बयान में कहा गया है, "सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और टिप्पणियों का प्रलोभन, खासकर जब मशहूर हस्तियों और अन्य लोगों द्वारा होता है, वे न तो सटीक और न ही जिम्मेदार होता है"।
अंतरराष्ट्रीय पॉप स्टार रिहाना, जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस और अन्य ने किसानों के मुद्दे पर अपनी राय रखी थी। मंत्रालय ने हैशटैग - #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda का भी उपयोग किया है।
'अपना एजेंडा लागू करने की कोशिश'
बयान में कहा गया, “भारत की संसद ने एक पूर्ण बहस और चर्चा के बाद, कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी कानूनों को पारित किया है। इन सुधारों ने विस्तारित बाजार पहुंच प्रदान की और किसानों को अधिक लचीलापन दिया। उन्होंने आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ खेती का मार्ग भी प्रशस्त किया है।”
रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग की किसान आंदोलन में एंट्री
सबसे पहले, अंतरराष्ट्रीय पॉप स्टार रिहाना ने मंगलवार को किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए ट्वीट किया। उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर इंटरनेट बंद करने की आलोचना की थी और ट्वीट किया, ‘‘हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? #FarmersProtest।’’
फिर स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन दिया। मंगलवार को ट्वीट करते हुए ग्रेटा थनबर्ग ने एक रिपोर्ट साझा की जिसमें प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई झड़पों के परिणामस्वरूप दिल्ली में इंटरनेट बंद होने के बारे में लिखा हुआ था। इस रिपोर्ट को शेयर करते हुए ग्रेटा ने लिखा, "हम भारत में #FarmersProtest के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं।"