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Sunday, February 14, 2021

Pulwama Attack Anniversary: आज ही के दिन हुआ था पुलवामा आतंकी हमला। रक्षा मंत्री और गृह मंत्री ने शहीदों को किया नमन।

श्रीनगर: आज पुलवामा हमले (Pulwama Terror Attack) की दूसरी बरसी हैै। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Terror Attack) में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर हमला हुआ था। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने पाकिस्तान से पुलवामा हमले का बदला लिया थाा। आज पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को नमन किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने तमिलनाडु के चेन्नई में अपने संबोधन में पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने कहा कि कोई भी भारतीय उस दिन को नहीं भूल सकता है। दो साल पहले पुलवामा हमला हुआ था। मैं हमले में शहीद हुए जवानों को नमन करता हूं। हमें अपने सुरक्षाबलों पर गर्व है। उनकी बहादुरी हमारी पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने ट्वीट करके पुलवामा हमले ( (Pulwama Attack)) में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी। रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, 'मैं 2019 में पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। देश के लिए उनकी सेवा और सर्वोच्च बलिदान को भारत कभी नहीं भूलेगा। हम उनके परिवार और इस हमले से प्रभावित लोगों के साथ खड़े रहेंगे'।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने ट्वीट किया, 'मैं उन बहादुर शहीदों को नमन करता हूं जिन्होंने 2019 में आज के दिन अपने प्राणों का बलिदान किया था। भारत उनके अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा'।

CRPF के 40 जवान पुलवामा हमले में हुए थे शहीद।
बता दें कि 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान (Pakistan) से ऑपरेट होने वाले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। 14 फरवरी 2019 को CRPF के 2,500 जवानों का काफिला 78 वाहनों के साथ जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। अवंतीपोरा के पास लेथीपोरा में नेशनल हाईवे-44 से गुजरते समय 350 किलो विस्फोटक से भरी एक एसयूवी कार सीआरपीएफ के काफिले में घुस गई और भयंकर धमाका हो गया था। इस ब्लास्ट में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे।

PM Narendra Modi आज Indian Army को सौपेंगे 118 अत्याधुनिक Arjun Tank

चेन्नई: भारतीय सेना को आज (रविवार को) 118 स्वदेशी युद्धक टैंक सौंपे जाएंगे। तमिलनाडु के चेन्नई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय सेना को 118 अर्जुन टैंक सौपेंगे। अर्जुन टैंक को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने विकसित किया है।


यहां तैनात किए जाएंगे अर्जुन टैंक।
चेन्नई में आज 124 अर्जुन टैंकों के पहले बैच के बेड़े में 118 टैंक शामिल होंगे। जिन्हें पहले ही सेना में शामिल किया जा चुका है और उन्हें पाकिस्तान के मोर्चे पर पश्चिमी रेगिस्तान में तैनात किया गया है। बताते चलें कि 118 अर्जुन टैंक भी पहले के 124 टैंकों की तरह भारतीय सेना के बख्तरबंद कोर में दो रेजिमेंट बनाएंगे। पश्चिमी राजस्थान में इनके कोर होने का मतलब है कि पाकिस्तान इनके निशाने से दूर नहीं होगा।

पाकिस्तान का काल अर्जुन टैंक।
कुल मिलाकर पुलवामा के बाद यूं तो पाकिस्तान भारत की तरफ आंख उठाने से भी डरता है, लेकिन आने वाले समय में अगर उसने ऐसा कुछ भी सोचा तो उसके जहन में ये तस्वीर जरूर आएगी, जिसमें उसे अपना काल नजर आएगा।

अर्जुन टैंक की खासियत।
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने अर्जुन टैंक की फायर पावर क्षमता को काफी बढ़ाया है। अर्जुन टैंक में नई टेक्नोलॉजी का ट्रांसमिशन सिस्टम है। इससे अर्जुन टैंक आसानी से अपने लक्ष्य को ढूंढ लेता है। अर्जुन टैंक युद्ध के मैदान में बिछाई गई माइंस हटाकर आसानी से आगे बढ़ने में सक्षम है। अर्जुन टैंक में केमिकल अटैक से बचने के लिए स्पेशल सेंसर लगे हैं।

सुहागरात पर रूठी थी Jodhpur के राजा की रानी, नहीं मानी ताउम्र Valentine Day Special.

Jodhpur: भले ही दुनिया आज वैलेंटाइन डे (Valentine Day) मना रही हैं, जैसलमेर (Jaisalmer) के लूणकरणसर गांव (Lunkaransar Village) की रहने वाली रानी उमादे भटियानी (Umade Bhattiyani) का नाम आज भी इतिहास के पन्नों में रूठी रानी के नाम दर्ज है। लेकिन भारतीय इतिहास (Indian history) में जोधपुर (Jodhpur) की एक ऐसी रानी का नाम दर्ज है, जो आज के जमाने में भी अपने प्रेम और पवित्रता के लिए जाने जाती रही है।

 बताया जाता है कि जोधपुर के राव राजा मालदेव अपनी बारात लेकर जैसलमेर गए थे, जहां पर उनकी शादी उमादे भटियानी के साथ वैशाख शुक्ल चौथ 1591 को हुई थी। शादी के बाद राजा मालदेव शादी की खुशी में आयोजित महफिल में शराब के नशे में मदहोश हो गये और रानी उनका इंतजार करती रही। देर रात को रानी ने अपनी दासी भारमली को मालदेव के पास उनको याद दिलाने भेजा लेकिन मदहोश राजा मालदेव ने भारमली को ही अपनी रानी समझ कर उसके साथ आलंगित हो गए।

बहुत देर होने के बाद जब दासी वापस नहीं लौटी तो उमादे रानी आरती का थाल  लेकर वहां पहुंची लेकिन वहां का दृश्य देखकर रानी उमादे थाल गिराकर रूठ कर चली गई। इसके बाद राजा मालदेव को होश आने पर पता चला कि उनसे बहुत बड़ी गलती हो गई, जिसके बाद उन्होंने रानी उमादे को मनाने की काफी कोशिश की लेकिन प्रेम की आन-बान-शान की पवित्रता पर रानी उमादे मजबूत रही और उन्होंने राजा मालदेव को क्षमा नहीं किया।

ताउम्र रानी उमादे राजा मालदेव से रूठी रही इसीलिए आज भी रूठी रानी के नाम से रानी उमादे इतिहास के पन्नों में दर्ज है। भारतीय पतिव्रता धर्म के अनुसार राजा मालदेव के देहावसान पर उनकी पगड़ी लेकर रानी उमादे सती हो गई परंतु नारी की आन-बान-शान और पवित्रता को दाग नहीं लगने दिया।


इतिहासकार क्या बताते हैं।
मशहूर इतिहासकार और शिक्षाविद् राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक गोविंद कला ने ज़ी मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि भले ही दुनिया वैलेंटाइन डे मना रही है लेकिन रानी उमादे ने इसी दिन शादी की थी और वैलेंटाइन को महत्व दिया था। जीते जी प्यार के ऊपर कोई दाग नहीं लगने दिया और यही कारण है कि उनके प्रेम त्याग साहस और पवित्रता को लेकर आज भी इतिहास में उनका नाम रूठी रानी के नाम से दर्ज है।

Thursday, February 11, 2021

799 रुपये का रिचार्ज कर फंस गया दीप सिद्धू, जानें क्राइम ब्रांच ने कैसे कसा शिकंजा।

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर लाल क़िले पर हुई हिंसा (Red Fort Violence) के आरोपी पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू (Deep Sidhu) के खिलाफ क्राइम ब्रांच को कई सबूत मिले हैं। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, क्राइम ब्रांच को दीप के खिलाफ वीडियोज और फोटोज एविडेंस के अलावा कई टेक्निकल एविडेंस भी मिले हैं, जिनसे साबित होता है कि वो 26 जनवरी को लाल क़िले पर हुई हिंसा में शामिल था। दरअसल दीप सिद्धू 26 और 27 जनवरी तक दो मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर रहा था। खासतौर पर 26 जनवरी की CDR के जरिए दिल्ली पुलिस हिंसा में उसकी मौजुदगी साबित करेगी।


इन नंबरों का दीप ने किया इस्तेमाल।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पर 26 जनवरी को दीप सिद्धू के 93213***** इस मोबाइल नंबर की लोकेशन 3 बजकर 10 मिनट पर राज घाट और लाल क़िले के बीच थी। इस दौरान दीप सिद्धू लाल किले में मौजूद था। लाल क़िले में हिंसा होने के बाद दीप सिद्धू सिंघु बॉर्डर गया जहां 4 बजकर 23 मिनट पर हरियाणा के कुंडली में उसकी लोकेशन मिली। सिंघु बॉर्डर कुंडली इलाके में ही आता है। इसके बाद रात 10 बजे दीप की लोकेशन हरियाणा के शाहबाद-कुरुक्षेत्र इलाके में मिली और उसके बाद उसका ये मोबाइल नंबर बंद हो गया था।

नेटफ्लिक्स ने दीप को पकड़वाया।
27 जनवरी को दीप का मोबाइल नंबर 98700**** एक्टिव हुआ। इस नंबर से उसने 799 रुपये का नेटफ्लिक्स रिचार्ज करवाया। इस नंबर की लोकेशन पंजाब के पटियाला में मिली और यहीं पर ये नंबर बंद हो गया। लेकिन नेटफ्लिक्स रिचार्ज करवाते ही दीप ने दिल्ली पुलिस को पहला क्लू दे दिया था। इसके बाद स्पेशल सेल की कई टीमें वहां भेज दी गई थीं।

कई नंबरों का इस्तेमाल करता रहा दीप सिद्धू।
इसके बाद लाल क़िला हिंसा का आरोपी दीप सिद्धू कई और नंबरों का इस्तेमाल करता रहा। दिल्ली पुलिस उसे ट्रैक करती रही और आखिरकार उसे हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार कर लिया गया।

दीप के बैंक अकाउंट भी खंगालेगी पुलिस।
दिल्ली पुलिस अब दीप सिद्धू का बैंक अकाउंट भी खंगाल रही है और इस बात की जांच कर रही है कि क्या दीप को कहीं से फंडिंग हुई थी? और अगर हुई तो आखिर किसने उसे फंडिंग की। क्राइम ब्रांच हिंसा में हुई फॉरेन फंडिंग की भी जांच कर रही है।

Rakesh Tikait की संपत्ति का खुलासा, देश के 4 राज्यों के 13 शहरों में है संपत्ति; जानें कहां-कहां फैला कारोबार

नई दुनिया: किसान आंदोलन का सबसे 
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेट टिकैत (Rakesh Tikait) खुद को किसानों का नेता कहते हैंं। उन किसानों के हक की लड़ाई लड़ने का दावा करते हैं, जिनकी जिंदगी कर्ज के बोझ तले दबी होती है और कई तो इसी बोझ में दबकर खुदकुशी कर लेते हैं। किसानों (Farmers) की औसत कमाई जानते हैं कितनी है? एक महीने में सिर्फ 6400 रुपये। अब सवाल उठता है खुद को किसान नेता कहने का दावा करने वाले राकेश टिकैत की कमाई कितनी है?

चौंकाने वाले हैं आंकड़ें।
ज्यादातर किसान 6 महीने फसल उगाते हैं और 6 महीने बेरोजगार रहते हैं। जो अपने खून से खेत सींचते हैं और दूसरों के लिए अन्न उगाते हैं. कृषि प्रधान भारत में हमारे किसानों की गरीबी किसी से छिपी नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में 100 में से 52 किसान ऐसे हैं, जिनपर औसतन 1 लाख 40 हजार रुपए का कर्ज है। साल 2019 में 10 हजार किसानों ने आत्महत्या की। 76 प्रतिशत किसान ऐसे हैं, जो अब खेती छोड़ना चाहते हैं। गांवों में सिर्फ 1 प्रतिशत युवा ही ऐसे हैं, जो किसान बनना चाहते हैं।

राकेश टिकैत को लेकर ये हैं 4 बड़े सवाल।
सवाल नं. 1- सड़क पर बैठकर खाना खाने वाले किसान नेता राकेश टिकैत के पास कितनी संपत्ति है?
सवाल नं. 2- एक आंसू से आंदोलन में नई जान फूंकने वाले राकेश टिकैत का कारोबार कितना बड़ा है?
सवाल नं. 3- कृषि कानून पर मोदी सरकार की नाक में दम करने वाले किसान नेता राकेश टिकैत के पास कितने शोरूम और कितने पेट्रोल पंप हैं?
सवाल नं. 4- 2 महीने से सड़क पर दिन-रात बिताने वाले किसान नेता राकेश टिकैत के बच्चे कहां रहते हैं और क्या करते हैं? 

देश के 4 राज्यों और 13 शहरों में टिकैत की संपत्ति।
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की 4 राज्यों में संपत्ति है और वो राज्य हैं उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और महाराष्ट्र.  एक आंकड़े और अनुमान के मुताबिक राकेश टिकैत की देश के 13 शहरों में संपत्ति है, जिनमें मुजफ्फरनगर, ललितपुर, झांसी, लखीमपुर खीरी, बिजनौर, बदायूं, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, देहरादून, रूड़की, हरिद्वार और मुंबई शामिल हैं। एक अनुमान के मुताबिक राकेश टिकैत की संपत्ति करीब 80 करोड़ रुपये की है।

प्रदर्शन के दौरान भी फल-फूल रहा टिकैत का कारोबार।
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) करीब 2 महीने से दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन को लीड कर रहे हैं, लेकिन इस दौरान भी उनका कारोबार फल-फूल रहा है. उनकी करोड़ों की संपत्ति और बढ़ती जा रही है. बता दें कि हमारा ये कहना नहीं है कि राकेश टिकैत की संपत्ति अवैध है. वो उनकी मेहनत से बनाई गई संपत्ति हो सकती है, लेकिन क्या किसान आंदोलन का सच यही है कि जो अमीर हैं वो प्रदर्शन कर रहे हैं और जो गरीब किसान हैं वो खेतों में अपना और देश का पेट पालने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं?

किन-किन क्षेत्र में राकेश टिकैत का कारोबार
1. ज़मीन
2. पेट्रोल पंप
3. शोरूम
4. ईंट-भट्टे
5. अन्य कारोबार

किसान से ज्यादा नेता हैं राकेश टिकैत।
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में कांस्टेबल थे और किसान नेता कहे जाते हैं, लेकिन खेत तो सिर्फ टिकैत के साम्राज्य का एक भाग है। दूसरे भाग में बहुत सारे कारोबार हैं। ये वो कारोबार हैं, जिसके लिए किसान नहीं, बल्कि नेता बनना पड़ता है। 51 साल के राकेश टिकैत की शादी साल 1985 में सुनीता देवी से हुई थी और उनके तीन बच्चे हैं। एक बेटा जिसका नाम चरण सिंह है और दो बेटियां सीमा टिकैत और ज्योति टिकैत है।

ऑस्ट्रेलिया में रहती है राकेश टिकैत की बेटी।
राकेश टिकैत की दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। राकेश टिकैत की छोटी बेटी ज्योति टिकैत ऑस्ट्रेलिया में रहती है। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में 8 फरवरी को कृषि बिल के विरोध में बैठे प्रदर्शनकारियों के समर्थन में रैली आयोजित की गई थी, जिसमे खुद टिकैत की बेटी मौजूद थी और ऑस्ट्रेलिया के लोगों से किसान आंदोलन के समर्थन करने के लिए बोल रही थी।

गैरकानूनी रूप से पाल रखा है हिरण।
जहां एक तरफ राकेश टिकैत खुद को किसान के हक के लिए लड़ने वाला बता रहे हैं तो दूसरी ओर उसकी आड़ में राकेश टिकैत ने गैरकानूनी रूप से हिरण पाल रखा है। बता दें कि भारत मे हिरन सहित किसी भी जंगली जानवर को पकड़कर बंद करना दंडनीय अपराध है। इसके दोषी को सात साल की सजा या 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

Saudi Arabia: रिहा हुईं Loujain al Hathloul, 1001 दिन तक Jail में जबरन Kiss और Rape के लिए किया गया मजबूर।

बता दें कि बुधवार को सऊदी अरब की प्रमुख महिला सामाजिक कार्यकर्ता लोजैन-अल-हथलाउल (Loujain al Hathloul) को रिहा कर दिया गया। आरोपों के मुताबिक, लोजैन-अल-हथलाउल का जेल में 3 साल तक रेप किया गया और कई लोगों ने उनका यौन शोषण (Sexual Harassment) किया। इससे पहले ह्यूमन राइट्स वकील बैरोनेस हेलेना कैनेडी ने पत्र लिखकर कहा था कि सऊदी अरब की जेल में लोजैन-अल-हथलाउल के साथ कई बार रेप किया गया।

लोजैन-अल-हथलाउल (Loujain al Hathloul) को जांचकर्ताओं को किस करने के लिए मजबूर किया गया। पूछताछ के दौरान लोजैन-अल-हथलाउल के साथ रेप किया गया।

बैरोनेस हेलेना कैनेडी के आरोपों के अनुसार, लोजैन-अल-हथलाउल (Loujain al Hathloul) को पूछताछ के दौरान अश्लील फिल्में दिखाई गईं, रेप की धमकी दी गई, छत से रस्सी बांधकर लटकाया गया, बुरी तरह से पीटा गया और कई बार इलेक्ट्रिक शॉक दिए गए। लोजैन-अल-हथलाउल को जेल में तरह-तरह की यातनाएं दी गईं।

जान लें कि लोजैन-अल-हथलाउल (Loujain al Hathloul) ही वह सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्होंने सऊदी अरब में महिलाओं को कार ड्राइव करने का अधिकार दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी। सऊदी अरब में लोजैन-अल-हथलाउल को साल 2018 में गिरफ्तार कर लिया गया था और कोर्ट ने उन्हें 6 साल की सजा सुनाई थी।

गौरतलब है कि लोजैन-अल-हथलाउल (Loujain al Hathloul) कई बार सऊदी अरब किंगडम की आलोचना कर चुकी हैं। उन्होंने पूछा कि सऊदी अरब में पुरुष रिश्तेदार के साथ के बगैर महिलाएं अकेले यात्रा क्यों नहीं कर सकती हैं? लोजैन-अल-हथलाउल ने पहली बार साल 2014 में सऊदी अरब के महिला विरोधी कानूनों के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसके बाद लोजैन-अल-हथलाउल ने संयुक्त अरब अमीरात में कार ड्राइव की और उसका वीडियो लाइव स्ट्रीम किया।

Donald Trump को Ban करते ही हो गया चमत्कार, ट्विटर कंपनी के मुंह से निकला OMG.

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद सोशल मीडिया ऐप Twitter द्वारा डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को बैन कर दिया गया था। दुनिया के सबसे ताकतवर देश के पूर्व राष्ट्रपति को बैन करने के कई रिस्क थे। Twitter को ट्रंप फॉलोअर्स के विरोध का डर थाा। साथ ही यूजर्स कम होने का खतरा भी मंडरा रहा थाा। लेकिन कंपनी का ये फैसला Twitter के लिए वरदान साबित हुआ हैै। आइए बताते हैं कैसे...


ट्रंप को बैन करने से कंपनी को हो गया फायदा।
जनवरी में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को Twitter पर बैन करते ही चमत्कार हो गया। Twitter में यूजर्स की संख्या बढ़ गई है। टेक साइट The Verge के मुताबिक यूजर्स के बीच इंट्रैक्शन भी बढ़ा है। Twitter के सीईओ जैक डोरसे (Jack Dorsey) का कहना है कि किसी एक मुद्दे या व्यक्ति के बिना भी ये प्लेटफॉर्म बड़ा हो गया है।
सिर्फ जनवरी में टूटा पिछले चार साल का रिकॉर्ड।
जानकारी के मुताबिक जनवरी में ट्रंप को बैन करने के बाद Twitter के यूजर्स में ऐतिहासिक इजाफा हुआ है। हालांकि कंपनी ने कोई आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि सिर्फ जनवरी में जितने यूजर्स बढ़े हैं वो पिछले चार साल के औसत ग्रोथ से ज्यादा है।
2020 में थे 192 मिलियन डेली यूजर्स।
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोरोनाकाल में भी Twitter के यूजर्स बढ़े हैं। शॉर्ट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म में लोगों ने बातचीत और चर्चा करना जारी रखा। 2020 में Twitter के पास लगभग 192 मिलियन (19.20 करोड़) डेली एक्टिव यूजर्स रहे।
जानकारों का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति को Twitter पर बैन करने से कंपनी को बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला। हालांकि 2020 में Twitter में एक्टिव यूजर्स बढ़े हैं, लेकिन 2021 में इस प्लेटफॉर्म की रफ्तार धीमी ही रहने वाली है। कंपनी को उम्मीद है कि इस साल ये प्लेटफॉर्म 20 प्रतिशत की दर से ग्रो कर सकती है।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...