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Sunday, April 25, 2021

कोरोना अपडेट : पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड 3 लाख 46 हजार 786 केस दर्ज, 2624 की मौत।

पूरी दुनिया कोरोना वायरस के आतंक में जी रही है। भारत में कोरोना संक्रमण का कोहराम हर पल बढ़ते जा रहा है। बीते एक दिन में कोरोना के 3,46,786 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 2624 लोगों की मौत हुई है। हालांकि कल दो लाख 19 हजार 838 लोग ठीक भी हुए हैं। कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर एक करोड़ 66 लाख 10 हजार 481 हो गई है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया है कि भारत में कल तक कोरोना वायरस के लिए कुल 27 करोड़ 61 लाख 99 हजार 222 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 17 लाख 53 हजार 569 सैंपल कल टेस्ट किए गए।

बता दें कि भारत में संक्रमण से ठीक होने की दर यानी रिकवरी रेट 83.92% है। वहीं संक्रमण से मृत्यु दर 1.15% है। भारत के कुल एक्टिव केस में करीब 59% पांच राज्यों में हैं। ये पांच राज्य हैं- महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और केरल। सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं।

महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में कोरोना बेकाबू होता नजर आ रहा है। अस्पतालों में बेड्स, ऑक्सीजन जैसी जरूरी चीजों की किल्लत जारी है। कोरोना के मरीज दर-दर भटक रहे हैं। महाराष्ट्र में बीते 24 घंटे में कोरोना के 66,836 नए केस सामने आए हैं। जबकि 74,045 रिकवर भी हुए है और 773 लोगों की मौत हो गई। राज्य में अब एक्टिव केस 6,91,851 हैं, जबकि कुल कोरोना केस 41,61,676 हो गए हैं। यहां अबतक 63 हजार 252 लोगों की मौत हो चुकी है।

देश की राजधानी दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोरोना के 24331 नए केस सामने आए और 348 की मौत हो गई। दिल्ली में एक्टिव केस बढ़कर 92029 हो गए हैं।

Thursday, April 22, 2021

Lord Hanuman Birthplace: तिरुपति मंदिर ट्रस्ट ने की घोषणा, अंजनाद्री की पहाड़ी ही है हनुमान जी का जन्म स्थान।

नई दिल्ली: तिरुपति के तिरुमला हिल्स पर स्थित भगवान बालाजी मंदिर (Lord Balaji Temple) का संचालन करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट (Tirumala Tirupati Devsthanam TTD) ने पुख्ता सबूतों के साथ इस बात की आधारिकारिक घोषणा कर दी है कि अंजनाद्री की पहाड़ियां (Anjanadri Hillock) ही भगवान हनुमान की जन्म स्थली है (Lord Hanuman)। अंजनाद्री, उन सात पहाड़ियों में से एक है जिस पर श्री वेंकटेश्वर स्वामी का मंदिर स्थित है। बुधवार को रामनवमी के पावन अवसर पर तिरुमला ट्रस्ट ने इस बात की घोषणा की।

गहन रिसर्च के बाद ट्रस्ट ने सबूतों के साथ की घोषणा
जिस वक्त ट्रस्ट की तरफ से यह घोषणा की गई उस दौरान तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित भी इस खास मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वह हनुमान जी को बहुत बड़े भक्त हैं और उन्हें खुशी है कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट ने अंजनाद्री की पहाड़ियों को हनुमान जी का जन्म स्थान घोषित करने से पहले एक्सपर्ट कमिटी की मदद से काफी गहन रिसर्च भी (Expert committee did research) करवायी है। राज्यपाल ने रिसर्च के लिए लगी टीम को बधाई देते हुए कहा कि पूरी टीम ने 4 महीने तक दिन रात हनुमान जी के जन्म स्थान से जुड़े सबूतों को जुटाने पर काम किया और अब यह साबित हो गया है कि अयोध्या श्रीराम का जन्म स्थान है (Ayodhaya is lord Ram's Birth place) और अंजनाद्री, अंजनेय का। अंजनी के पुत्र होने के कारण हनुमान जी को अंजनेय भी कहा जाता है।

हनुमान जी के जन्म स्थान से जुड़े पुख्ता सबूत।
नेशनल संस्कृत यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर मुरलीधर शर्मा जो इस एक्सपर्ट कमिटी के सदस्य भी हैं, ने मीडिया के सामने पौराणिक, ऐतिहासिक, वैज्ञानिक, साहित्यिक और भूवैज्ञानिक सबूतों के साथ अंजनाद्री को अंजनेय स्वामी (Anjaney Swami) यानी हनुमान जी का जन्म स्थान घोषित किया। उन्होंने कहा कि 12 पुराणों में भी इस बात का जिक्र है। उन्होंने पुराणों में वर्णित कुछ घटनाओं को मीडिया के सामने रखते हुए कहा,

1- वाल्मिकी रामायण के सुंदर कांड में 81 से 83 श्लोक में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि चूँकि हनुमान जी का जन्म तपस्या के बाद इन पवित्र पहाड़ियों पर अंजना देवी से हुआ था, इसलिए हनुमान जी अंजनेय कहलाए जबकि पहाड़ियों को "अंजनाद्री" नाम मिला।

2- 1491 और 1545 दोनों के श्रीवारी मंदिर में पत्थरों पर लिखे शिला लेख में अंजनाद्री को ही अंजनेय यानी हनुमान जी के जन्म स्थान के रूप में बताया गया है।

3- इसके अलावा व्यास महाभारत चैप्टर 147 वनपर्व, वाल्मिकी रामायण में 66 चैप्टर किश्किंधा कांड, शिव पुराण, शतरुद्र सम्हिता, ब्रह्मांड पुराण, स्कंद पुराण इन सभी में भी ऐसे ही सबूत मिले हैं।

4- लंदन की लाइब्रेरी में मौजूद एक किताब जिसका नाम अंजनाद्री महात्म्य में भी अंजनाद्री को ही हनुमान जी का जन्म स्थान बताया गया है।

इन 5 जगहों को भी हनुमान जी की जन्म स्थली माना जाता है।
हालांकि इतिहासकारों में हनुमान जी के जन्म स्थान को लेकर कई आशंकाएं हैं। 5 अन्य स्थानों को भी हनुमान जी की जन्म स्थली के रूप में देखा जाता है।
1. कर्नाटक के हम्पी में अंजनाद्री के पास ही एक पहाड़ी है. हालांकि हम्पी के कन्नड़ यूनिवर्सिटी के विद्वानों के पास इस बात को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है।
2. झारखंड के गुमला जिले से 21 किलोमीटर दूर स्थित अंजन गांव।
3. गुजरात के नवसारी में स्थित अंजन के पहाड़।
4. हरियाणा का कैथल इलाका।
5. महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्र्यंबकेश्वर मंदिर से 7 किलोमीटर दूर स्थित अंजनेरी।

टीम ने तैयार की 22 पन्नों की रिपोर्ट।
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के अधिकारी ने बताया, हमारे पंडितों की टीम ने कड़ी मेहनत करके पुख्ता सबूत जुटाए हैं और 22 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार की है। हम बहुत जल्द इस रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट पर भी डाल देंगे। हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्य केवल स्थानीय मान्यताओं के आधार पर हनुमान जी का जन्म स्थान होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन उनके पास कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। साथ ही ट्रस्ट के पंडितों की पूरी टीम जल्द ही इन सबूतों से संबंधित एक किताब भी रिलीज करेगी।

Wednesday, April 21, 2021

कुंभ में होने वाले रामनवमी के स्नान के लिए प्रसाशन ने 23 सेक्टर में बांटा मेला क्षेत्र।

कोरोना वायरस के बढ़ते संकट को देखते हुए मेला प्रशासन ने रामनवमी के पावन अवसर पर होने वाले स्नान की पूरी तैयारी कर ली हैं। प्रशासन ने पूरे मेला क्षेत्र को 23 सेक्टर में बांट दिया है। हर सेक्टर के लिए मजिस्ट्रेट भी नियुक्त किए गए हैं। रामनवमी का स्नान कुंभ मेले के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। देखा जाए तो कोविड के खतरे के कारण श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम हो गई है। प्रशासन के अनुसार स्नान के लिए आने वाले हर एक श्रद्धालु को आरटी पीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है।

वहीं, आने वाले सभी यात्रियों को कोरोना के नियमों का पालन करना भी अनिवार्य होगा। उप मेला अधिकारी अंशुल सिंह ने बताया कि, रामनवमी पर्व को लेकर मेला प्रशासन की सभी तैयारी पुण्य कर ली गई हैं, हालांकि दिल्ली और देश के बड़े शहरों में हुए लॉक डाउन के बाद श्रद्धालुओं की संख्या कम हो सकती है, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रामनवमी स्नान पर सख्ती बरती जाएगी।

आपको बता दें कि, हरिद्वार कुंभ में शाही स्नान के लिये आए तमाम अखाड़ों के साधु-संत कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इसके अलावा, महामंडलेश्वर की मौत के बाद अखाड़ों में भी भय है। पीएम की अपील के बाद जूना अखाड़े ने सबसे पहले कुंभ की समाप्ति का एलान किया।

कन्या पूजन करते समय न करें ये काम, रखें इन बातों का ध्यान।

नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर घरों और मंदिरो में कन्या पूजन किया जाता है। नवरात्रि के बाद कन्या पूजन का विशेष महत्व माना गया है। नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथियों पर मां महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा करने का प्रावधान है। इन तिथियों पर कन्याओं को घरों में बुलाकर भोजन कराया जाता है उन्हें अन्य वस्तुएं दान में दी जाती हैं। वहीं दूसरी तरफ बंगाल, ओडिशा, त्रिपुरा और मणिपुर में दुर्गा पूजा में अष्‍टमी का विशेष महत्‍व है। पंडालों में इस दिन दुर्गा की नौ शक्तियों का आह्वान किया जाता है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कैसे किया जाता है कन्या पूजन..!

अष्‍टमी के दिन कैसे करें कन्‍या पूजन?

1- कन्‍या पूजन के दिन सुबह-सवेरे स्‍नान कर भगवान गणेश और महागौरी की पूजा करें।

2- कन्‍या पूजन के लिए दो साल से लेकर 10 साल तक की नौ कन्‍याओं और एक बालक को आमंत्रित करें। बता दें, कि बालक को बटुक भैरव के रूप में पूजा जाता है। मान्‍यता है कि भगवान शिव ने हर शक्ति पीठ में माता की सेवा के लिए बटुक भैरव को तैनात किया हुआ है। कहा जाता है कि अगर किसी शक्‍ति पीठ में मां के दर्शन के बाद भैरव के दर्शन न किए जाएं तो दर्शन अधूरे माने जाते हैं।

3-कन्याओं की संख्या कम से कम सात या नौ होनी ही चाहिए। कन्याएं कम हों तो दो कन्याओं को भी भोजन कराया जा सकता है।

4- ध्‍यान रहे कि कन्‍या पूजन से पहले घर में साफ-सफाई हो जानी चाहिए। कन्‍या रूपी माताओं को स्‍वच्‍छ परिवेश में ही बुलाना चाहिए।

5- कन्‍याओं को माता रानी का रूप माना जाता है। ऐसे में उनके घर आने पर माता रानी के जयकारे लगाएं।

6- सभी कन्‍याओं को बैठने के लिए आसन दें।

7- फिर सभी कन्‍याओं के पैर धोएं।

8- अब उन्‍हें रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं।

9- इसके बाद उनके हाथ में मौली बाधें।

10- अब सभी कन्‍याओं और बालक को घी का दीपक दिखाकर उनकी आरती उतारें।

11- आरती के बाद सभी कन्‍याओं को यथाशक्ति भोग लगाएं। आमतौर पर कन्‍या पूजन के दिन कन्‍याओं को खाने के लिए पूरी, चना और हलवा दिया जाता है।

12- भोजन के बाद कन्‍याओं को यथाशक्ति भेंट और उपहार दें।

13- इसके बाद कन्‍याओं के पैर छूकर उन्‍हें विदा करें।

धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार, दो वर्षीय कन्याओं से दस वर्षीय कन्याएँ, कुमारी पूजा के लिये उपयुक्त होती है। एक वर्षीय कन्या को कुमारी पूजा में सम्मिलित नहीं करना चाहिये। 2 से 10 वर्ष की कन्याएं दुर्गा के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन पवित्र रूपों के नाम निम्नलिखित हैं-
कुमारिका, त्रिमूर्ति, कल्याणी, रोहिणी, काली, चण्डिका, शाम्भवी, दुर्गा, भद्रा या सुभद्रा

इन बातों का रखें ध्यान-
धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार, कुमारी पूजा के समय प्रत्येक कन्या को एक निश्चित समर्पित मन्त्र के साथ पूजा जाता है। कुमारी पूजा के लिये उपयुक्त कन्या, स्वस्थ तथा सभी प्रकार के रोगों व शारीरिक दोषों से मुक्त होनी चाहिये। माना जाता है कि, सभी प्रकार की इच्छाओं को पूरा करने के लिये ब्राह्मण कन्याओं का पूजन करना चाहिये। वैभव तथा प्रसिद्धि पाने के लिये क्षत्रिय कन्याएँ तथा धन व समृद्धि के लिये वैश्य कन्याओं का पूजन करना चाहिये। जिनके मन में पुत्र प्राप्ति की मनोकामना है, उनके लिये शूद्र कन्याओं के पूजन का सुझाव दिया गया है।

Sunday, April 18, 2021

लालू प्रसाद यादव सोमवार तक जेल से हो सकते हैं रिहा, दुमका कोषागार मामले में मिली जमानत।

Lalu Prasad Yadav: झारखंड हाई कोर्ट ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को करोड़ों रुपये के चारा घोटाले में दुमका कोषागार (Dumka treasury) से गबन के मामले में शनिवार को करीब चालीस माह बाद जमानत दे दी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, अदालत ने उन्हें 10 लाख रुपये जुर्माने की राशि जमा करने, विदेश नहीं जाने और मोबाइल नंबर नहीं बदलने की शर्त के साथ एक-एक लाख रुपये के दो निजी मुचलकों पर जमानत दी है। उनका अभी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में न्यायिक हिरासत में इलाज चल रहा है।

खबर के मुताबिक, न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के विरोध को दरकिनार करते हुए लालू प्रसाद को जमानत दे दी। लालू देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपये की राशि के गबन के आरोप में यहां सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत द्वारा 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराए जाने के बाद से जेल में थे।

सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत में जमानत बॉन्ड, निजी मुचलके की प्रक्रिया पूरी कर लेने पर उनके रिहा हो जाने की संभावना है क्योंकि चारा घोटाले के अन्य तीन मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है। लालू के स्थानीय अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कहा कि लालू की रिहाई के लिए सभी जरूरी कार्रवाई सोमवार को सीबीआई अदालत खुलने पर पूरी कर लिए जाने की संभावना है।

अदालत में शनिवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से केन्द्र सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता राजीव सिन्हा ने लालू प्रसाद को फिलहाल जमानत देने का यह कह कर विरोध किया कि दुमका कोषागार मामले में उन्हें 14 वर्ष की जेल की सजा सुनाई है लिहाजा जमानत के लिए आधी सजा पूरी करने का आधार तभी माना जाएगा जब लालू इस मामले में न्यायिक हिरासत में सात वर्ष की अवधि पूरी कर लेंगे।

लालू की ओर से दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सीबीआई की दलील का विरोध किया और कहा कि 19 फरवरी को हाई कोर्ट ने खुद माना था कि लालू को जमानत देने के लिए सिर्फ एक माह, 17 दिनों की न्यायिक हिरासत की अवधि और पूरी करनी है। सिब्बल ने कहा कि लालू ने दुमका मामले में तय सात वर्ष की कैद की सजा की आधी अवधि 6 अप्रैल को ही पूरी कर ली है।

पीठ ने यह भी कहा कि 19 फरवरी के आदेश को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी है लिहाजा अब तक की परंपरा के मुताबिक, चारा घोटाले के किसी मामले में सजा की आधी अवधि न्यायिक हिरासत में पूरी कर लेने के चलते लालू को दुमका कोषागार से गबन के मामले में जमानत दी जाती है। न्यायालय ने आदेश में लालू की 73 वर्ष की उम्र और उनकी बीमारियों का भी जिक्र किया है।

लालू को निचली अदालत में अपना पासपोर्ट भी जमा करना होगा और जमानत की अवधि में वह बिना अनुमति के विदेश यात्रा नहीं कर सकेंगे। लालू इस दौरान न तो अपना पता बदल सकेंगे और न ही मोबाइल फोन नंबर बदल सकेंगे। लालू को चाईबासा के दो मामलों में और देवघर कोषागार से गबन के मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है लिहाजा इस मामले में जमानत मिलने के बाद वह न्यायिक हिरासत से छूट सकेंगे।

इससे पूर्व 19 फरवरी को दुमका मामले में ही सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने लालू की याचिका इस आधार पर खारिज कर दी थी कि उन्होंने इस मामले में उन्हें मिली सजा की आधी अवधि अभी पूरी नहीं की थी। इससे पूर्व निमोनिया की शिकायत पर बेहतर इलाज के लिए उन्हें 23 जनवरी को रांची स्थित राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) से एयर एंबुलेंस से एम्स ले जाया गया था।

Saturday, April 17, 2021

आपके पसंदीदा शोज की TRP List आ गई, जानिए किसने मारी बाजी और कौन रहा पीछे।

नई दिल्ली: साल 2021 की 14 हफ्ते की बार्क इंडिया BARC India (Broadcast Audience Research Council) ने अपना टीआरपी रिपोर्ट जारी कर दिया है। एक बार फिर 'अनुपमा' (Anupamaa) ने टीआरपी की रेस में बाजी मारी है। लेकिन बाकी के शोज में कुछ बदलाव देखने को जरूर मिला है। आइए जानते हैं आपके पसंदीदा शोज किस नंबर पर हैं।

1. अनुपमा (Anupama)
स्टार प्लस का मशहूर शो 'अनुपमा' (Anupama) एक बार फिर से नंबर वन पर बना हुआ है। कोरोना की वजह से कई सारे स्टार कोरोना ग्रस्त हो गए थे, लेकिन बावजूद इसके इस शो ने नंबर वन पर अपनी जगह हासिल की हुई है।

2. इंडियन आइडल 12 (Indian Idol 12)
इस बार लिस्ट में सबसे लंबी छलांग लगाई है जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी, लेकिन इस बार शो ने नंबर 2 की जगह पाई है। बीते हफ्तों में शो में नीतू कपूर, रेखा और ए आर रहमान जैसे दिग्गज कलाकार आए थे।

3. इमली (Imlie)
तौकीर खान, गश्मीर महाजनी और मयूरी देशमुख के सीरियल इमली (Imlie) का जादू बरकरार है, हालांकि पिछले बार ये शो दूसरे नंबर पर था ऐसे में जाहिर है कि शो को झटका लगा है लेकिन फिलहाल वो नंबर तीन पर बना हुआ है. कोरोना की वजह से इसकी शूटिंग फिलहाल मुंबई से दूर हैदराबाद में होगी।

4. गुम है किसी के प्यार में (Ghum Hai Kisikey Pyaar Mein)
स्टार प्लस का एक और शो गुम है किसी के प्यार में (Ghum Hai Kisikey Pyaar Mein) ने एक बार फिर से टीआरपी में अच्छा स्थान हासिल किया है। हालांकि ये शो किसी वक्त टॉप 3 में था, लेकिन फिलहाल ये तीन नंबर से निचे गिरकर चौथे स्थान पर आ गया है।

5. सुपर डांसर 4 (Super Dancer 4)
सोनी पर शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) गीता कपूर (Geeta Kapoor) अनुराग बसु (Anurag Basu )वाला शो सुपर डांसर 4 (Super Dancer 4) ने धमाकेदार एंट्री ली है औऱ टॉप 5 में आ गया है. शो इस बार टीआरपी लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रहा है.  बता दें कि इस हफ्ते 'कुंडली भाग्य', 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' और 'कुमकुम भाग्य' को करारा झटका लगा है।

Friday, April 16, 2021

महाकुंभ : बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच निरंजनी अखाड़ें ने लिया बड़ा फैसला।

 देश में कोरोना के विस्फोटक माहौल के बीच हरिद्वार के महाकुंभ से बड़ी खबर सामने आ रही है। निरंजनी अखाड़ें ने महाकुंभ से हटने की घोषणा की है। महाकुंभ में लगातार बढ़ते कोरोना केस को देखते हुए निरंजनी अखाड़ें ने यह फैसला लिया है। निरंजनी अखाड़ा देश के सबसे बड़े और प्रमुख अखाड़ों में है। इसमें सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे साधू शामिल हैं। जूना अखाड़ें के बाद इसे ही सबसे ताकतवार माना जाता है।

हरिद्वार महाकुंभ शुरू होने के बाद से 70 के आसपास वरिष्ठ साधू कोरोना पाजिटीव हो चुके हैं। ये संख्या लगातार बढ़ रही है। निरंजनी अखाड़े की हमेशा एक अलग छवि रही है। जानते हैं निरंजनी अखाड़े के बारे में। जिसके बारे में कहा जाता है कि ये हजारों साल पुराना है।

निरंजनी अखाड़ा की स्थापना सन् 904 में विक्रम संवत 960 कार्तिक कृष्णपक्ष दिन सोमवार को गुजरात की मांडवी नाम की जगह पर हुई थी। महंत अजि गिरि, मौनी सरजूनाथ गिरि, पुरुषोत्तम गिरि, हरिशंकर गिरि, रणछोर भारती, जगजीवन भारती, अर्जुन भारती, जगन्नाथ पुरी, स्वभाव पुरी, कैलाश पुरी, खड्ग नारायण पुरी, स्वभाव पुरी ने मिलकर अखाड़ा की नींव रखी। अखाड़ा का मुख्यालय तीर्थराज प्रयाग में है। उज्जैन, हरिद्वार, त्रयंबकेश्वर व उदयपुर में अखाड़े के आश्रम हैं।

एक रिपोर्ट की मानें तो शैव परंपरा के निरंजनी अखाड़े के करीब 70 फीसदी साधु-संतों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है। इनमें से कुछ डॉक्टर, कुछ वकील, प्रोफेसर, संस्कृत के विद्वान और आचार्य शामिल हैं।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...