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Wednesday, March 31, 2021

क्या आप जानते हैं कितनी Websites से आपका Gmail लिंक, यहां है Delink करने का तरीका

Gmail: कई वेबसाइट्स पर लॉगिन करने के लिए हमारे पास दो ऑप्शन्स होते हैं, एक जहां हम अपनी पूरी डिटेल्स सबमिट करते हैं या फिर अपने Gmail अकाउंट के एक्सिस से उस वेबसाइट (Website) में लॉगिन करते हैं। इसके लिए हमारे Gmail अकाउंट से उसे लिंक कर दिया जाता है जिसे आने वाले समय में किसी तरह के पासर्वड की जरूरत न हो। एक वक्त के बाद हम उस साइट का इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं। लेकिन, भी वो हमारे Gmail अकाउंट से लिंक रहती है।

आपका भी Gmail कई Website से लिंक है?
अगर आप जानना चाहते हैं आपका Gmail अकाउंट कितनी वेबसाइट से लिंक है तो आप उस साइट से डी लिंक कर सकते हैं।

ऐसे करें Mobile से पता अपका Gmail अकाउंट कितनी वेबसाइट से लिंक है ये जानने के लिए आपको मोबाइल के Gmail ऐप पर नहीं ब्लकि गूगल क्रोम पर Gmail खोलना होगा। अपना Gmail ID और पासवर्ड वहां डालना होगा जिस अकाउंट के बारें में आप पता करना चाहते हैं।
गूगल क्रोम पर लॉगिन करने के बाद आपको नॉर्मल पेज नजर आएगा। जहां आपको Scroll करने हुए सबसे नीचे जाना होगा। जहां आपको View Gmail in (Mobile/ Older Version/ Dekstop) नजर आएगा। अब आपको Dekstop पर क्लिक करना है जिसके बाद आपको जिस तरह डेक्सटॉप पर Gmail नजर आता है उसी तरह सारे Mails नजर आएंगे। इस पेज में भी आपको Scroll करके सबसे नीचे की तरफ आना होगा।
जहां आपके इस्तेमाल किए गए Gmail की जानकारी होगी। इसके बाद आपको Last Account Acitvity पर जाना होगा। अब डिटेल्स पर क्लिक करें, अब यहां नजर आ रहे Security Checkup पर क्लिक कर दें। यहां आपको सबसे नीचे Your Saved Password नजर आएगा।
यहीं आपको ये दिखेगा की आपका Gmail अकाउंट कितनी वेबसाइट और ऐप से लिंक करके रखा है। इसके बाद आपको Go to Password Checkup पर क्लिक करना होगा, जिसके बाद फिर आपको Gmail Id का पासवर्ड यहां एंटर करना होगा।
यहां आपको उन तमाम एप्स और साइट की जानकारी मिल जाएगी जहां पर आपका Gmail अकाउंट लिंक है। आप यहीं से साइड पैनल क्लिक करके उसे लॉग ऑउट कर सकते है।

विशाल मालवाहक जहाज 'एवर गिवेन (Ever Given)' के फसाने से हर दिन 9 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान।

स्वेज: इजिप्ट की स्वेज नहर (Suez Canal) में 6 दिन से फंसे रहने के बाद सोमवार को विशाल मालवाहक जहाज 'एवर गिवेन (Ever Given)' को खिसका लिया गया। एशिया और यूरोप के बीच माल लेकर जाने वाला, पनामा के ध्वज वाला एवर गिवेन (Ever Given) नामक मालवाहक जहाज मंगलवार को स्‍वेज नहर में फंस गया था। इससे स्‍वेज नहर के दोनों तरफ समुद्र में जाम लग गया था और 350 से ज्‍यादा मालवाहक जहाज फंस गए थे।


ड्रेजिंग जहाज का रहा बड़ा योगदान
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, एवर गिवेन (Ever Given) के निकलने में सुपरमून के साथ-साथ मैशआवर (Mashhour) नामक एक ड्रेजिंग (निकर्षण) जहाज का भी बहुत बड़ा योगदान रहा। इस जहाज ने प्रति घंटे 70 हजार क्‍यूबिक फीट रेत हटाने की क्षमता है। इस जहाज को गुरुवार को काम पर लगाया गया था।

इस तरह निकाला गया एवर गिवेन जहाज।
स्‍वेज नहर प्राधिकरण के चीफ ओसामा रबिए ने कहा, मैशआवर जहाज ने एवर गिवेन के नीचे से बालू निकालने का ज्‍यादातर काम किया। इसके बाद जहाजों को खींचने वाले टगबोट को एवर गिवेन को खींचने का मौका मिल गया। इसके अलावा कई छोटे-छोटे जहाजों की मदद से एवर गिवेन के तलछट से रेत और कीचड़ को निकाला गया।

हर दिन 9 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान।
एक अनुमान के मुताबिक जहाज के फंसने से प्रतिदिन नौ अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो रहा था। स्वेज नहर दुनिया के सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाले जलमार्गों में से एक है, जिससे हर रोज औसतन 50 जहाज गुजरते हैं। स्वेज नहर के जरिए बड़े पैमाने पर वैश्विक समुद्री व्यापार होता है।

ऐसे फंस गया था एवर गिवेन मालवाहक जहाज।
कंटेनर शिप एवर गिवेन (Container Ship Ever Given) पनामा का जहाज है। इस जहाज को 2018 में बनाया गया था, जिसे ताइवानी ट्रांसपोर्ट कंपनी एवरग्रीन मरीन संचालित करती है। कंटेनर शिप चीन से माल लादने के बाद नीदरलैंड के पोर्ट रॉटरडैम के लिए जा रहा था और इसने हिंद महासागर से यूरोप में जाने के लिए स्वेज नहर का रास्ता चुना, लेकिन मंगलवार की सुबह स्थानीय समयानुसार करीब 7:40  स्वेज पोर्ट के उत्तर में फंस गया। रिपोर्ट के अनुसार, एवर गिवेन के चालक दल ने बताया कि स्वेज नहर को पार करते समय आए हवा के एक तेज बवंडर की वजह से उनका शिप घूम गया। बाद में जब उसे सीधा करने का प्रयास किया गया तो इसने नहर की चौड़ाई में घूमकर पूरे ट्रैफिक को ही बंद कर दिया।

Tuesday, March 16, 2021

Ethanol Blend Petrol: कारों के लिए एथनॉल-पेट्रोल ब्लेंड E20 को मंजूरी, जाने क्या खास है E20 पेट्रोल में।

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच अब एक राहत की खबर ये है कि बाइक्स और कारों में E20 पेट्रोल के इस्तेमाल की इजाजत मिल गई है। E20 का मतलब हुआ ऐसा पेट्रोल जिसमें 20 परसेंट एथनॉल (Ethanol Blend Petrol) मिला होगा। सड़क और परिवहन मंत्रालय ने E20 को इस्तेमाल करने के लिए नोटिफिकशन जारी कर दिया है।


E20 पेट्रोल का इस्तेमाल करने की इजाजत।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि E20 एक ऐसा पेट्रोल है, जो वातावरण के लिए भी अच्छा है क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन सामान्य पेट्रोल के मुकाबले बेहद कम निकलता है। इस ईंधन के लिए कार और बाइक मैन्यूफैक्चर्स को अलग से बताना होगा कि कौन सा वाहन E20 के लिए उपयुक्त है, इसके लिए वाहन में एक स्टीकर भी लगाना होगा।

E20 पेट्रोल के फायदे ही फायदे।
आपको बता दें कि 2014 में पेट्रोल में 1 परसेंट से भी कम एथनॉल ब्लेंड किया जाता था यानी मिलाया जाता था, फिर इसे बढ़ाकर 8.5 परसेंट किया गया, अब पेट्रोल में 10 परसेंट एथनॉल मिलाने का लक्ष्य है। पेट्रोल में एथनॉल मिलाने के कई फायदे हैं।
1. पहला फायदा तो यही है कि पेट्रोलियम पर भारत की निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। अभी भारत अपनी जरूरत का 83 परसेंट तेल इंपोर्ट करता है।
2. कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) कम निकलेगा तो वातावरण को होने वाला नुकसान भी कम हो जाएगा।
3. एथनॉल का इस्तेमाल बढ़ने से किसानों को फायदा होगा, उनकी आय बढ़ेगी, क्योंकि एथनॉल गन्ने, मक्का और कई दूसरी फसलों से बनाया जाता है।
4. चीनी मिलों को कमाई का एक नया जरिया मिलेगा जिससे वो अपने कृषि बकाए को चुका सकेंगे।
5. एथनॉल काफी किफायती है इसलिए उपभोक्ताओं को भी पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

2025 तक 20 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य।
आपको बता दें कि सरकार ने 2030 तक 20 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग पेट्रोल का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब इसे पांच साल पहले 2025 में ही हासिल करने की योजना है। पिछले साल सरकार ने 2022 तक पेट्रोल में 10 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा था। मौजूदा एथनॉल सप्लाई वर्ष में, जो कि अक्टूबर में शुरू होता है, पेट्रोल में 8.5 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग होती है, इसे 2022 तक बढ़ाकर 10 परसेंट किया जाएगा।
सरकार की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, 2025 तक 20 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग के लिए 1200 करोड़ एल्कोहॉल/एथनॉल की जरूरत होगी। 700 करोड़ लीटर एथनॉल बनाने में शुगर इंडस्ट्री को 60 लाख टन सरप्लस चीनी का इस्तेमाल करना होगा। जबकि 500 करोड़ लीटर एथनॉल दूसरी फसलों से बनेगा।

500 साल का इंतजार हुआ खत्म, पूरे विधि विधान से हुआ राम मंदिर नींव भराई का वैदिक पूजन।

अयोध्या / उत्तर प्रदेश: धर्मनगरी अयोध्या में राम मंदिर (Ram temple) के निर्माण के लिए 500 सालों का इंतजार अब खत्म हो गया। राम मंदिर की नींव भराई के लिए सोमवार को पूजन किया गया। शुभ मुहूर्त में 10:55 बजे से ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने पूजन किया। नींव भरने का काम शुरू करने के लिए चैत्र कृष्ण त्रयोदशी यानी कि 9 अप्रैल की तिथि तय की गई है। इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, डॉ. अनिल मिश्र, महंत दिनेन्द्र दास सहित अन्य लोग मौजूद रहे। नींव भराई के बाद राम मंदिर धीरे-धीरे आकार लेने लगेगा।


शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान के साथ कार्य शुरू।
सोमवार सुबह 10:55 के शुभ मुहूर्त पर भगवान श्री गणेश, विष्णु और श्री लक्ष्मी जी तथा विश्वकर्मा भगवान के पूजन के साथ 40 फीट गहरी नींव की भराई का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने वैदिक रीति रिवाज से पूजन किया। इस दौरान राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, जिला अधिकारी अनुज कुमार झा और डीआईजी दीपक कुमार समेत राम मंदिर निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो और टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर मौजूद रहे।

40 फीट गहरी खुदाई का काम पूरा।
राम जन्मभूमि परिषद की 5 एकड़ भूमि में 2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसमें गर्भ ग्रह के स्थल समेत पूरे 2.77 एकड़ भूमि को 40 फीट गहरी खुदाई का काम पूरा किया जा चुका है। जिसके लिए वास्तुशास्त्र के हिसाब से मुहूर्त रखा गया था। अब इसी नींव में कंक्रीट की 1 फीट मोटी लेयर से राम मंदिर निर्माण की नींव भराई का काम प्रारंभ किया गया है।

नींव भराई में सीमेंट कंक्रीट और मौरंग का प्रयोग किया गया है साथ ही सिलिकॉन के मिश्रण से लेयर बनाया जा रहा है। एक फिट मोटी लेयर पर रोलर चलाया जाएगा उंसके बाद मिर्जापुर का पत्थर बिछाया जाएगा। पुनः कंक्रीट की लेयर बनेगी फिर उसके ऊपर मिर्जापुर का पत्थर बिछाया जाएगा।

Monday, March 15, 2021

मिला डेविड वॉर्नर का हमसक्ल से खुद डेविड वॉर्नर ने शेयर की ईंट भट्टे के मजदूर की फोटो।

ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज और आईपीएल में हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर (David Warner) सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय रहते हैं। वह अपने फैंस के बीच अपनी तस्वीरों को शेयर करते रहते हैं। इस बीच उन्होंने एक मजदूर की फोटो शेयर की है। फोटो को देखकर लगता है कि मजदूर ईंट भट्टे पर काम करता है। इस फोटो में जो मजदूर दिखाई दे रहा है, उसका चेहरा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डेविड वॉर्नर से मिल रहा है।

सोशल मीडिया पर डेविड वॉर्नर की यह तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इस फोटो को वॉर्नर ने 14 मार्च को शेयर किया था। फोटो को अबतक सात लाख से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं। इसके अलावा लोग खूब कमेंट भी कर रहे हैं।

बता दें कि डेविड वॉर्नर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हुए 15 हजार से अधिक रन बनाए हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 7311 रन बनाए हैं। टेस्ट मैच में वॉर्नर का बेस्ट स्कोर 335 रन है। वनडे में वॉर्नर ने 18 शतक की बदौलत 5455 रन बनाए हैं। वह दुनिया के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में शतक लगाया है। 

Sunday, March 14, 2021

OK तो सब बोलते हैं, पर क्या आप इसका फुल फॉर्म जानते हैं?

नई दुनिया: अक्‍सर लोग किसी बात का जवाब OK  कहकर देते हैं। चाहे आपके दोस्‍त हों, ऑफिस में आपके बॉस हों या फिर कोई और, दो लेटर के इस शब्‍द का इस्‍तेमाल हम किसी से भी बातचीत के दौरान सबसे ज्‍यादा करते हैंं। चाहे हम किसी से सहमत हों या असहमत हों। जब आपको ठीक है बोलना होता है या किसी बात पर सहमति जतानी होती है, तो आप OK कहते हैं। ये दो लेटर पूरे एक वाक्‍य जैसा काम करते हैं और आम बोलचाल की भाषा का शब्‍द बन गए हैं, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है क‍ि हममें से ज्‍यादातर लोग ये नहीं जानते कि OK का फुल फॉर्म क्‍या है। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर OK का मतलब क्‍या होता है।

182 साल पहले हुई थी OK की शुरुआत।
OK अंग्रेजी भाषा के सबसे कॉमन वर्ड्स में से एक है। इसका इस्‍तेमाल एक्‍सेपटेंस, एग्रीमेंट, अप्रूवल जैसी कई बातों में किया जाता है। OK का मतलब है,  'Olla Kalla'. यह एक ग्रीक शब्‍द है, जिसका मतलब होता है All correct. OK शब्‍द का जन्‍म 182 साल पहले हुआ। इसकी शुरुआत हुई अमेरिकी पत्रकार चार्ल्‍स गोर्डोन ग्रीन (Charles Gordon Greene) के दफ्तर से। साल 1839 में लेखक जानबूझकर शब्‍दों को बदल देते थे और प्‍लेफुल एब्रीविएशंस का इस्‍तेमाल करते थे। ठीक वैसे ही जैसे आज हम LOLZ, OMG, या  NBD बोलते हैं। OK का इस्‍तेमाल सबसे पहले “Oll Korrect” के एब्रीविएशन के तौर पर किया गया। ये ग्रामर पर एक व्‍यंगात्‍मक लेख था और बोस्‍टन मॉर्निंग पोस्‍ट में साल 1839 में छपा था। इस ट्रेंड ने बाद में OW जैसे शब्‍द भी इस्‍तेमाल में आए। इसका मतलब भी  "oll wright" या all right ही होता था।

अमेरिकी चुनाव से जुड़ा किस्‍सा।
इसके बाद OK का इस्‍तेमाल इलेक्‍शन स्‍लोगन के तौर पर किया गया। साल 1840 में अमेरिकी राष्‍ट्रपति Martin Van Buren के री- इलेक्‍शन कैम्‍पेन में जब ओके शब्‍द का इस्‍तेमाल किया गया तो ये पूरी दुनिया में प्रचलित हो गया। दरअसल, न्‍यूयॉर्क के किंडरहुक में पैदा हुए Van Buren का निकनेम Old Kinderhook" था। उनके समर्थकों ने चुनाव प्रचार के दौरान रैलियों में "OK" का इस्‍तेमाल किया और पूरे देश में  “OK Clubs” बनाए।  इसके बाद ओके एक डबल मीनिंग वर्ड बन गया। Old Kinderhook भी और All Correct भी।

OK से जुड़े कुछ और फैक्‍ट्स।
Huffpost की एक रिपोर्ट के अनुसार, पहले ये कहा जाता था कि OK मूल अमेरिकी भारतीय जनजाति Choctaw के शब्द okeh से आया है। यह भी दावा किया गया कि यह अफ्रीका की वोलोफ भाषा से लिया गया है। OK को लेकर कई अलग-अलग तर्क हैं। इसकी उत्‍पत्ति को लेकर विवाद हमेशा रहा है। इस रिपोर्ट में Smithsonian मैगजीन के एक आर्टिकल का जिक्र किया गया है जिसमें OK को लेकर जानकारी दी गई है।
Smithsonian मैगजीन के आर्टिकल के अनुसार, OK शब्द की उत्पत्ति 19वीं शताब्दी की शुरुआत में हुई थी। एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि वैसे OK शब्द ‘All Correct’ के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह शब्द “Oll Korrect” कर दिया गया। जिसके बाद ये शब्द AC की जगह OK बन गया। इसके हिसाब से OK का मतलब होता है ‘All Correct’, जिसे “Oll Korrect” कर दिया गया। ये भी कहा जाता है कि सही शब्द Okay है और लोग गलत तरीके से OK का इस्तेमाल करते हैं।

Thursday, March 11, 2021

महाशिवरात्रि पर शिव पूजा की थाली में रखें ये सामग्री होगी सारी मन्नते पूरी।

हिंदू पंचांग अनुसार महाशिवरात्रि का दिन बेहद ही खास होता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। वैसे तो हर महीने शिवरात्रि आती है लेकिन फाल्गुन मास की चतुर्दशी को आने वाली महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि का त्योहार प्रति वर्ष फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 

यह त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस बार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 मार्च (गुरुवार) को पड़ रही है। महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन व्रत पूजन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

महाशिवरात्रि पूजा सामग्री।
इस बार महाशिवरात्रि का पावन पर्व 11 मार्च यानी कल मनाया जाएगा। इस पावन पर्व पर शिव के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। शिवरात्रि के दिन रात में पूजा करना सबसे फलदायी माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष सामग्रियों के साथ की जाती है। 

शिवरात्रि के दिन शिव की पूजा में पुष्प, बिल्वपत्र, भांग, धतूरा, बेर, जौ की बालें, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, गन्ने का रस, दही, देसी घी, शहद, गंगा जल, साफ जल, कपूर, धूप, दीपक, रूई, चंदन, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, गंध रोली, इत्र, मौली जनेऊ, शिव और मां पार्वती के श्रृंगार की सामग्री, वस्त्राभूषण, रत्न, पंच मिष्ठान्न, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन का इस्तेमाल किया जाता है।

महाशिवरात्रि पर्व मनाने को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध कथा के अनुसार ये पर्व शिव और माता पार्वती के मिलन की रात के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पार्वती जी का विवाह भगवान शिव से हुआ था।

Monday, March 8, 2021

1 अप्रैल से शुरू होगी 'Saral Pension Yojana' बुढ़ापे में पेंशन की टेंशन खत्म।

दिल्ली: Saral Pension Plan: 1 अप्रैल से आपकी जिंदगी में बड़ा बदलाव हो सकता है। बीमा नियामक IRDAI ने बीमा कंपनियों को सरल पेंशन योजना 1 अप्रैल से लागू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। बीमा कंपनियां एक अप्रैल 2021 से सरल पेंशन योजना शुरू करने जा रही है। बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने जीवन बीमा कंपनियों को इसके लिए निर्देश जारी किए हैं। सरल पेंशन प्लान के तहत बीमाकर्ता के नाम से सिर्फ दो वार्षिकी (Annuity) विकल्प रहेगा।


सरल पेंशन योजना को समझिए।
IRDAI के दिशा-निर्देशों के मुताबिक सरल पेंशन योजना में न्यूनतम वार्षिकी (Annuity) राशि 1 हजार रुपये प्रति महीने, 3 हजार रुपये प्रति तिमाही, 6 हजार रुपये प्रति छमाही या फिर 12 हजार रुपये सालाना होगी। IRDAI ने कहा है कि सामान्य सुविधाओं और मानक नियमों और शर्तों के साथ व्यक्तिगत तत्काल एन्यूटी लॉन्च करना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि IRDAI की इस पहल से उपभोक्ताओं के लिए प्लान का चुनाव करना पहले के मुकाबले आसान हो जाएगा।  IRDAI की गाइडलाइंस के मुताबिक पॉलिसी शुरू होने की तारीख से 6 महीने के बाद किसी भी समय पॉलिसी सरेंडर की जा सकती है।

क्या है Annuity।
किसी पेंशन प्लान में आपकी जमा की गई राशि के बदले बीमा कंपनी जो सालाना राशि देने का वादा करती हैं उसे वार्षिकी (Annuity) कहा जाता है। रिटायरमेंट के बाद नियमित आय के लिए पेंशन प्लान के तहत इसकी सुविधा निवेशक को मिलती है। गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए ये योजना काफी अहम साबित हो सकती है।

सरल पेंशन योजना के फायदे।
IRDAI के मुताबिक सरल पेंशन प्लान में जितना पैसा आप निवेश करेंगे, उतना पैसा तो आपको मिल ही जाएगा। इसके अलावा एन्युटी का फायदा भी मिलेगा। ग्राहक को जीवन भर Annuity का फायदा मिलता रहेगा और उसके निधन के बाद जीवनसाथी को उसकी मृत्यु तक एन्युटी मिलती रहेगी। इसके बाद पति या पत्नी की मृत्यु पर कानूनी वारिस को खरीद मूल्य यानी 100 फीसदी राशि वापस मिल जाएगी।

Sunday, March 7, 2021

Haridwar Kumbh 2021: हरिद्वार कुंभ का पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि को होगा, बाकी 3 की भी तारीख जानें।

नई दिल्ली: आस्था का मेला कुंभ इस बार उत्तराखंड की देव नगर हरिद्वार में आयोजित होने जा रहा है। आपको बता दें कि कुंभ का शाब्दिक अर्थ है कलश जिसे समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत कलश के तौर देखा जाता है। कुंभ मेले (Kumbh Mela) का आयोजन 12 साल में हर 3 साल के अंतराल पर प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में होता है। हरिद्वार में कुंभ गंगा के तट पर, उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर, नासिक में गोदावरी नदी के तट पर और प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर इसका आयोजन होता है।


हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन।
पुराणों में वर्णित एक श्लोक है:
“कुम्भ राशिगते जीवे यद्द्विनेशन मशगे रवौ।
 हरिद्वारे कृतसंसाननं पुनरावृत्तिवर्जनम्“।।
अर्थात जब सूर्य मेष राशि (Aries) में और बृहस्पति कुंभ (Aquarius) राशि में प्रवेश करते हैं तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन होता है। ऐसी मान्यता है कि इस तरह की ज्योतिषीय स्थिति में गंगा में स्नान करने पर सभी तरह के पाप से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति जीवन-मरण के चक्र से भी छूट जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

वैसे तो हर बार कुंभ मेला 4 महीने का होता था लेकिन इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर हरिद्वारा में आयोजित होने वाला कुंभ मेला केवल 28 दिन का होगा। कुंभ मेले का आयोजन 1 से 28 अप्रैल के बीच होगा और इस दौरान राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार ने भी कई जरूरी गाइडलाइन्स जारी की हैं जिनका पालन सभी श्रद्धालुओं को करना होगा। हरिद्वार कुंभ मेले (Haridwar Kumbh) में इस बार 4 शाही स्नान होंगे। देशभर से श्रद्धालुओं और अखाड़ों का हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गया है। कुंभ के दौरान होने वाले शाही स्नान आकर्षण का केंद्र होते हैं।

हरिद्वार कुंभ में कब-कब होंगे शाही स्नान।

1. पहला शाही स्नान- 11 मार्च महाशिवरात्रि के दिन।
वैसे तो हरिद्वार कुंभ मेले की औपचारिक शुरुआत 1 अप्रैल से होगी लेकिन पहला शाही स्नान 11 मार्च  2021 गुरुवार को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के मौके पर होगा। धरती पर गंगा का अवतरण भगवान शिव की वजह से ही हुआ था और गंगा, शिव की जटाओं में समाहित हैं। इसलिए महाशिवरात्रि के दिन पवित्र गंगा में स्नान करने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व काफी अधिक है।

2. दूसरा शाही स्नान- 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या के दिन।
हरिद्वार कुंभ का दूसरा शाही स्नान पहले स्नान के 1 महीने बाद 12 अप्रैल सोमवार को सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के दिन होगा। अमावस्या के दिन वैसे भी पवित्र नदियों में स्नान और फिर दान का विशेष महत्व माना जाता है और सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है।

3. तीसरा शाही स्नान- 14 अप्रैल मेष संक्रांति और बैसाखी।
हरिद्वार कुंभ का तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल बुधवार को मेष संक्रांति (Mesh Sankranti) के मौक पर होगा। इस दिन बैसाखी भी है। ऐसी मान्यता है कि मेष संक्रांति के दिन गंगा का जल अमृत बन जाता है और ज्योतिषीय मान्यताओं के मुताबिक इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं।

4. चौथा शाही स्नान- 27 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा के दिन।
हरिद्वार कुंभ का चौथा और आखिरी शाही स्नान चैत्र के महीने में पूर्णिमा (Chaitra Purnima) के दिन होगा। इसे शाही स्नान के सबसे अहम दिनों में से एक माना जाता है और इसलिए इस दिन को अमृत योग के नाम से भी जाना जाता है।

Friday, March 5, 2021

महाशिवरात्रि के नौ दिन का उत्सव, 9 रूपों में होगा बाबा का श्रृंगार।

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की शुरुआत शिवरात्रि के 9 दिन पूर्व से ही शुरू हो गई है। इसे शिवनवरात्रि के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। शिवनवरात्रि के पहले दिन माता पार्वती व बाबा का चंदन, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड-माल, छत्र आदि से विशेष और अद्भुत श्रृंगार किया जाता है। विश्व भर के बारह ज्योतिर्लिंगों में से उज्जैन ही एकमात्र ऐसा स्थान है जहां शिवरात्रि के पहले शिवनवरात्रि मनाए जाने की परम्परा है। इसमें लगातार 9 दिनों तक भगवान महाकाल का अलग-अलग शृंगार किया जाता है।

शिवनवरात्रि में नौ दिन राजा के विविध रूप व पूजन।
नवरात्रि में पहले दिन कोटितीर्थ कुण्ड स्थित कोटेश्वर महादेव पर शिवपंचमी का पूजन किया जाता है। इस वर्ष बाबा का अभिषेक सुबह 08 बजे से 09 बजे तक किया गया। प्रति वर्ष के अनुसार इस वर्ष भी 11 ब्राह्मणों एवं दो सहायक पुजारियों को एक-एक सोला तथा वरूणी प्रदान की गई। 

कोटेश्वर महादेव के पूजन आरती के पश्चात महाकालेश्वर राजा का पूजन अभिषेक एवं 11 ब्राह्मणों द्वारा एकादश एकादशिनी रूद्राभिषेक किया जाता है। तत्पश्चात भोग आरती की जाती है। देर शाम भगवान महाकाल का संध्या पूजन कर चंदन व भांग का श्रृंगार, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्ड-माल, छत्र आदि से बाबा का अद्भुत रूप श्रृंगार किया जाता है। वहीं बाबा के आंगन में हरिकीर्तन भी किए जाते हैं जिसका भरपूर आनंद श्रद्धलुओं उठाते हैं। यह सिलसिला 10 दिन तक लागातर चलेगा। हरिकीर्तन इंदौर के कानडकर परिवार द्वारा 1990 से लागातर शिवनवरात्रि में देर शाम किया जाता रहा है।

थाईलैंड: महिला की समुद्र किनारे टहलने के दौरान चमकी किस्मत, हाथ लगी करोड़ों की चीज।

थाईलैंड (Thailand): की एक महिला को समुद्र तट के पास से ऐसी अनोखी चीज मिली है जिससे उसकी किस्मत रातों रात बदल गई है। जी हां, ये घटना है नाखोन सी थम्मारत के तट (Coast Of Nakhon Si Thammarat) के पास की जहां 49 साल की सिरिपॉर्न नियामरिन (Siriporn Niamrin) टहलने गई थी और जब वहां से लौटी तो अपने साथ एक बेशकीमती चीज लेकर लौटी जिसकी कीमत को लेकर पहले वो भी अंजान थी।


इस अनोखी चीज से चमकी किस्मत।
खबरों के अनुसार, सिरिपॉर्न नियामरिन एक समुद्र तट पर टहलने गई थी जब उन्हें रेत में एक अजीब सी गांठ दिखाई दी। फिर उस महिला ने कथित तौर पर देखा कि गांठ में मछली जैसी गंध आ रही थी और यह सोचकर उसे अपने साथ वापस घर ले आई कि कई ये किसी चीज के काम ना आ जाए। द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना 23 फरवरी की है। आगे लिखा है कि जब सिरिपोर्न घर वापस आई तो उन्होंने अपने पड़ोसियों से उस अजीब सी वस्तु को पहचानने में मदद मांगी। फिर उन्हें बताया गया कि असल में वह गांठ ‘व्हेल मछली की उल्टी’ थी, जिसे ‘एम्बरग्रीस’ भी कहा जाता है। ये जानकर तो सिरिपॉर्न नियामरिन और आसपास मौजूद लोग हक्के-बक्के रह गए।

तो क्या निकली ये चीज?
एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, इस 12 इंच चौड़ी और 24 इंच लंबी गांठ वाले ‘एम्बरग्रीस’ की अनुमानित कीमत 1.86 लाख पाउंड यानी लगभग 1.8 करोड़ रुपये है। इसका उत्पादन शुक्राणु व्हेल की प्रणाली में किया जाता है और इसका इस्तेमाल परफ्यूम बनाने में होता है क्योंकि यह एक सुधारात्मक के रूप में काम करता है, जिससे खुशबू लंबे समय तक सहन करने में मदद मिलती है। खबरों के अनुसार, उस महिला ने ‘एम्बरग्रीस’ की प्रमाणिकता की जांच करने के लिए इसे लौ में रखा था जो पिघल गया लेकिन फिर इसके हिस्से ठंडे होने के बाद ये फिर से मजबूत हो गया। सिरिपॉर्न नियामरिन कथित तौर पर फिलहाल विशेषज्ञों के घर पहुंचने और ‘एम्बरग्रीस’ की प्रमाणिकता की जांच करने का इंतजार कर रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा- 'अगर मेरे पास सच में ‘एम्बरग्रीस’ है, तो मैं इसे बेचने के लिए अच्छे खरीददार का इंतजार करूंगी। मैं इतने बड़े टुकड़े को पाकर बहुत खुशकिस्मत हूं और मुझे उम्मीद है कि यह मुझे पैसा दिलाएगा। मैं फिलहाल इसे अपने घर में सुरक्षित रख रही हूं और मैंने स्थानीय परिषद से इसकी जांच करने के लिए कहा है।'

Thursday, March 4, 2021

Exclusive: दक्षिण अफ्रीका के चर्चित गुप्ता ब्रदर्स गुपचुप तरीके से खरीद रहे जेट एयरवेज? खुलासा

नई दिल्ली/मुंबई: जेट एयरवेज को खरीदने की बोली लगाने वाले मुरारी लाल जालान के पीछे साउथ अफ्रीका के गुप्ता ब्रदर्स हैं? वो गुप्ता ब्रदर्स जिनके खिलाफ साउथ अफ्रीका में भ्रष्टाचार, घूसखोरी के कई मामले चल रहे हैं और अमेरिका में उनके साथ किसी तरह की बिजनेस डील पर पाबंदी है।

मुरारी लाल जालान के भाई विशाल जालान की बेटी शिवांगी की शादी अतुल गुप्ता के बेटे शशांक सिंघल के साथ 2019 में हुई। Zee News के पास जानकारी है कि जालान और गुप्ता परिवार इस वक्त दुबई में हैं। साउथ अफ्रीका में लगे संगीन आरोपों के बाद गुप्ता ब्रदर्स ने 2018 में देश छोड़ दिया था और उसके बाद वो अलग-अलग जगहों पर ठिकाना तलाशते रहे, लेकिन अभी गुप्ता ब्रदर्स उज्बेकिस्तान के ताशकंद में हैं। मुरारी लाल जालान का परिवार पहले रांची और फिर कोलकाता होते हुए दुबई पहुंचा और अब लंबे समय से वहीं रहकर अलग-अलग देशों में कारोबार करता है।

जालान परिवार की एक कंपनी है एजियोइमेज और गुप्ता ब्रदर्स के बेहद करीबी रिश्तेदार आकाश गर्ग की कंपनी है AGEV इनवेस्टमेंट लिमिटेड। आकाश गर्ग की कंपनी दुबई में बतौर ऑफशोर कंपनी लिस्टेड है। एजियोइमेज और AGEV इनवेस्टमेंट लिमिटेड, ये दोनों कंपनी दुबई से ही अपना बिजनेस चलाती हैं। जनवरी 2018 में आकाश गर्ग ने पहले अपनी कंपनी AGEV इंवेस्टमेंट की तरफ से 50 लाख डॉलर का लोन मुरारी लाल जालान की कंपनी एजियोइमेज को देने का एग्रीमेंट किया। एग्रीमेंट के मुताबिक पूरी रकम का सालाना ब्याज चार फीसदी दिया जाना था। हालांकि अगले महीने ही मुरारी लाल जालान ने दूसरे लोन के रूप में 2 करोड़ दिरहम (करीब 54 लाख डॉलर) आकाश गर्ग की कंपनी को दिया। इसके लिए भी सालाना चार फीसदी ब्याज की शर्त रखी गई। लोन एग्रीमेंट के सभी दस्तावेजों पर आकाश गर्ग और मुरारी लाल जालान दोनों के दस्तखत भी हैं।

Tuesday, March 2, 2021

वकील ने जज साहिबा को आधी रात को किया बर्थडे Wish, 20 दिनों से है जेल में, HC पहुंचा मामला

रतलाम: मध्य प्रदेश के रतलाम का वकील कई दिनों से जेल में बंद है, क्योंकि उसने महिला जज को आधी रात जन्मदिन की बधाई दे दी थी। जज साहिबा ने वकील पर आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज करवा दिया है, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। वकील ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम (JMFC) के कोर्ट से लेकर सेशन कोर्ट तक जमानत के लिए पहुंच चुका है, लेकिन कहीं से उसे कोई राहत नहीं मिली पाई है। जमानत का मामला अब मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है।

न्यायाधीश के सरकारी मेल पर पोस्ट किया बधाई संदेश।
रतलाम डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पदस्थ महिला जज का जनवरी में जन्मदिन था। वकील विजय ने रात 1 बजकर 11 मिनट पर जज साहिबा के ऑफिशियल मेल पर हैप्पी बर्थडे का मैसेज सेंड कर दिया। वकील ने जज के फेसबुक अकाउंट से उनका एक फोटो डाउनलोड किया और उसे ग्रीटिंग कार्ड के रूप में उनको भेज दिया। वकील विजय द्वारा इस तरीके से बर्थडे विश करना महिला जज को नागवार गुजरा। उन्होंने वकील की  शिकायत रतलाम पुलिस थाने में कर दी।

अधिवक्ता संघ की सदस्यता से बर्खास्त हो चुका है विजय।
रतलाम कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष दशरथ पाटीदार ने बताया कि वकील विजय जूनियर है और प्रैक्टिस कर रहा है। अभी वह पूरी तरह से वकील नहीं बना है। उसे अभी एक और एक्जाम देने के बाद स्टेट बार को सूचना देना होगी। इसके बाद उसे वकालत का लाइसेंस मिल पाएगा। वकीलों की प्रतिष्ठा गिराने वाली हरकतों के कारण अधिवक्ता संघ विजय को काफी समय पहले ही अपनी सदस्यता से बर्खास्त कर चुका है।

पुलिस ने आरोपी वकील कई धाराओं में केस दर्ज किया है।
शिकायत के बाद रतलाम पुलिस ने वकील विजय के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 469 और आईटी एक्ट की धारा 67 व 41 के तहत प्रकरण दर्ज कर 9 फरवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया था। तब से वकील जेल में है। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम कोर्ट से जमानत नहीं मिलने पर उसने सेशन कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन यहां से भी आरोपी वकील को जमानत नहीं मिल सकी। अब उसने हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर की है। जमानत याचिका पर सुनवाई 3 मार्च को होगी।

Monday, March 1, 2021

Kumbh Logo: 5 डिजाइन में से एक को किया गया सिलेक्ट, जाने कैसे होगा कुंभ का लोगो।

हरिद्वार:  कोरोना महामारी के बीच उत्तराखंड में कुंभ की शुरुआत होने वाली हैै। कुंभ को लेकर उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) सरकार लंबे समय से तैयारी कर रही है। इस बीच कुंभ (Kumbh 2021) का लोगो जारी कर दिया गया है। रविवार यानी 28 फरवरी को जारी किए गए लोगो में सुंदर और स्वच्छ कुंभ के साथ सुरक्षित कुंभ को भी स्लोगन में स्थान दिया गया।

5 डिजाइन में से एक को किया गया सिलेक्ट।
लोगो की बात करें, तो उसमें गंगा की लहरों में स्वस्तिक चिन्ह बने कलश से अमृत की बूंदे छलकती दिख रही हैं। मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि कुंभ प्राधिकरण ने पहले आम लोगों से डिजाइन मांगे थे। लेकिन वे पसंद नहीं आए। इसके बाद डिजाइनर्स को लोगो बनाने का काम सौंपा गया। 4 से 5 लोगो बनवाए गए और उसे कमेटी के पास भेजा गया। लोगो को पास करने वाली कमेटी में सीएम रावत समेत अखाड़ा परिषद के संत शामिल थे।

सुरक्षा पर विशेष ध्यान।
एक ओर जहां कुंभ शुरू हो रहा है, वहीं दूसरी ओर देश के अन्य राज्यों में कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में ना सिर्फ स्लोगन में सुरक्षा को एंट्री दी गई है, बल्कि कुंभ में भी लोगों की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। आने वाल लोगों का टेस्ट कराया जा रहा है। साथ में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 4 महीने के कुंभ को घटा कर 28 दिन कर दिया गया है।

मात्र 44 दिन में जमा हुए 2100 करोड़, अब रामकाज के लिए चलाए जा रहे निधि समर्पण अभियान हुआ बंद।

अयोध्या: देश भर में राम मंदिर निर्माण के लिए चला निधि समर्पण अभियान 27 फरवरी को समाप्त हो गयाा। इस अभियान के जरिए लोगों ने दिल खोल कर दान किया। राम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक समर्पण निधि अभियान के तहत अभी तक 2100 करोड़ से ज्यादा की राशि जमा हो चुकी हैै। हालांकि, बैंकों में चेक का अभी तक कोई आंकड़ा क्लियर नहीं है। ट्रस्ट के चार्टर्ड अकाउंटेंट सही आंकड़ों के लेखा-जोखा में लगे हुए हैंं। फिलहाल सही आंकड़ा आने में अभी वक्त हैै। हालांकि, जिन लोगों ने अभी तक दान नहीं किया है वो परेशान ना हों, क्योंकि अभियान खत्म होने के बाद भी आप राम मंदिर निर्माण में अपना सहयोग दे सकते हैं।

मायूस ना हों, अभी भी ऐसे कर सकते हैं दान।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र के मुताबिक निधि समर्पण अभियान खत्म होने के बाद कूपन के जरिए कोई भी सहयोग राशि नहीं ली जाएगी। ना ही कोई कार्यकर्ता राम मंदिर निर्माण के लिए कूपन लेकर किसी के घर जाएगा। हालांकि, जो लोग इस अभियान के दौरान सहयोग नहीं दे पाए हैं, वो आगे भी दान दे सकते हैं। अनिल मिश्र ने बताया कि जो लोग राम मंदिर निर्माण में अपना सहयोग देना चाहेंगे, वो राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जारी भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट नंबर में राशि दान कर सकते हैं। बैंक खातों में दान की प्रक्रिया जारी रहेगी।

15 जनवरी से शुरू हुआ था अभियान।
आपको बता दें कि निधि समर्पण अभियान कार्यक्रम मकर संक्रांति यानी 15 जनवरी से राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद और उनके संगठनों के द्वारा शुरू हुआ था, जो 27 फरवरी को खत्म हो गया। इस अभियान के जरिए पूरे देश में कार्यकर्ता "डोर टू डोर" जाकर चेक और कूपन के माध्यम से समर्पण निधि प्राप्त किया। समर्पण निधि राशि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के अकाउंट में जमा की गई। पूरे देश में इन बैंकों की शाखाओं में लोगों ने दिल खोल कर दान किया। जिसका नतीजा यह है कि अभी तक रामलला के अकाउंट में 21 सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का दान आ चुका है।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...