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Sunday, February 28, 2021

आतंकियों के समर्थन की सजा काट रहे Pakistan को FATF की Grey List में अभी और रहना होगा।

इस्लामाबाद: आतंकवादियों को पालने वाले पाकिस्तान (Pakistan) को अब और भी ज्यादा बुरे दिन देखने होंगे। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के फैसले से पाकिस्तान की आर्थिक कमर टूटना तय है। FATF ने आतंकियों की फंडिंग (Terror Funding) पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के लिए इमरान खान (Imran Khan) के ‘नए पाकिस्तान’ को फिर से ग्रे लिस्ट में रखा है। पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में FATF का यह कदम उसे बर्बादी की कगार पर पहुंचा सकता है।


पूरा नहीं किया Home Work।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने आतंकियों की फंडिंग रोकने के लिए पाकिस्तान को होम वर्क दिया था, जिसे वह निर्धारित समयावधि में पूरा करने में असफल रहा। एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि पाकिस्तान को FATF की सख्ती की वजह से 38 अरब डॉलर का नुकसान पहले ही हो चुका है। मतलब साफ है कि दोबारा ग्रे लिस्ट में रहने से पाकिस्तान को इससे भी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा।

GDP को पहुंची गहरी चोट।
इस्लामाबाद आधारित थिंक टैंक तबादलाब (Islamabad Based Think Tank Tabadlab) ने कहा है कि 2008 से 2019 तक बार-बार पाकिस्तान को FATF की लिस्ट में रखे जाने से उसकी GDP को करीब 38 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। थिंकटैंक ने कहा कि ग्रे लिस्ट में होने की वजह से पाकिस्तान के एक्सपोर्ट और एफडीआई में कमी आई है, जिसका सीधा असर उसकी अर्थव्यवस्था पर पड़ा है।

तब सुधरी थी स्थिति।
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्च पेपर में बताया गया है कि 2012 से 2015 के बीच FATF के प्रतिबंध से पाकिस्तान को करीब 13.43 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था। थिंक टैंक के अनुसार, इन प्रतिबंधों से अर्थव्यवस्था पर अल्पकालिक और मध्यकालिक असर पड़ता है। रिसर्च पेपर में यह भी बताया गया है कि जब पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर रहा तो 2017-18 के बीच जीडीपी में तेजी आई थी।

क्या कहा है FATF ने?
दुनियाभर में टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने हाल ही में एक बार फिर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने की घोषणा की है। अपने फैसले की जानकारी देते हुए FATF ने कहा है कि पाकिस्तान आतंकियों की फंडिंग रोकने में नाकाम रहा है और उसकी कोशिशों में गंभीर खामियां दिखाई देती हैं। उसका सिस्टम इतना प्रभावी नहीं है कि टेरर फंडिंग को रोक सके, इसलिए पाकिस्तान को फिलहाल ग्रे लिस्ट में ही रहना होगा।

Saturday, February 27, 2021

मुंबई Arthur Road Jail के Barrack Number 12 में रखा जाएगा Nirav Modi, जानें खासियत।

मुंबई: पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। गुरुवार को लंदन कोर्ट ने नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए मंजूरी दे दी। नीरव मोदी को मुंबई की ऑर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा। जानिए ऑर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 की क्या खासियत है और अब तक कौन से वीआईपी कैदी इस बैरक में बंद हो चुके हैं।


ऑर्थर रोड जेल में रखा जाएगा नीरव मोदी।
नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी देते वक्त लंदन कोर्ट के जज मुंबई की ऑर्थर रोड जेल (Arthur Road Jail) के बैरक नंबर 12 (Barrack Number 12) के इंतजाम से पूरी तरह संतुष्ट नजर आए. लंदन कोर्ट में जज के सामने बैरक नंबर 12 का वीडियो दिखाया गया।
बता दें कि मुंबई में मौजूद ऑर्थर रोड जेल (Arthur Road Jail) के बैरक नंबर 12 (Barrack Number 12) ग्राउंड प्लस वन बिल्डिंग है। ये ऑर्थर रोड जेल के बाकी हिस्से से अलग है। यहां जेल के बाकी हिस्से की तरह कैदियों की भीड़ नहीं होती है।

ऑर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में सुविधाएं।
जान लें कि ऑर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में दो सेल हैं। हर सेल में छह से ज्यादा कैदी नहीं रखे जाते हैं। बैरक में प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन की पूरी सुविधा है।
गौरतलब है कि बैरक नंबर 12 में वेस्टर्न स्टाइल के अटैच्ड बाथरूम की सुविधा है। इसके अलावा यहां पीने के साफ पानी और मेडिकल की सुविधा भी है। ऑर्थर रोड जेल के इस हिस्से में ओपन ड्रेनेज नहीं है।

बैरक नंबर 12 में बंद हो चुके हैं ये कैदी।
ऑर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में कैदी को गद्दा, तकिया और कंबल दिया जाता है। इसके अलावा कैदियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी हैं। बीएमसी के अधिकारी हफ्ते में एक बार आकर निरीक्षण करते हैं। जान लें कि स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी और एनसीपी नेता छगन भुजबल इस बैरक में रह चुके हैं। जाहिर है कि ऑर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से पूरी सुविधा और सिक्योरिटी है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए लंदन के जज ने ऑर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 को नीरव मोदी के लिए फिट माना है।

एक्शन में अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden, Syria Air Strike के बाद ईरान को दी सख्त चेतावनी।

वाशिंगटन: राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने सत्ता संभालने के कुछ ही दिनों में तेवर दिखा दिए हैंं। उन्होंने सीरिया में एयर स्ट्राइक (Syria Air Strike) के बाद ईरान (Iran) को सख्त चेतावनी दी है। बाइडेन ने कहा है, अमेरिका को नुकसान पहुंचाने या अमेरिकी कर्मियों को धमकी देने वाले मिलिशिया ( Militia) समूहों का ईरान समर्थन करता है तो उसे भी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। बाइडेन प्रशासन ने हवाई हमले को पूरी तरह कानूनी और उचित बताया है।

अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों का जवाब।
बता दें, अमेरिकी सेना ने पूर्वी सीरिया में ईरान के समर्थन वाले सशस्त्र समूह मिलिशिया (Militia) पर हवाई हमले किए हैं। अमेरिका ने ईराक (Iraq) में अपने सैनिकों के ठिकानों पर हुए रॉकेट हमलों के जवाब में यह कार्रवाई की। कहा जा रहा है कि इस कार्रवाई में सशस्त्र समूहों के करीब 17 लड़ाके मारे गए हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने साफ तौर पर कहा है कि यह कार्रवाई इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हुए रॉकेट हमलों के जवाब में की गई है। पेंटागन के मुताबिक अमेरिकी फाइटर जेट्स ने 7 ठिकानों को निशाना बनाते हुए 7 500-lb बम गिराए हैं। इनमें से एक ठिकाना ईरान और सीरिया के बॉर्डर पर स्थित क्रॉसिंग भी है। अमेरिका का कहना है कि इस क्रॉसिंग का इस्तेमाल ईरान समर्थित उग्रवादी समूह हथियारों के मूवमेंट के लिए करते थे।

राजनीतिक संकट?
दूसरी तरफ इस कार्रवाई के बाद नए डेमोक्रेटिक प्रशासन (Democratic) के लिए एक राजनीतिक संकट भी खड़ा हो गया है। जो बाइडेन (Joe Biden) की अपनी पार्टी के कई प्रमुख कांग्रेस सदस्यों ने इन हमलों की निंदा की है। डेमोक्रेट ने कहा है, कानूनविदों से इजाजत के बिना हवाई हमले किए गए लेकिन सीनेट के सशस्त्र सेवा समिति के रैंकिंग रिपब्लिकन जिम ओक्लाहोमा ने अमेरिकी कार्रवाई को सही ठहराया है। व्हाइट हाउस (White House) के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा है, बाइडेन ने अमेरिकी संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल किया है।

कार्रवाई जारी रहेगी।
पेंटागन ने स्पष्ट किया है कि हवाई हमला बॉर्डर कंट्रोल पॉइंट पर ईरान समर्थित समर्थित कातब हिजबुल्लाह और काताब सैय्यद अल-शुहादा (Kataeb Hezbollah and Kataeb Sayyid al-Shuhada) को ध्यान में रखकर किया गया था। हमला इराक में अमेरिका और गठबंधन सेनाओं पर किए गए हमले का करारा जवाब है। यह भी कहा गया है कि यदि जरूरत पड़ी तो अमेरिका आगे भी इस तरह की कार्रवाई को अंजाम देता रहेगा।

Friday, February 26, 2021

Rajasthan Budget 2021: Congress में 'गांधी परिवार' से बढ़कर कुछ नहीं, उठे सवाल

Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बजट के जरिए एक तीर से कई निशाने लगाने की कवायद की है। सीएम ने न केवल राजस्थान के प्रत्येक वर्ग के लिए घोषणाओं का अंबार लगा दिया है बल्कि कांग्रेस के भीतर गांधी परिवार के खिलाफ चल रही सियासत को भी आईना दिखाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट में आधा दर्जन घोषणाओं को गांधी परिवार के नाम पर शुरू करने का ऐलान कर बता दिया है कि आज भी कांग्रेस (Congress) की सियासत में गांधी परिवार (Gandhi Family) से बड़ा कुछ भी नहीं है।

विधानसभा में कल बजट पेश करने के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पेश किए गए बजट को उपचुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बजट की खास बात ये भी रही कि बजट पेश करने के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गांधी परिवार पर भी फोकस रहा। बजट में मुख्यमंत्री ने गांधी परिवार के नाम पर भी आधा दर्जन घोषणाएं की। इसके अलावा जिन चार सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वहां के दिवंगत विधायकों के नामों से कॉलेज खोलने की घोषणा की। दरअसल, विधानसभा में कल मुख्यमंत्री ने गांधी परिवार के नाम से जिन आधा दर्जन घोषणाएं की हैं, उनमें इंदिरा गांधी क्रेडिट कार्ड योजना, महात्मा गांधी संस्थान और गांधी दर्शन म्यूजियम बनाए जाने की घोषणा, आयुष्मान भारत- महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना, महात्मा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज स्थापित करने की घोषणा और जयपुर (Jaipur) में 200 करोड़ की लागत से राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी स्थापित करने की घोषणा की है। इसके साथ ही प्रदेश में राजीव गांधी युवा कोर का गठन भी होगा, जिनमें 500 राजीव गांधी युवा मित्रों का चयन किया जाएगा। बच्चों में नशे की प्रवृत्ति रोकने के लिए नेहरू बाल संरक्षण कोष की स्थापना और महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए जिला मुख्यालयों पर इंदिरा महिला शक्ति केंद्रों की स्थापना भी की जाएगी। वहीं सत्ता में आते ही कांग्रेस ने अटल सेवा केंद्रों का नाम बदलकर राजीव गांधी सेवा केंद्र कर दिया था। साथ ही अन्नपूर्णा रसोई के स्थान पर इंदिरा रसोई योजना और मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना का नाम भी अब बदलकर राजीव गांधी जल स्वावलंबन योजना कर दिया गया।

सीएम अशोक गहलोत ने कई अफवाहों पर लगा दी रोक।
सीएम की गांधी परिवार के नाम पर यह घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब कांग्रेस के भीतर ही गांधी परिवार के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी इन घोषणाओं के जरिए यह बता दिया है कि आज भी दिल्ली से लेकर राज्यों तक कांग्रेस के भीतर गांधी परिवार ही सर्वे सर्वा है। निश्चित तौर पर सीएम की इन बजट घोषणाओं का संदेश कांग्रेस के भीतर वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचाने की भी कवायद है।

Assembly Election 2021: West Bengal में चुनाव की तारीखों पर भड़कीं मुख्यमंत्री Mamata Banerjee, चुनाव आयोग पर बोला हमला।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद मुख्य मंत्री ममता बनर्जी भड़क गई हैंं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर निशाना साधा और कहा कि चुनाव आयोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर भी निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी अपने पैसों की ताकत का इस्तेमाल न करे।


एक चरण में कराना चाहिए था चुनाव।
ममता बनर्जी ने विवेक दुबे को चुनाव पर्यवेक्षक बनाए जाने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेल रही है। उन्होंने कहा कि बंगाल में एक ही चरण में चुनाव होना चाहिए था। उन्होंने 23 दिनों के चुनावी कार्यक्रम पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या ये 23 दिन बीजेपी को खेल खेलने के लिए दिए गए हैं?

चुनाव आयोग के अनुसार पश्चिम बंगाल में 8 चरण में विधानसभा चुनाव होंगे।
पहला चरण - 27 मार्च
दूसरा चरण - 1 अप्रैल
तीसरा चरण - 6 अप्रैल
चौथा चरण - 10 अप्रैल
पाँचवाँ चरण - 17 अप्रैल 
छठा चरण - 22 अप्रैल 
सातवाँ चरण - 26 अप्रैल 
आठवाँ चरण - 29 अप्रैल 
वोटों की गिनती 2 मई को होगी।
जिस पर विपक्षी पार्टियों के प्रतिक्रिया आने सुरु हो गए है।

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसन ने कहा कि इस चुनाव के लिए हम तैयार हैं और बीजेपी कहीं नहीं आएगी। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस पश्चिम बंगाल चुनाव में डट कर मुकाबला करेगी। हम चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। वहीं, बीजेपी नेता कैलास विजयवर्गीय ने कहा कि चुनाव आयोग शांति के साथ मतदान प्रक्रिया को पूरा कराए। ताकि लोग निर्भीक होकर अपने मत का इस्तेमाल कर सकें।

पश्चिम बंगाल में 294 सीटें।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधान सभा (West Bengal Assembly Election) की कुल 294 सीटें हैं और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार का कार्यकाल 30 मई को खत्म हो रहा है। पश्चिम बंगाल के अलावा असम, केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में इस साल चुनाव होने वाले हैं।

शबनम, अपने प्यार को पाने के लिए अपने प्रेमी के साथ मिल कर 7 लोगो को काट डाले थे।

उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले (Amroha) का बावनखेड़ी गांव हज़ारों-लाखों गांवों जैसी पहचान वाला था, लेकिन आज से करीब 12 साल पहले सन 2008 में अप्रैल की 15 तारीख ने इस गांव की पहचान हमेशा के लिए बदल दी। गांव के भरे-पूरे परिवार के साथ रहने वाली शबनम (Shabnam) नाम की लड़की रात में अचानक दहाड़ मारकर रोने लगती है। चीखें सुन जब गांव के लोग शबनम के घर पहुंचते हैं तो नजारा देख होश उड़ जाते हैं। घर खून से लथपथ होता है और एक नहीं बल्कि सात लाशें फर्श पर बिखरी होती हैं। 25 साल की शबनम चीख-चीख कर बताती है कि लुटेरों ने लूट के लिए उसके परिवार को मार डाला और फरार हो गए। पुलिस पहुंचती है, तफ्तीश होती है और पता चलता है कि मां, बाप, दो भाईयों, एक भाभी, मौसी की बेटी और एक भतीजे को किसी लुटेरे या डकैतों ने नहीं बल्कि उनकी अपनी 25 साल की शबनम ने ही मौत की नींद सुला दिया। उन दिनों स्कूल में पढ़ाने वाली शबनम पोस्टग्रेजुएट है, जबकि जिसके प्यार में उसने ये किया, वो सिर्फ पांचवीं पास।

आखिर क्यों की थी इतनी बड़ी वारदात।
शबनम इस कहानी की अकेली किरदार नहीं है। एक और शख्स था जिसने पूरी साजिश रची थी और वह था शबनम का प्रेमी सलीम। दरअसल, शबनम सलीम से प्यार करती थी, लेकिन प्यार की शुरुआत में शायद ही उसने सोचा होगा कि वह इसकी खातिर इतने रिश्तों का एक साथ क़त्ल कर देगी। शबनम के परिवार को सलीम के साथ उसका रिश्ता मंजूर नहीं था, इस कारण अक्सर तनाव रहता था। सलीम के साथ परिवार के सफाए की योजना शबनम ने जिस वक़्त बनाई तब वह गर्भवती थी। शबनम के परिवार को बिना शादी के इस तरह से प्रेग्नेंट होना शायद ही बर्दाश्त होता, ऐसे में उसने सबको मारने का फैसला कर लिया। 15 अप्रैल, 2008 की रात शबनम ने खाने में कुछ मिलाया और जब सब बेहोशी की नींद सो गए तो उसने एक-एक कर कुल्हाड़ी से सबको मौत के घाट उतार दिया।

पुलिस इस मामले में तफ्तीश में जुटी। घटना के एक हफ्ते भर में ही पता चला कि शबनम प्रेग्नेंट है। इसके बाद पुलिस ने जब कॉल डिटेल निकाली तो पता चला कि शबनम की एक शख्स से लगातार बात हुई, जिसका नाम सलीम था। शबनम से कड़ाई से पूछताछ हुई तो उसने सब उगल दिया। इसके बाद अरेस्ट हुए सलीम की निशानदेही पर वो कुल्हाड़ी भी बरामद कर ली गई, जिससे क़त्ल किया गया था। शबनम के साथ सलीम को भी सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। इन दोनों की दया याचिका तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा ही ख़ारिज की जा चुकी है। शबनम पोस्टग्रेजुएट है और जिन दिनों उसने इस वारदात को अंजाम दिया, तब वह एक स्कूल में पढ़ाती थी। जबकि सलीम सिर्फ पांचवीं पास था।

अपने पत्रकार दोस्त को सौंपा बच्चा।
जेल जाने के करीब सात माह बाद शबनम के एक बेटे को जन्म दिया। कई साल तक ये बच्चा शबनम के साथ रहा। 2015 में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद शबनम ने इस बच्चे को अपने दोस्त और उसकी पत्नी को सौंप दिया था। शबनम ने जिसे बच्चा सौंपा था वह पेशे से पत्रकार भी है। शबनम ने बच्चे को सौंपते समय शर्त रखी कि बच्चे का नाम बदल दिया जाए और कभी उस गांव में नहीं ले जाया जाए जहां उसने इस वारदात को अंजाम दिया था। शबनम का बेटा ताज मोहम्मद करीब 11 साल का है।

शबनम के खिलाफ नहीं जारी हो सका डेथ वॉरंट, कोर्ट ने जताई असमर्थता।

शबनम के खिलाफ नहीं जारी हो सका डेथ वॉरंट, यानी सजा ए मौत की तामील से पहले शबनम को कुछ और वक्त मिल गया है, रामपुर जेल में कैद शबनम को फांसी कब होगी अभी इसपर फैसला नहीं हो सका है।

रामपुर की जेल में फांसी के फंदे का इंतेजार कर रही शबनम को बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को शबनम को फांसी देने की तारीख तय होनी थी, शबनम को फांसी दिए जाने के लिए मथुरा की जेल में सारी तैयारी कर ली गई थी, लेकिन कोर्ट ने डेथ वॉरंट जारी करने से इनकार कर दिया।

यानी सजा ए मौत की तामील से पहले शबनम को कुछ और वक्त मिल गया है, रामपुर जेल में कैद शबनम को फांसी कब होगी अभी इसपर फैसला नहीं हो सका है। शबनम को फांसी देने के लिए सरकारी वकील की ओर से मथुरा के जिला जज के पास डेथ वॉरंट जारी करने की मांग रखी गई थी, हालांकि राजभवन में शबनम की दया याचिका लंबित होने के कारण जज ने वॉरंट जारी करने से मना कर दिया। 

लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है, जेल से शबनम ने अब सीबीआई जांच की मांग कर दी है। दया याचिका पर फैसला आने के बाद अब शबनम की जिंदगी और मौत पर आखिरी मुहर लगेगी। शबनम को अगर फांसी होती है तो भारत की पहली महिला होगी जिसे फांसी दी जाएगी।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...