Popular Posts

Monday, February 8, 2021

मछुआरे की पलटी किस्मत, सीप के मोती ने बनाया करोड़पति।

World’s Most Expensive Pearl: कहते हैं कि आदमी की किस्मत का किसी को नहीं पता। ऐसे तमाम वाकये आपने देखें होंगे जिसमें आदमी कुछ ही पलों में फर्श से अर्श और अर्श से फर्श पर चला जाता है। ऐसा ही एक घटना थाईलैंड (Thailand) में घटी है। यहां एक मछुआरे की किस्मत अचानक ही पलट गई और वह एक ही पल में करोड़पति बन बैठा।

थाईलैंड के एक मछुआरे हचाई नियोमादेचा एक मोती मिला है। इस मोती की कीमत करीब 2.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि हचाई नियोमादेचा (Hatchai Niyomdecha) ने सपना देखा था कि उसे कोई बड़ा गिफ्ट मिलने वाला है, इस सपने के बाद ही उसे समुद्र के किनारे यह मोती मिला। 
हचाई समुद्र तट पर अपने परिवार के साथ सीप (Shells) चुन रहा था तभी उसकी नजर पानी में तैरते एक वस्तु पर गई, जिस पर कई सीप लगे थे। इनमें से तीन स्नेल शेल (Snail Shells) थे। हचाई इन सीप को लेकर पिता के पास गए। पिता ने जब सीप की सफाई की तो उन्हें नारंगी रंग का मोती दिखाई दिया। ये मोती समुद्री घोंघे (melo melo) से बनता है और शेल में ही रहता है, जबकि पारंपरिक मोती ओएस्टर्स के अंदर मिलते हैं।

बताया जा रहा है कि यह दुनिया के सबसे महंगे मोतियों में से एक है. इस मोती का वजन 7.68 ग्राम बताया जा रहा है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, चीन से मोतियों के कुछ खरीदार थाईलैंड रवाना हो गए हैं। वे इस मोती को सीधे खरीदाना चाहते हैं। बताया जा रहा है कि इन व्यापारियों को हचाई नियोमादेचा से मिलने से पहले दो हफ्तों को क्वारंटाइन पूरा करना होगा। स्थानीय मीडिया से बात करते हुए Niyomdecha ने बताया कि अब वो अपने कीमती मोती को बेचने की तैयारी कर रहे हैं। कई व्यापारी उनके संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि वह उसे ही यह मोती बेचेगा जो इसका सबसे ज्यादा दाम देगा।

Melo Moti नारंगी और भूरे रंग के होते हैं। इनमें से सबसे महंगा मोती नारंगी ही होता है। आमतौर पर ये South China Sea और म्यांमार के पास अंडमान सागर में पाए जाते हैं। हचाई को नाखो सि थमारत (Nakhon Si Thammarat) प्रांत के तट पर यह मोती मिला था। माना जा रहा है कि यह दक्षिणी चीन सागर से पानी में बहते हुए वहां पहुंचा होगा।

Saturday, February 6, 2021

अगर आप भी शेयर बाजार में भाग्य आजमाना चाहते हैं तो करे राकेश झुनझुनवाला को फॉलो।

नई दुनिया: छोटी रकम के निवेश से भी अमीर बना जा सकता है। बस आपको मार्केट के कुछ बेसिक नियमों पर ध्‍यान देना होगा। ये वो नियम हैं, जिन्हें कई बड़े निवेशकों ने शेयर बाजार में अपनाया है और आज अमीरों की लिस्ट (Richest man list) में शामिल हैं। शेयर बाजार से अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो आपको इन 5 गोल्डन टिप्स (Goldent Tips) को ध्यान रखना होगा। कमाई के ये टिप्स आपकी छोटी रकम को करोड़ों में बदल सकते हैं।

ग्‍लोबल इनवेस्‍टर वॉरेन बफे (Warren buffett), राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala), आरके दमानी (RK Damani) जैसे शेयर मार्केट के टॉप निवेशकों ने भी ये ही टिप्स अपनाए हैं। इन फार्मूलों की वजह से इन दिग्गजों की रकम अपनी शुरुआती रकम के मुकाबले कई गुना हो चुकी है। राकेश झुनझुनवाला और आरके दमानी भारत के टॉप अमीर निवेशकों में हैं। वहीं, वॉरेन बफे दुनिया के टॉप अमीरों में शामिल हैं।

वक्त का इंतजार न करें।
वॉरेन बफे के मुताबिक मार्केट में निवेश के लिए हर वक्त सही होता है। अगर किसी कंपनी के स्टॉक (Best Stock to invest) वाजिब कीमत में हैं तो निवेश शुरू कर दें। भले ही उस समय मार्केट में दबाव देखने को मिल रहा हो। आम निवेशक सही समय के इंतजार में मार्केट में निवेश नहीं कर पाते। वहीं जब समय बीत जाता है तो वो मार्केट की चाल को देखकर ऊंचे स्तरों पर पहुंचे स्टॉक्स में निवेश कर देते हैं और घाटा उठा लेते हैं।

दूसरों को देखकर पैसा न लगाएं।
वॉरने बफेट के मुताबिक, अगर आप सिर्फ इस वजह से किसी स्टॉक में पैसा लगा रहे हैं, क्योंकि दूसरे भी उसमें पैसा लगा रहे हैं, तो आप नुकसान उठा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में सफल होने का मंत्र (Stock Market investment mantra) है कि आप लोगों को फॉलो न करें, लोग आपको फॉलो करें। जब दूसरे लालच में आ रहे हों तो सतर्क हो जाएं। वहीं, जब दूसरे सतर्क रुख अपनाने की कोशिश कर रहे हों तो कमाने के बारे में सोचने लगें।

कीमत पर न जाएं, वैल्यू देखें।
किसी शेयर में पैसा लगाने के पहले यह न देखें कि इस शेयर कीमत ज्यादा है तो यह बेहतर होगा। कई बार 50 से 100 रुपए के बीच की कीमत वाला शेयर ज्यादा मूल्यवान हो सकता है, अगर उस कंपनी का प्रदर्शन बेहतर है। स्टॉक मार्केट के बड़े निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala portfolio) का मानना है कि किसी भी शेयर में पैसा लगाने के पहले उस कंपनी का प्रदर्शन देख लें। कंपनी का प्रदर्शन बेहतर है तो मार्केट के उतार-चढ़ाव से दिक्कत नहीं होगी।

डिविडेंड देने वाली कंपनियों पर करें भरोसा।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि निवेश करने के पहले ये देख लें कि कौन सी कंपनियां रेगुलर डिविडेंड दे रही हैं। अगर कोई कंपनी रेगुलर बेसिस पर डिविडेंड दे रही है तो इसका मतलब है कि उस कंपनी के पास कैश की कोई कमी नहीं है। कैश सरप्लस वाली कंपनियों का प्रदर्शन भी बेहतर रहता है। ऐसे में इन कंपनियों के शेयर के साथ आपका पैसा ज्यादा तेजी से बढ़ने का चांस रहता है।

कम कर्ज वाली कंपनियों का चुनाव करें।
निवेश करने के पहले ये भी देख लें कि किस कंपनी पर कर्ज कम है। कर्ज कम होने से कंपनियों पर कैश को लेकर दबाव नहीं रहता है। TCS और इंफोसिस जैसी कंपनियां इसका उदाहरण हैं।

किसान आंदोलन के बीच दिल्ली सरकार की शर्मनाक चेहरा सामने आया पुलिस को कहा लौटाओ DTC बसें।

केजरीवाल सरकार (Delhi government) ने दिल्ली पुलिस से DTC बसें (DTC buses) लौटाने को कहा है। दरअसल दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन (farmers agitation) को ध्यान में रखते हुए डीटीसी की ये बसें सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किसान प्रदर्शन के दौरान आवाजाही के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं। ऐसे में दिल्ली परिवहन विभाग (Delhi Transport Department) ने दिल्ली पुलिस को दी गई 576 बसों को वापस करने को कहा है। इससे पुलिस की मुश्किल बढ़ सकती है।


बसें तुरंत लौटाने को कहा Asked to return the buses immediately।
परिवहन विभाग (Transport Department) के मुताबिक शहर के अलग अलग हिस्सों में तैनाती के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बल के कर्मचारियों की आवाजाही के लिए लो-फ्लोर डीटीसी बसों (low-floor DTC buses) का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि संबंधित विभागों को बसों को जल्द छोड़ने के लिए कहा गया है। विभाग के मुताबिक दिल्ली सरकार (Delhi government) द्वारा ली गई डीटीसी से ली गई रिपोर्टों से पता चला है कि दिल्ली के डिपो में 20 प्रतिशत से अधिक बसें स्पेशल किराये पर चल रही हैं। इतना ही नहीं, 26 जनवरी को हुई हिंसा के दौरान कई बसें को नुकसान भी पहुंचा है। फिलहाल DTC के पास कुल 3,700 से अधिक डीटीसी बसें हैं।

स्पेशल किराए पर चल रहीं हैं बसें Buses are running on special fare।
सरकारी अधिकारी ने हा कि 'स्पेशल किराये' पर चल रहीं डीटीसी की बसों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया गया है। अधिकारियों द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि अब विशेष किराया के तहत डीटीसी की बसों को लेने के लिए दिल्ली पुलिस या किसी सुरक्षा एजेंसी (security agency) को सरकार की मंजूरी लेनी होगी। दिल्ली सरकार के इस फैसले के पीछे कईं वजहें हैं। एक तो दिल्ली सरकार को डिपो में बसों की कमी (shortage of buses) की लगातार शिकायतें मिल रही हैं और दूसरा 26 जनवरी की घटना में बसों को नुकसान पहुंचा है। इतना ही नहीं, दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा बसों का इस्तेमाल बैरिकेडिंग के लिया किया जा रहा है, जिससे बसों के नुकसान होने की संभावना अधिक है।

दिल्ली पुलिस की बढ़ेगी मुश्किल Delhi Police।
दिल्ली सरकार के इस फैसले से दिल्ली पुलिस की मुश्किल बढ़ सकती है। दिल्ली की सीमाओं पर भारी संख्या में पुलिस और पैरामिलिट्री बलों की तैनाती की गई है, जहां किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का पिछले दो महीने से विरोध कर रहे हैं। बता दें कि पुलिस तैनाती के अलावा, दिल्ली की सीमाओं की कील, तार और बैरिकेडिंग से किलेबंदी कर दी गई है। DTC की बसें जरूरत के मुताबिक मौके पर सुरक्षा बल पहुंचाने में काफी मददगार साबित हो रहीं थीं।

Valentine's day 2021 Special: इस वैलेंटाइंस डे कुछ नया Try करें।

नई दुनिया: फरवरी का महीना यानी प्रेम का महीना। वैलेंटाइंस डे (Valentine's day 2021) के दिन लोग बाहर घूमना, साथ में मूवी देखना, डिनर डेट या लॉन्ग ड्राइव पर जाना पसंद करते हैं। लेकिन इस वैश्विक महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में अगर आपने अबतक कहीं जाने का प्लान नहीं बनाया है तो आप घर पर (Valentine's Day 2021 Recipe) अपने पार्टनर संग रोमांटिक अंदाज में वैलेंटाइंस डे (Valentine's Day 2021) को खास बना सकते हैंं।


इस Valentine's day कुछ अलग करें।
कहते हैं प्रेम हर हालात और परिस्थिति में एक सामान रहता है। कोरोना महामारी के बीच इस वैलेंटाइन डे (Valentine's Day) को घर पर ही खास बनाने के लिए हम आपके लिए लाए हैं कुछ लजीज डिशेज (Valentine's Day 2021 Recipe)। इस टेस्टी और मजेदार डिशेज को बना कर आप अपने पार्टनर के साथ घर पर बनाकर वैलेंटाइंस डे सेलिब्रेट (Valentines Day 2021 Celebration) कर सकते हैं। यहां जानिए वैलेंटाइन्स डे खास व्यंजनों के बारे में।

हार्ट केक (heart cake)।
फरवरी महीने का नाम सुनते ही हवा में प्रेम की खुशबू का एहसास होने लगता है। मन रोमांटिक होने लगता है। इस वैलेंटाइंस डे (Valentine's Day 2021 Recipe) पर अपने पार्टनर के लिए खास हार्ट केक रेसिपी (Heart Cake Recipe) को जरूर ट्राई करें। इस केक को आप घर पर आसानी से कुछ मिनटों में बना सकती हैं। ये केक वैलेंटाइंस डे को और स्पेशल बना सकता है। फिर देर किस बात की इस वैलेंटाइंस डे पर इस केक रेसिपी जरूर ट्राई करें। इसे आप आसानी से केवल कुछ मिनटों में बना सकते हैं।

हार्ट-शेप्ड दालचीनी कुकीज (Heart Shaped Cookies) ।
कोरोना काल में वैलेंटाइंस डे (Valentine's Day 2021 Recipe) पर डेट पर कहीं बाहर जाकर डिनर करने से अच्छा है कि आप घर पर ही अपने पार्टनर के साथ कोई मजेदार डिश ट्राई करें। इससे आप एकदूसरे के और करीब आएंगे। दालचीनी कुकीज (Heart Shaped Cookies) न तो ज्यादा मीठी होती है और न ही ज्यादा नमकीन ये एक बैलेंस्ड टेस्ट आता है जो कि आपके पार्टनर का दिल जीत लेगा। इसे आप घर पर आसानी से किसी बना सकती हैं, तो फिर जल्दी करें।

बादाम कुकीज (Almond Cookies)।
बादाम कुकीज (Almond Cookies) सिंपल लेकिन बेहद स्वादिष्ट है डिश है। सबसे खास कि इसे आप घर पर चंद मिनटों में बना सकती हैं। इस वैलेंटाइंस डे (Valentine's Day 2021 Recipe) पर अपने पार्टनर के साथ कुछ स्पेशल बनाकर इस दिन को और खास बना सकती हैं। ऐसे में बादाम कुकीज जरूर ट्राई करें। आपकी हल्की सी मेहनत आपके पार्टनर के चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। तो फिर बिना देर किए वैलेंटाइंस डे पर इस शानदार डिश को ट्राई करें।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बदला इतिहास अब कोई खुफिया जानकारी नहीं दी जाएगी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गोपनीय खुफिया जानकारियां नहीं दी जानी चाहिये। अमेरिका में कार्यकाल पूरा करने वाले राष्ट्रपति को शिष्टाचार के तौर पर ऐसी जानकारियां देने का इतिहास रहा है। 'सीबीएस न्यूज' पर इंटरव्यू में जब बाइडन से पूछा गया कि ट्रंप को जानकारियां देना जारी रहने की स्थिति में उन्हें किस बात का डर है तो उन्होंने कहा कि वह इस मामले में ज्यादा कयास नहीं लगाना चाहते हैं लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वह नहीं चाहते कि ट्रंप को जानकारियां दी जाती रहें।

बाइडन ने शुक्रवार को कहा, 'मुझे केवल यही लगता है कि उन्होंने खुफिया जानकारियां देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्हें खुफिया जानकारियां देने का क्या महत्व है? वह क्या प्रभाव डाल सकते हैं? इसके बजाय तथ्य तो यह है कि कभी भी उनकी जुबान फिसल सकती है और वह कुछ भी कह सकते हैं।

इससे पहले, इस सप्ताह की शुरुआत में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा था कि ट्रंप को खुफिया जानकारियां देने के विषय में समीक्षा की जा रही है। डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ सांसदों और यहां तक कि तत्कालीन ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने भी उन्हें जानकारी देते रहने के बारे में सवाल उठाए थे।

इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पहले भाषण में कहा था कि 'लोकतंत्र की जीत हुई है। श्वेतों को श्रेष्ठ मानने की मानसिकता, घरेलू आतंकवाद को हराएंगे। मैं चाहता हूं कि प्रत्येक अमेरिकी हमारी इस लड़ाई में शामिल हो।'

Friday, February 5, 2021

'ये भारत की बात है' के एंकर विकास शर्मा का निधन।

हिंदी जगत के शो ये भारत की बात है के एंकर विकास शर्मा अब हमारे बीच नहीं हैं। ये हमारे लिए बहुत दुख की घड़ी है। जैसा आप सभी जानते हैं विकास शर्मा R.भारत के साथ लॉन्चिंग के वक्त से ही जुड़े थे।

कानपुर के छोटे से गांव से निकल कर देश के नंबर वन शो के एंकर बनने तक विकास शर्मा की जिंदगी एक लड़के के बहुत कम समय में अपनी कठिन मेहनत से आम से खास बनने की कहानी है। दो साल पहले विकास ने रिपब्लिक के साथ अपने नए सफर का आगाज़ किया था, नंबर वन बनने की मंजिल की तलाश में निकले विकास के लिए चुनौतियां बहुत थीं, लेकिन जो चुनौतियों से हार जाए वो विकास शर्मा नहीं थे, अपनी लगन और अथक परिश्रम से बहुत कम समय में 9 बजे बड़े बड़े दिग्गदजों की भीड़ में विकास ने ना सिर्फ अपना मुकाम बनाया बल्कि खास अंदाज़ से लोगों का दिल भी जीत लिया।

लोग विकास की एंकरिंग और रपोर्टिंग के कायल हो चुके थे। वहीं विकास शर्मा के निधन पर रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने दुख जताया। अर्नब ने कहा कि, 'विकास के तेवर, विकास का तरीका अलग था, अंदाज़ औरों से जुदा था और उनके इसी अंदाज़ में आम लोगों को खुद की कहानी अपने सवाल, अपनी परछाई, अपना गुस्सा, अपनी बात नजर आने लगी, अपने भारत की बात सुनाई देने लगी।

विकास ने हर चुनौती को मुस्कुरा कर अपनाया, बात चाहे बिहार में बेहाल अस्पतालों की हो य़ा फिर सुशांत के लिए इंसाफ की मुहिम हो, विकास डटे रहे, लड़ते रहे, यहां तक की कोरोना से भी जंग जीत कर दफ्तर लौटे और एक बार फिर बाबुलंद भारत की बात शुरु की।' कहते हैं भगवान की मर्जी के आगे किसी का जोर नहीं चलता। विकास की जिंदगी लंबी ना सही लेकिन बड़ी जरुर थी जो आने वाले समय में युवाओं को प्रेरित करती रहेगी। विकास आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वो आपकी और हमारी यादों और दिलों में ज़िंदा हैं और हमेशा रहेंगे।

शुक्रवार के दिन रखे मां संतोषी की व्रत और सुने कथा, होगी हर मनोकामना पूरी।

मां संतोषी को मां दुर्गा के सबसे शांत, कोमल रूपों में से एक माना जाता हैं। संतोषी माता कमल के फूल में विराजमान हैं। मां संतोषी के पिता भगवान गणेश और माता रिद्धि-सिद्धि हैं। धन-धान्य और रत्नों से भरा परिवार होने के कारण इन्हें देवी संतोषी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार शुक्रवार का दिन माता संतोषी को समर्पित होता है। इस दिन मां संतोषी की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन मां का व्रत रखने से आपकी हर इच्छा पूरी हो जाती हैं।

जानिए पूजा विधि, व्रत कथा, सामग्री और आरती।
एक बूढी औरत थी, जिसके 7 बेटे थे। इनमें से 6 बेटे बहुत मेहनती थे औए एक बेटा, जो सभी भाइयों में सबसे छोटा था। वह आलसी था और कुछ भी नहीं कमाता था। जब वो बूढी औरत खाना बनाती तो अपने 6 बेटों को अच्छे से खाना खिलाती और निकम्मे बेटे को सभी भाइयों की जूठन वाला खाना परोस देती थी। सबसे छोटा बेटा बहुत भोला था और इस बात से अनजान भी था। एक दिन सबसे छोटे बेटे ने अपनी पत्नी से कहा कि 'देखो मेरी मां मुझे कितना प्यार करती हैं।' इस पर उसकी पत्नि व्यंग करते हुए बोली कि हां क्यों नहीं, रोज सभी की जूठन जो परोस कर दे देती हैं। इस बात को सुनकर उस बेटे ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता हैं? जब तक मैं स्वयं अपनी आंखों से नहीं देख लेता, तुम्हारी इस बात पर विश्वास नहीं करूंगा। तब पत्नी ने कहा कि स्वयं देखने के बाद तो विश्वास करेंगे ना। कुछ दिनों बाद एक त्यौहार आया और घर में विभिन्न प्रकार के व्यंजन और लड्डू आदि बनाए गए। अपनी पत्नी द्वारा कही गयी बात की सच्चाई को परखने के लिए सबसे छोटा बेटा तबियत ख़राब होने का बहाना करके रसोई में गया और वहीं ज़मीन पर लेट गया और मुंह पर एक पतला कपड़ा ढंक लिया ताकि वह सब देख सकें। सभी भाई रसोई में भोजन ग्रहण करने आये। उसकी माँ ने सभी 6 भाइयो को लड्डू और अन्य व्यंजन बहुत ही प्रेम पूर्वक परोसे और जब उन सभी ने भोजन कर लिया और वे चले गये, तब उन 6 भाइयों की थाली में से बचे हुए भोजन को इकठ्ठा करके मां ने सबसे छोटे बेटे की थाली परोसी और लड्डू का जो भाग बचा था, उन्हें मिलाकर एक लड्डू बनाकर छोटे बेटे की थाली में रख दिया। छोटा बेटा इस पूरे क्रियाकलाप पर नज़र रखे हुए था। इसके बाद उसकी मां ने उसे आवाज लगाई कि बेटे उठ जाओ, तुम्हारे सारे भाई भोजन करके चले गये हैं, तुम कब भोजन करोगे, उठो और भोजन ग्रहण कर लो। तब वह उठा और बोला कि माँ तुम मुझे सबकी जूठन परोसती हो, मुझे इस प्रकार का भोजन नहीं करना हैं, मैं घर छोड़कर जा रहा हूँ। तब उसकी माँ ने भी कह दिया कि ठीक हैं यदि जाते हो तो जाओ और अगर कल जाने वाले हो तो आज ही चले जाओ। माँ के मुंह से इस प्रकार के कटु वचन सुनकर बेटा बोला कि हां, मैं आज ही जा रहा हूं और अब कुछ बनकर ही घर लौटूंगा।

यह कहकर वो घर से जाने ही वाला था कि तभी उसे अपनी पत्नी का स्मरण हुआ। उसकी पत्नी गायों के तबेले में गोबर के कंडे बना रही थी। वह तबेले में गया और अपनी पत्नी से बोला कि मैं कुछ समय के लिए दूसरे देश जा रहा हूं। तुम यहीं रहो और अपने कर्तव्यों का पालन करो। मैं कुछ समय बाद धन कमाकर वापस लौट आऊंगा। तब उसकी पत्नी ने कहा कि आप बेफिक्र होकर जाइए और अपने काम में अपना ध्यान लगाइए। जब तक आप वापस नहीं आ जाते मैं आपका यहीं रहकर इन्तज़ार करूंगी। परन्तु अपनी कोई निशानी मुझे दे जाइये। तब उसने कहा कि मेरे पास तो कुछ भी नहीं हैं सिवाय इस अंगूठी के तुम इसे मेरी निशानी के रूप में रख लो और अपनी भी कोई निशानी मुझे दो। तब उसकी पत्नी ने कहा कि मेरे पास तो कुछ भी नहीं हैं। तब उसके हाथ गोबर से भरे हुए थे तो उसने उसके पति की कमीज़ पर पीठ पर अपने गोबर से भरे हाथों की छाप छोड़ दी और कहा कि यही मैं निशानी के तौर पर आपको देती हूं।

इसके बाद छोटा बेटा दूसरे देश धन कमाने के उद्देश्य से चला गया। चलते-चलते वह बहुत दूर तक आ गया। तब उसे एक बहुत बड़े व्यापारी की दुकान दिखाई दी। वह उस दुकान पर गया और बोला कि सेठजी, मुझे आप अपने यहां काम पर रख लीजिये। उस समय सेठ को भी एक आदमी की आवश्यकता थी। सेठ ने उसे काम पर रख लिया। वह वहां नौकरी करने लगा और कुछ ही दिनों में उसने खरीदी, बिक्री, हिसाब – किताब और अन्य सभी काम भी बहुत ही अच्छे से संभाल लिए। उस सेठ के यहां और भी नौकर थे, वे सभी और स्वयं सेठ भी यह सब देखकर बहुत हैरान थे कि यह व्यक्ति कितना बुद्धिमान और होशियार हैं। उसके काम को देखकर 3 महीनों में ही सेठ ने उसे अपने व्यापार में बराबरी का साझेदार बना लिया और अगले 12 वर्षों में वह बहुत ही प्रसिद्ध व्यापारी बन गया और अब सेठ ने पूरे कारोबार की बागडोर उसके हाथ में दे दी और खुद दूसरे देश चला गया। उसकी पत्नि के साथ उसके सास और ससुर अर्थात् बेटे के माता -पिता बहुत बुरा बर्ताव करने लगे। घर के सभी कामों का बोझ उसकी पत्नी पर डाल दिया और इसके साथ ही उसे जंगल में लकड़ियां लेने भी भेजते थे। इसके अलावा उसके लिए जो रोटी बनती थी, वह अनाज की नहीं, बल्कि भूसे की होती थी और पीने का पानी उसे टूटे हुए नारियल के कवच में दिया जाता था। उसके दिन इतनी कठिनाइयों में बीत रहे थे।

एक दिन जब वह लकड़ियां चुनकर जंगल से अपने घर की ओर लौट रही थी तो उसने कुछ औरतों को संतोषी माता का व्रत करते हुए देखा. वह वहां खड़ी हो गयी और माता की कथा सुनने लगी। इसके बाद उसने वहां उपस्थित औरतों से पूछा कि बहनों, आप यह किस भगवान का व्रत कर रही हैं और इससे आपको क्या फल प्राप्त होगा? इसे करने के नियम क्या हैं? अगर आप मुझे इस बारे में बताएंगी तो आपकी बड़ी कृपा होगी और मैं भी इस व्रत को करुंगी। तब उनमें से एक औरत बोली कि हम सभी यहाँ मां संतोषी का व्रत और पूजा कर रहे हैं। इस व्रत को करने से सारी विपत्तियां और संकट टल जाते हैं, धन की प्राप्ति होती हैं और सारी परेशानियां दूर होती है। स्त्रियों ने बताया, शुक्रवार को स्नान करते हुए एक लोटे में शुद्ध जल ले गुड़-चने का प्रसाद लेना तथा सच्चे मन से मां का पूजन करना चाहिए। खटाई भूल कर भी मत खाना और न ही किसी को देना। एक वक्त भोजन करना। व्रत विधान सुनकर अब वह प्रति शुक्रवार को संयम से व्रत करने लगी। माता की कृपा से कुछ दिनों के बाद पति का पत्र आया। कुछ दिनों बाद पैसा भी आ गया। उसने प्रसन्न मन से फिर माता का व्रत रखा और मंदिर में जाकर अन्य स्त्रियों से कहा,संतोषी मां की कृपा से हमें पति का पत्र तथा रुपया आया है। अन्य सभी स्त्रियां भी श्रद्धा से व्रत करने लगीं। बहू ने कहा-हे मां! जब मेरा पति घर आ जाएगा तो मैं तुम्हारे व्रत का उद्यापन करूंगी। अब एक रात संतोषी मां ने उसके पति को स्वप्न दिया और कहा कि तुम अपने घर क्यों नहीं जाते? तो वह कहने लगा- सेठ का सारा सामान अभी बिका नहीं। रुपया भी अभी नहीं आया है। उसने सेठ को स्वप्न की सारी बात कही तथा घर जाने की इजाजत मांगी लेकिन पर सेठ ने मना कर दिया। मां की कृपा से कई व्यापारी आए, सोना-चांदी तथा अन्य सामान खरीदकर ले गए। कर्जदार भी धन लौटा गए। तब साहूकार ने उसे घर जाने की इजाजत दे दी।

घर आकर पुत्र ने अपनी मां व पत्नी को बहुत सारे रुपए दिए। पत्नी ने कहा कि मुझे संतोषी माता के व्रत का उद्यापन करना है। उसने सभी को न्योता दे उद्यापन की सारी तैयारियां की। पड़ोस की एक स्त्री उसे सुखी देख ईर्ष्या करने लगी थी। उसने अपने बच्चों को सिखाया कि तुम भोजन के समय खटाई जरूर मांगना। उद्यापन के समय खाना खाते-खाते बच्चे खटाई मांगने लगे तो बहू ने पैसा देकर उन्हें बहलाया। बच्चे दुकान से उन पैसों की इमली-खटाई खरीदकर खाने लगे, ऐसा होने पर बहू पर संतोषी माता क्रोधित हुईं। नगर के राजा के दूत उसके पति को पकड़कर ले जाने लगे, बहू की स्थिति पुन: वैसी ही हो गई तब उसने माता के मंदिर में जाकर पूछा कि मां मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है तब मां ने कहा कि उद्यापन में बच्चों ने पैसों की इमली खटाई खाई है जिसका परिणाम तुम्हें भुगतना पड़ रहा है। फिर बहू ने पुन: व्रत के उद्यापन का संकल्प किया।सभी मनोकामनाओं की होती है पूर्तिसंकल्प के बाद वह मंदिर से निकली तो राह में पति आता दिखाई दिया। पति बोला कि जो इतना धन कमाया था राजा के पास उसका कर चुकाने गया था। तब वह बोली कि अब चलो घर चलते हैं। फिर अगले शुक्रवार को उसने विधिवत व्रत का उद्यापन किया। इससे संतोषी मां प्रसन्न हुई। 9 माह बाद दंपत्ति को सुंदर पुत्र की प्राप्ति हुई।

अब सास, बहू तथा बेटा मां की कृपा से आनंद से रहने लगे। संतोषी माता की अनुकंपा से व्रत करने वाले सभी स्त्री-पुरुषों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हां संतोषी मां के व्रत में एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि खट्टी चीजों से परहेज करना चाहिए।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...